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तापमान में उतार-चढ़ाव, चार दिसंबर के बाद पड़ेगी कड़ाके की ठंड

भोपाल। राजस्थान पर बने प्रति चक्रवात के असर से हवाओं का रुख बार-बार बदल रहा है, जिसके चलते रात एवं दिन के तापमान में उतार–चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं। दो दिसंबर को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने से पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर चार दिसंबर से मध्य प्रदेश में रात के तापमान में तेजी से गिरावट के साथ कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।

हालांकि, हिमालय से आ रही उत्तरी हवाओं के कारण भोपाल और आसपास के इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। भोपाल में अभी तक नवंबर महीने में पिछले 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यानी 13 साल बाद 10 डिग्री के नीचे यानी 9.8 डिग्री तक तापमान पहुंचा है। इससे पहले 2009 में नवंबर महीने में सबसे कम रात का पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, प्रदेश में कड़ाके की ठंड के लिए एक सप्ताह इंतजार करना होगा। चार दिसंबर के बाद तेज सर्दी पड़ेगी।

इधर, रविवार को मध्य प्रदेश में सबसे कम छह डिग्री सेल्सियस तापमान मलाजखंड में दर्ज किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का पारा पांच डिग्री सेल्सियस पर रहा। इसके अलावा रविवार को प्रदेश के 17 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज किया गया। राजधानी में न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। उधर अधिकतम तापमान में शनिवार के मुकाबले 2.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कोई भी प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। साथ ही राजस्थान पर पिछले चार दिनों से प्रति चक्रवात बना हुआ है। इसके असर से हवाओं का रुख उत्तरी, पूर्वी, उत्तर- पूर्वी हो रहा है। इस वजह से न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है। प्रति चक्रवात के असर से पूर्वी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम बने हुए हैं, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से मामूली अधिक दर्ज किया जा रहा है।

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