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लोकायुक्त की नियुक्ति पर बढ़ रहा विवाद

सिंघार ने कहा- मेरी सहमति तो ली नहीं, सारंग बोले-उन्हें सूचना दी थी

भोपाल – मध्यप्रदेश में नए लोकायुक्त के रूप में जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की नियुक्ति के साथ ही नया विवाद भी शुरू हो गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रविवार को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि नए लोकायुक्त की नियुक्ति में उनसे सहमति नहीं ली गई। सिंघार ने नियुक्ति के संबंध में जारी अधिसूचना को अवैधानिक बता दिया। इधर, सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इस बारे में नेता प्रतिपक्ष को बाकायदा लिखित में सूचना दी गई थी। उनका इस तरह विवाद करना गलत है।

परामर्श और प्रक्रिया पर आमने-सामने

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोमवार को पत्र जारी कर कहा कि नए लोकायुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना 9 मार्च को जारी की गई। लेकिन इस बारे में उनसे कोई परामर्श नहीं लिया गया। उन्होंने दावा किया कि लोकायुक्त, उप लोकायुक्त अधिनियम की धारा 3 (1) के अनुसार राजयपाल को लोकायुक्त की नियुक्ति हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेकर ही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विधि कि प्रक्रिया का पालन न करके जारी अधिसूचना अवैध है। इसे निरस्त किया जाए। सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति नियमानुसार की गई है। इसकी जानकारी सिंघार को दी गई थी। उनकी नियुक्त में सभी प्रक्रिया का पालन किया गया है। सिंघार को लिखित में सूचना देने के साथ ही फोन पर भी जानकारी दी गई थी। अधिकारियों ने भी उनसे बात कर इसकी जानकारी दी थी। उनका इस तरह संवैधानिक पद पर विवाद करना शोभा नहीं देता है।

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