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थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग शौचालय नहीं

उन्हें पास के घरों में जाना पड़ता है, इसलिए पानी कम पीती हैं

भोपाल – मप्र पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 35% करने की तैयारी है, पर थानों में उन्हें आज भी टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रहीं। प्रदेश के 1,150 थानों में से 185 में महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग से टॉयलेट नहीं हैं। 8 घंटे की ड्यूटी के बीच उन्हें मजबूरी में सुलभ शौचालय या आसपास के घरों में जाना पड़ता है।
बार-बार न जाना पड़े, इसलिए वे पानी कम पीती हैं। सर्वाधिक परेशानी पीरियड्स में होती है। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के 48 में से 26 थानों में भी महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं हैं। यह प्रदेश में सर्वाधिक है। भोपाल के 44 में से 7 थानों में यही स्थिति है। वहीं, प्रदेश के 31 थाने ऐसे हैं, जहां अलग से टॉयलेट तो हैं, पर उपयोग की हालत में नहीं हैं। महिला थानों में बुनियादी समस्याएं अप्रैल 2022 में पीएचक्यू द्वारा आयोजित उड़ान वर्कशॉप में सामने आई थीं। पुलिस मुख्यालय ने खुद माना है कि 214 थानों में महिलाकर्मियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।

भोपाल-इंदौर के इन थानों में महिला शौचालय नहीं

भोपाल : कटारा हिल्स, कोतवाली, निशातपुरा, छोला मंदिर थाना, बाग सेवनिया, बिलखरिया, नजीराबाद और अशोका गार्डन है। कमलानगर, बजरिया, अयोध्या नगर के टॉयलेट्स जीर्ण-शीर्ण हैं।
इंदौर : राऊ, सदर बाजार, राजेंद्र नगर, परदेशीपुरा, एमआईजी, विजयनगर, सराफा, बाणगंगा, पलासिया, जूनी इंदौर, भंवरकुआं, चंदननगर, द्वारकापुरी, छत्रीपुरा, गौतमपुरा, देपालपुर,बेटमा, किशनगंज, मानपुर, बड़गौंदा, खुडैल, चंद्रवती, हीरानगर समेत महू, मानपुर।

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