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पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव से पहले हिंसा, हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का कहा

कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की

कोलकाता – पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं। वोटिंग से पहले राज्य में कई जगह हिंसा हो रही है। जिसको लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग को 48 घंटे के भीतर केंद्रीय बलों के लिए केंद्र से अनुरोध करना होगा। मगर कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है।

इस बीच शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस दक्षिण 24 परगना के भांगर पहुंचे, जहां पिछले कई दिनों से हिंसा हो रही है। उन्होंने कहा, मैंने हिंसा के पीड़ितों और स्थानीय लोगों से बातचीत की। मैं बंगाल की जनता को आश्वस्त कर सकता हूं कि देश के संविधान और कानून के तहत हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और शांतिपूर्ण माहौल बनाया जाएगा।

कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शिवगणमन और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने 15 जून को सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती को लेकर आदेश पारित किया था।
पीठ ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने और बलों को तैनात करने का निर्देश मंगलवार को भी दिया गया था लेकिन इस संबंध में कोई सराहनीय कदम नहीं उठाया गया। उधर राज्य चुनाव आयोग का कहना है कि कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने में कुछ दिन लग सकते हैं, न्यायालय ने कहा कि अधिक समय लेने से केवल अधिक नुकसान ही होगा।

भाजपा और कांग्रेस ने लगाई थी याचिका

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया गया। दरअसल, पश्चिम बंगाल के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने 8 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंचायत चुनाव के शेड्यूल का ऐलान किया था। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस ने दो जनहित याचिकाएं लगाई थीं।
इसमें पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के कुछ हिस्सों को चुनौती दी गई थी। वहीं दूसरी याचिका में सेंट्रल फोर्स तैनात करने की मांग की गई थी। चुनाव तारीख को लेकर कोर्ट 8 जुलाई के बजाय 14 जुलाई को वोटिंग कराने का प्रस्ताव दे चुकी है। वहीं सेंट्रल फोर्सेज के लिए भी हाईकोर्ट का आदेश आ गया।
पंचायत चुनाव में नॉमिनेशन के दौरान राज्य में कई जगह हिंसक झड़प हुईं। 14 जून को साउथ 24 परगना जिले के कैनिन में कैंडिडेट्स के नॉमिनेशन के दौरान सत्ताधारी TMC के दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई थी। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर बम से हमला कर दिया था।
इससे पहले 13 जून को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी। साउथ 24 परगना जिले के भांगर से ISF के विधायक नवसाद सिद्दीकी ने कहा कि जब हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नामांकन दाखिल करने गए, तो उन्हें TMC के गुंडों ने पीटा। यही स्थिति बनी रही तो निष्पक्ष पंचायत चुनाव नहीं हो पाएंगे। लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकलेंगे।

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