प्रधानमंत्री के नाम खून से पत्र; 15 गांव के किसानों ने केन बेतवा लिंक परियोजना पर उठाए सवाल Uncategorized by mpeditor - August 12, 2023August 12, 20230 अपने हक़ मांगने पर कई बार लाठी चार्ज और महिलाओं के साथ बद्सलूकी जैसी घटनाएं भी लगातार घटित हो रही हैं खजुराहो – खजुराहो से गुजरने के दौरान केन बेतवा लिंक परियोजना पीड़ित किसानों द्वारा अपनी व्यथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए समय मांगा गया, प्रशासन ने समय देने से इनकार कर दिया। समय न मिलने से सैकड़ों की संख्या में नाराज किसानों ने नारेबाजी के साथ रैली निकाली। अपने साथ हो रहे शोषण की व्यथा को अपने खून से लिखकर प्रधानमंत्री के नाम का पत्र बिजावर तहसीलदार को सौंपा।प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के माध्यम से पीड़ित किसानों का कहना है कि आप जिस केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास अति शीघ्र करने जा रहे हैं, उस परियोजना में एक बड़े पर्यावरणीय नुकसान के साथ हजारों किसान तबाह हो जाएंगे। खून से लिखा पत्र पीड़ित किसानों ने अपने खून से लिखे पत्र में लिखा कि परियोजना के अंतर्गत बिजावर तहसील के 14 गांव व पन्ना तहशील के सात गांव कुल 21 गांव विस्थापित हो रहे हैं। यहां “भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013” कानून लग रहा है। प्रशासन द्वारा मनमानीपूर्ण रवैया अख्तियार कर कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। महोदय एक तरफ आपकी सरकार आदिवासियों के विशेष सम्मान की बात करती है, वही आपके साथ-साथ भाजपा शासित राज्य में आदिवासी क्षेत्र व लोगों की अजगरुकता का लाभ उठाया जा रहा है।किसानों ने पत्र में यह भी लिखा कि उनके द्वारा कई ज्ञापन सौंपा जाने के बावजूद कार्यवाही न होने पर अनिश्चितकालीन धरना व आमरण अनशन जैसे कठिन कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। अपने हक़ मांगने पर हमारे ऊपर कई बार लाठी चार्ज और महिलाओं के साथ बद्सलूकी जैसी घटनाएं भी लगातार घटित हो रही हैं। हमारी जमीन व घरों का मुआवजा अत्यंत कम है। हम अपने साथ न्याय की उम्मीद करते उम्मीद करते हुए आपसे विशेष पैकेज की मांग करते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर ग्राम सभा की मांग पीड़ित किसानों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को एक अन्य ज्ञापन भी सौंपा जिसमें उन्होंने अपने गांव में ग्राम सभा ना होने की शिकायत करते हुए इस बार के 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में ग्राम सभा का आयोजन सुनिश्चित करने की मांग की है।