You are here
Home > Uncategorized > भाजपा की दूसरी लिस्ट पर कमलनाथ ने तंज कसा, बोले- हारना तय, इसीलिए बड़ों पर दांव लगाया

भाजपा की दूसरी लिस्ट पर कमलनाथ ने तंज कसा, बोले- हारना तय, इसीलिए बड़ों पर दांव लगाया

सदस्य का इस्तीफा

भोपाल – तीन केंद्रीय मंत्री और सात सांसदों को विधानसभा टिकट देने पर कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि BJP ने साबित कर दिया है कि वो विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार रही है, इसीलिए बड़े नेताओं पर दांव लगाया है।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा ने मप्र में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि भाजपा न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न ही 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है कि चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘अपने को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा को जब आज ये दिन देखने पड़ रहे हैं कि उसको लड़वाने के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं, तो फिर वोट देने वाले कहां से मिलेंगे। भाजपा आत्मविश्वास की कमी के संकटकाल से जूझ रही है। अबकी बार भाजपा अपने सबसे बड़े गढ़ में, सबसे बड़ी हार देखेगी।’

भाजपा में बगावत सामने आई

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर 39 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की है। 24 घंटे के अंदर ही इसे लेकर उज्जैन और सीधी जिलों से विरोध सामने आया है। नागदा में तो BJP नेता लोकेंद्र मेहता ने बगावत कर निर्दलीय लड़ने तक का ऐलान कर दिया है। उज्जैन जिले की नागदा-खाचरौद सीट से डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान को टिकट दिया गया है। तेज बहादुर सिंह उज्जैन जिला भाजपा ग्रामीण के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। नागदा नगर पालिका से पार्षद भी रहे। नरेंद्र सिंह तोमर और सत्यनारायण जटिया के करीबी माने जाते हैं। वर्तमान में कांग्रेस के दिलीप गुर्जर नागदा-खाचरोद से विधायक हैं।

टिकट की मांग कर रहे थे मेहता

लोकेंद्र मेहता OBC मोर्चा के कार्यकारी सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि वे विधि प्रकोष्ठ में पूर्व जिला संयोजक रहने के साथ पार्टी में 30 साल से सक्रिय सदस्य हैं। RSS भी जुड़े हैं। कई दिन से टिकट की मांग भी कर रहे थे। मेहता ने निर्दलीय प्रत्याशी का पोस्टर बनवाकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया है। इस बात की सुचना पार्टी पदाधिकारियों को भी दी है।

सीधी में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य का इस्तीफा

सिहावल (सीधी) का टिकट फाइनल होते ही सीधी के पूर्व जिलाध्यक्ष व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. राजेश मिश्रा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। हैंड रिटन लेटर उन्होंने संगठन महामंत्री हितानंद को भेजा। सिंहावल से BJP ने विश्वासमित्र पाठक पर विश्वास जताया है। वे 2008 में पहली बार यहां से विधायक बने। 2018 में टिकट कटने पर निर्दलीय लड़े। यहां से फिलहाल कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल विधायक हैं।

सतना विधानसभा सीट से सांसद गणेश सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं। इससे नाराज स्थानीय नेता शिवा चतुर्वेदी ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, कोरोना काल में यही सांसद गणेश सिंह घर से नहीं निकले। सतना की जनता ने अगर सहमति दी तो वे गणेश जी के आशीर्वाद से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। यहां से पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी भी बगावत कर सकते हैं।

मैहर विधानसभा क्षेत्र: नारायण बोले- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता

मैहर विधानसभा से श्रीकांत चतुर्वेदी को कैंडिडेट घोषित किए जाने के बाद भाजपा से विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी के फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इतने सीनियर नेताओं और मंत्रियों को विधायक का चुनाव लड़ाया जा रहा है तो मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी का क्या गुनाह था। उन्हें मौका देना चाहिए था।

मैं विन्ध्य प्रदेश के पुनर्निर्माण की लड़ाई लड़ रहा हूं और टिकट से मेरे फैसले में फर्क नहीं आएगा। बीजेपी में सांसद विधायक का और विधायक सरपंची का चुनाव लड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। पिछले चुनाव में श्रीकांत चतुर्वेदी कांग्रेस से प्रत्याशी थे और 184 वोट से नारायण से हारे थे।

Top