डिप्लोमा नर्सिंग कॉलेज की मान्यता नियम कर दिए शिथिल Uncategorized by mpeditor - February 23, 2024February 23, 20240 याचिकाकर्ता को नोटिफिकेशन पेश करने मिला समय जबलपुर – लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नए नियम संबंधित नोटिफिकेशन पेश करने के लिए समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित की है।प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेज को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई की गई। इसमें हाईकोर्ट को बताया गया कि सरकार ने डिप्लोमा नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधित नियमों को शिथिल कर दिया है। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथ जस्टिस पीसी पालीवाल की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को नए नियम संबंधित नोटिफिकेशन पेश करने के लिए समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित की है।गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए गए थे। सीबीआई की तरफ से 308 कॉलेज की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की गई थी। सीबीआई ने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने 56 कॉलेजों की जांच पर स्थगन आदेश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया था कि सीबीआई ने सिर्फ डिग्री नर्सिंग कॉलेजों की जांच की है। डिप्लोमा नर्सिंग कॉलेजों की जांच नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को डिप्लोमा नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश जारी किए थे।सीबीआई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में संचालित 169 नर्सिंग कॉलेज पात्र पाए गए हैं। जबकि 74 नर्सिंग कॉलेज ऐसे पाए गए जो मानकों को तो पूरा नहीं करते हैं, किंतु उनमें ऐसी अनियमितताएं हैं जिन्हें सुधारा जा सकता है तथा 65 कॉलेज अयोग्य पाए गए हैं। युगलपीठ ने अपने आदेश में अपात्र पाए गए कॉलेजों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया। इन कॉलेजों के छात्रों को किसी अन्य कॉलेजों में समायोजित नहीं किया जाएगा।युगलपीठ ने अपने आदेश में मानक पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों की खामियां दूर करने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस आर के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि कमेटी सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर मानक पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को खामियां दूर करने समय प्रदान करेंगी। निर्धारित समय अवधि के बाद कॉलेजों की रिपोर्ट व राज्य सरकार को सौंपी जाएंगी। रिपोर्ट के आधार पर खामियां दूर नहीं करने वाले कॉलेजों पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कमेटी मान्यता प्रणाली और संबंधित नियम को मजबूत करने तथा संस्थानों में सुधार के संबंध में अपने सुझाव दे सकते हैं। कॉलेजों को मान्यता देने के लिए निरीक्षण करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा के निर्देश भी कमेटी को दिए गए थे।युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि शेष कॉलेजों की जांच सीबीआई तीन माह में पूरी कर जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें। याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से दो आवेदन पेश किए गए। आवेदन में राहत चाही गई थी कि वर्ष 2002 तथा 2023 के छात्रों की नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ करने अनुमति प्रदान की जाए। इसके अलावा नये सत्र में दाखिला प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की जाए। याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति पेश करते हुए कहा गया कि सरकार ने डिप्लोमा नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधित नियमों को शिथिल कर दिया है। सीबीआई की जांच भी लंबित है। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को नियम शिथिल करने के संबंध जारी नोटिफिकेशन पेश करने के निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की।