जागृति आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई बंद हो, फर्जी केस रद्द किए जाएं – डॉ. सुनीलम Uncategorized by mpeditor - May 25, 2023May 25, 20230 माधुरी बहन के खिलाफ प्रस्तावित कार्रवाई को भी रद्द किया जाना चाहिए – डॉ. सुनीलम भोपाल – करीब 2 महीने पहले मध्यप्रदेश में बुरहानपुर जिले में नावरा रेंज के घाघरला जंगल पर कब्जे, पुलिस पर हमला और फिर बड़ी कार्रवाई का मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। भोपाल में आदिवासी नेताओं की बड़ी मीटिंग हुई। इसमें कई बिंदुओं पर रणनीति बनाई गई। अवैध कटाई रोकने, मुकदमे रद्द करने समेत कई मुद्दों पर बात हुई तो आदिवासी कार्यकर्ता माधुरी बहन के विरुद्ध प्रस्तावित जिलाबदर की कार्रवाई को रद्द करने की मांग उठाई गई। बुरहानपुर में वन कटाई का विरोध करने और वनाधिकार कानून लागू करवाने की मांग करने वाले जागृति आदिवासी दलित संगठन के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं ने गांधी भवन में बैठक की। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कहा कि जागृति आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे करने और माधुरी बहन पर जिलाबदर की कार्रवाई होने के विरोध में यह बैठक की गई। डॉ. सुनीलम ने बताया कि सभी संगठनों ने मांग की कि जागृति आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई बंद हो। फर्जी केस रद्द किए जाए। माधुरी बहन के खिलाफ प्रस्तावित कार्रवाई को भी रद्द किया जाना चाहिए। बुरहानपुर में वन कटाई पर सरकार श्वेत पत्र जारी करें। हमने रोकने की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गईमाधुरी बहन ने कहा कि 8 अक्टूबर से बुरहानपुर के जंगल में बहुत तेजी से पेड़ों की कटाई शुरू हुई। हजारों पेड़ काटे गए। इसका संगठन लगातार विरोध करता गया। मैं प्रशासन, वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देती रही कि कहां कटाई हो रही। कहां कटाई होने की संभावना है। इसे रोकने की मांग की गई। कलेक्टर-एसपी, डीएफओ को लगातार सूचना देते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि काटने वालों के साथ संवाद किया। उन्हें समझाईश देकर छोड़ दिया। इससे कटाई दोगुने स्तर से होने लगी। शासन को भी इसकी शिकायत की गई। कार्रवाई तब शुरू हुई, जब कटाई करने वालों ने थाने पर हमला किया। इसके बाद पुलिस ने ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करना शुरू कर दी, जो पिछले छह महीने से कटाई को रोकने की मांग कर रहे थे। कटाई रोकने के लिए आगे आए। इन्हीं के ऊपर वन कटाई के आरोप लगाए और प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। शासन-प्रशासन की मिलीभगत से वन कटाई हुई है। अब धमकी दी जा रही है कि और भी कई कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करेंगे। मुझे जिलाबदर का नोटिस दिया गया।