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बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर शिवराज की घोषणाएँ कागजों तक सिमटीं

आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी को वर्षों से नहीं मिली स्मारक के लिए जमीन

महू – भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर सीएम शिवराज की घोषणाएँ सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गईं हैं. बाबा साहब की जयंती पर उनकी जन्म स्थली से नेताओं ने हर साल की जाने वाली घोषणाएं सिर्फ बयान बन कर रह गईं हैं। डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी वर्षों से स्मारक स्थल से लगी साढ़े तीन एकड़ जमीन की मांग कर रही है। कैंट एरिया होने से जमीन पर सेना की एनओसी जरूरी थी। कई प्रयासों के बाद सेना से एनओसी भी मिल गई, लेकिन आज तक जमीन ही नहीं मिल पाई है।


पिछले साल जन्मभूमि स्थल और भोपाल में हुए सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि बाबा साहेब के पंच तीर्थों को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल किया जाएगा। इस बार फिर जयंती आ गई, लेकिन अब तक सिर्फ पत्राचार चल रहा है। इसी तरह एक अन्य प्रस्ताव पूर्व कलेक्टर ने सोसायटी की मांग पर शासन को भेजा था। इसके तहत बाबा साहेब के विचारों की एक गैलरी बनाई जानी थी। इसके लिए दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई थी, वह राशि भी अब तक नहीं मिली।


मुफ्त यात्रा की थी घोषणा, तीर्थ दर्शन योजना में शामिल ही नहीं किया

घोषणा 1 – बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पंचतीर्थ के प्रमुख स्थानों को तीर्थ दर्शन यात्रा से जोड़ा जाएगा। ट्रेन से नि:शुल्क यात्रा करवाई जाएगी। भोजन, भ्रमण और ठहरने का सभी खर्च राज्य शासन द्वारा उठाया जाएगा।
क्या हुआ- अब तक तीर्थ दर्शन यात्रा से नहीं जोड़ा गया। सोसायटी से जानकारी मांगी है।

घोषणा- 2- जन्म स्मारक में आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने के लिए यहां धर्मशाला का निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन को राजस्व भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए थे।
क्या हुआ- जमीन नहीं मिली। परिवहन विभाग से अलॉटमेंट होना बाकी।

घोषणा- 3- मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना के अंतर्गत स्वरोजगार, कौशल उन्नयन, नवाचार के लिए दो करोड़ रुपए तक का लोन और अनुदान दिया जाएगा।
क्या हुआ- इंदौर में आवेदन नहीं आए, क्योंकि 200 लोगों का समूह जरूरी है।

मांग भी पूरी नहीं- बाबा साहेब ने समय-समय पर कई विषयों पर अपने विचार रखे थे। सोसायटी ने स्मारक स्थल पर इसकी गैलरी बनाने के लिए दो करोड़ की सहायता मांगी।


क्या हुआ- कलेक्टर की ओर से प्रस्ताव गया पर शासन से कुछ नहीं मिला। भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेशाध्यक्ष और भीम जन्मभूमि बचाओ समिति के प्रदेश संयोजक मुकुल लक्ष्मण वाघ कहते हैं हर बार वादे किए जाते हैं, पर अनुयायियों के लिए धर्मशाला तक नहीं बन पाई। इस बार अनुयायियों ने प्रण लिया है कि वे इन सभी घोषणाओं को चुनाव के समय याद रखेंगे।

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