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शिवराजसिंह चौहान की चरण पादुका योजना भी अन्य योजनाओं की श्रृंखला में चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट – आलोक शर्मा

व्यापमं, सिंहस्थ, महाकाल, जैसे न जाने कितने भ्रष्टाचार तो हुये हैं इस सरकार ने गरीब आदिवासी के मूल हक को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया – आलोक शर्मा

भोपाल – मध्यप्रदेश टंट्या भील, भीमा नायक, बादल भोई जैसे सैकड़ों स्वाभिमानी आदिवासी नायकों की पुण्य भूमि है। मध्यप्रदेश के कण-कण में इन नारों की अनुगूंज सुनाई देती है-‘‘एक तीर, एक कमान-आदिवासी एक समान’। मध्यप्रदेश को यह गौरव हासिल है कि देश के सबसे अधिक आदिवासी समाज के लोग अनादिकाल से यहाँ के मूल निवासी हैं। मगर 18 सालों के शिवराज राज में वे वीभत्स यातना, अमानवीय प्रताड़ना तथा आत्मा छलनी करने वाले कुकृत्यों के शिकार हैं और शिवराज इनके जिम्मेवार हैं। यह बताते हुए अभा कांग्रेस कमेटी कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शिवराजसिंह चौहान सरकार के भ्रष्टाचार की श्रृंखला में एक नई कड़ी मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना में जुड़ गई है। इस योजना के तहत जूते-चप्पल पानी बोतल, छाता और साड़ी सभी वस्तुओं की खरीद में करोड़ों रूपयों का घोटाला हुआ है और यह सिद्ध होता है कि प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह वह राज्य लघु वनोपज संघ के एमडी महोदय की फाईलों की टिप्पणियों से एक छाता जो बाजार में उसी कंपनी 140 रूपयें में बेच रही है, उसके लिए 246 रूपये खरीद भाव तय किया गया। बाद में विभिन्न विरोधों के बाद भी उसको घटाकर 200 रूपये में खरीदा गया। जूते-चप्पल पानी बोतल, छाता और साड़ी खरीदी प्रकरण को देखा जाये तो कम से कम 50 से 60 करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार सामने आया है। व्यापमं, सिंहस्थ, महाकाल, व्येंकटेश भगवान जैसे न जाने कितने भ्रष्टाचार तो हुये हैं इस सरकार ने गरीब आदिवासी के मूल हक को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि आदिवासियों की घोर विरोधी इस सरकार की नीति और नीयत को पूरा मप्र जानता है। कमीशनखोरी इस सरकार की रग-रग में बसी हुई है। मूत्र विर्सजन, जूते से पिटाई, पशुओं से भी बदतर खाने के लायक अनाज की सप्लाई, 3.22 लाख आदिवासियों के वनाधिकार पट्टे निरस्त करना, अनूपपुर, महू जैसी तमाम घटनाएं यहां तक कि जुलाई में आदिवासी को जूतों की माला पहनाना अनगिनत कुकृत्य इस सरकार का आदिवासी चेहरा और चरित्र बन गया हैं।
आलोक शर्मा ने आगे बताया कि कभी आदिवासियों के खिलाफ प्रतिशोध की आग में जल रही शिवराज सरकार विदिशा में आदिवासियों पर गोलियाँ दागती है और आदिवासी युवक को मौत के घाट उतारती है। कभी कोरोना काल के दौरान शिवराज राज आदिवासी जिलों में ऐसा अनाज बाँटती है, जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं। आदिवासी समाज अपने स्वाभिमान, आत्म सम्मान तथा जल-जंगल-जमीन की लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी दृढ़ता से आदिवासी समाज के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना में निजी कंपनियों की मिलीभगत सामने आई है। प्रदेश के 15.24 लाख तेंदुपत्ता संग्राहकों को जूते-चप्पल पानी बोतल और छाता बाटने के लिए 261 करोड़ खर्च किए गए। छाते के नाम पर 10 करोड़ का फटका लगाने महंगी दरों पर इसे खरीदा जा रहा था।
श्री शर्मा के अनुसार रीवा-शहडोल संभाग में तेन्दूपत्ता संग्रहण मजदूरी की दर आदिवासी एवं ग्रामीणों के मध्य एक महत्वपूर्ण विषय है। मध्यप्रदेश में लगभग 18 लाख परिवार तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य करते हैं, जिसमें से 5 लाख परिवार रीवा-शहडोल क्षेत्र के हैं। मध्यप्रदेश के कुल तेन्दूपत्ता संग्रहण का लगभग 40 प्रतिशत संग्रहण इस क्षेत्र से होता है।
शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के लगभग 45 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक मजदूर भाई तेन्दूपत्ता संग्रहण से आजीविका चलाते हैं। मध्यप्रदेश में 2018 के पूर्व 1 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए 2 हजार रूपये की मजदूरी दी जाती थी, 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मजदूरी दर को 25 प्रतिशत बढ़ाया, गया और मजदूरी दर 2 हजार रूपये से बढ़कर 2500 रूपये प्रति मानक बोरा की गई, 2018-2020 के मध्य कांग्रेस सरकार के समय में 33 लाख मजदूर भाईयों को 2500 रूपये की दर से मजदूरी वितरित की गई। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 4 हजार रूपये मानक बोरा है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर को 33 प्रतिशत बढ़ाया जायेगा। वर्तमान की दर प्रति बोरा 3 हजार रूपये को बढ़ाकर 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा किया जायेगा। कांग्रेस सरकार 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा मजदूरी देगी।
शर्मा ने आरोप लगाया कि सत्ता के नशे में मदमस्त भाजपा नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ न सिर्फ अमानवीयता की सारी हदें पार की हैं, बल्कि उनकी नरपिशाचिक करतूतों ने पूरे म. प्र. को शर्मसार कर दिया है।
क्या भाजपाई नेता तथा शिवराज सिंह चौहान आदिवासी समाज की पीड़ा और वेदना का जवाब देंगे ? सच्चाई यह है कि हजार संवेदनाओं की मौत के बाद जो जन्म लेता है, वह है ‘‘शिवराज राज’’! अब इस अत्याचारी शिवराज सरकार की विदाई का समय आ गया है। गरीब व आदिवासी मिलकर इस संकल्प को पूरा करेंगे।
श्री शर्मा ने पत्रकारों से पूछे एक सवाल के जबाव में बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने अपनी बैठक में हमास शब्द का प्रयोग तक नहीं किया, हमने केवल शांति की अपील की है। साथ ही उन्होंने मोदी साहब का एक पत्र भी दिखाया जिसमें वह स्वयं फिलिस्तीन के हकों की बात करते हुये अपना पक्ष रख रहे हैं।
श्री शर्मा ने भाजपा को झूठ बोलने के लिए कटघरे में खड़ा किया और साथ ही यह भी कहा कि हमने अपने दो-दो प्रधानमंत्री खोए लेकिन कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया। भाजपा झूठे एवं भ्रामक प्रचार से बाज आये।

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