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दतिया के सेवढ़ा मंदिर का मामला

2 मिनट की बात 20 मिनट में नहीं समझा पाया वकील, चीफ जस्टिस बोले, आप सरकारी वकील लायक नहीं

ग्वालियर – अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान मप्र हाई के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के सब्र का बांध टूट गया। बृज किशोर शर्मा की याचिका पर दतिया कलेक्टर की ओर से पक्ष रखते हुए शासकीय अधिवक्ता आरके अवस्थी डिवीजन बेंच को ये नहीं बता पाए कि प्रशासन ने आदेश का पालन किया है या नहीं?
चीफ जस्टिस ने कहा कि जो बात 2 मिनट में बताई जा सकती है, आप उसे 20 मिनट में नहीं समझा पा रहे? ये हमारे लिए बहुत बड़ा टॉर्चर है। चीफ जस्टिस यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि आरके अवस्थी सरकारी वकील बनने के लायक नहीं हैं‍। उन्होंने अतिरिक्त महाधिवक्ता को उनसे सारे केस लेने और पद से हटाने के लिए कहा। दरअसल, सेवढ़ा स्थित मंदिर में कुप्रबंधन व अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए याचिका दायर की गई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे कलेक्टर दतिया को अभ्यावेदन दें और वे इस पर विधि अनुसार कार्रवाई करें।

कोर्ट रूम लाइव: मामला 2021 का और कितना समय चाहिए?

बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जब सरकारी वकील से पूछा कि कुप्रबंधन की शिकायत पर क्या कार्रवाई की, तो वे जवाब पढ़ने लगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि पढ़ना बंद करें। ऑफिस में पढ़कर आया करें। कोर्ट में तर्क दीजिए।
कोर्ट की समझाइश के बाद भी सरकारी वकील ये नहीं बता पाए कि पूर्व में दिए गए आदेश का पालन किया गया है या नहीं? उनकी ओर से जवाब पेश करने और समय चाहा गया, लेकिन कोर्ट ने अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि जब मामला 2021 का है। ऐसे में जवाब के लिए और कितना समय चाहिए? मामले की सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी।

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