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शासन को लगाई 21 लाख की चपत:खरीद में गड़बड़ी

सागर – खरीदी मामलों में विवादों में रहने वाले बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में फिजूलखर्ची का एक और मामला उजागर हुआ है। कॉलेज प्रबंधन ने संस्था विशेष को उपकृत करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन सहित अन्य संस्थाओं में 164 रुपए कीमत पर मिल रही न्यूबॉर्न बेबी किट 350 रुपए प्रति नग की दर पर खरीदी है। दोगुना कीमत पर किट खरीदे जाने के सवाल पर प्रबंधन क्वालिटी और पीस ज्यादा होने की बात कर रहा है।
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती होने वाले नवजात शिशुओं को वार्ड की ओर से बेबी किट मुफ्त दी जाती है। इसमें टोपी, जैकेट और डाइपर होता है। 17 जनवरी को कॉलेज प्रबंधन ने राज्य शासन के उपक्रम खादी एवं ग्रामोद्योग एम्पोरियम के प्रबंध संचालक को 1 अप्रैल 2023 की दर सूची के अनुसार 11500 न्यूबॉर्न बेबी किट उपलब्ध कराने का ऑर्डर दिया है। एम्पोरियम की दर सूची के अनुसार न्यूबॉर्न बेबी किट का मूल्य 350 रुपए प्र​ति नग है। इस मान से एम्पोरियम ने काॅलेज प्रबंधन को 11500 किट 40 लाख 25 हजार रुपए में उपलब्ध कराई हैं।

सप्लाई में किट भी आधी-अधूरी आई

सूत्रों के अनुसार एम्पोरियम द्वारा सप्लाई की गई किट में पूरा सामान भी नहीं आया है। दर सूची के अनुसार किट 6 पीस की बताई गई है। लेकिन इसमें केवल 4 पीस ही आए हैं। इसके अलावा एसएनसीयू से मिलने वाली पुरानी किट और इस किट में क्वालिटी और पीस में ज्यादा अंतर भी नहीं है। लिहाजा इसे अभी एसएनसीयू वार्ड में भेजा ही नहीं गया है।

बाजार में सुपीरियर किट फुटकर में 140 रुपए की

स्थानीय बाजार में अच्छी से अच्छी न्यूबॉर्न बेबी किट फुटकर दाम पर 140 रुपए में उपलब्ध है। इससे जाहिर है कि कॉलेज प्रबंधन ने दोगुना से भी अधिक कीमत पर किट की खरीदी की है।

क्वालिटी अच्छी होने का तर्क गलत, एक समान है

मेडिकल कॉलेज के सूत्रों ने बताया कि खरीदी गई बेबी किट की क्वालिटी अच्छी होने की तर्क गलत दिया जा रहा है। इससे पहले जो बेबी किट आती रही हैं, उनकी क्वालिटी और नई किट की क्वालिटी में कोई अंतर नहीं है।

क्वालिटी और पीस अधिक होने के नाम पर फिजूलखर्ची

जानकारों के अनुसार जो बेबी किट कॉलेज प्रबंधन ने 350 रुपए में खरीदी है, वही किट मध्यप्रदेश राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित में सभी शाखाओं मसलन इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा तथा सतना में सभी करों सहित 164 रुपए में उपलब्ध है। फर्क सिर्फ पीस का है। 350 रुपए वाली किट में 6 पीस हैं। जबकि 164 रुपए वाली किट में चार पीस हैं। जाहिर है प्रबंधन ने संस्था को उपकृत करने के उद्देश्य से यह किट 186 रुपए महंगी खरीदी है। इस खरीदी से शासन को 21 लाख 73 हजार 500 रुपए की चपत लगी है।

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