You are here
Home > Uncategorized > कोर कमेटी की बैठक में इंटेलिजेंस रिपोर्ट ने बढ़ाया पारा, शिवराज सरकार के खिलाफ किसानों की नाराजगी से चिंता में आरएसएस

कोर कमेटी की बैठक में इंटेलिजेंस रिपोर्ट ने बढ़ाया पारा, शिवराज सरकार के खिलाफ किसानों की नाराजगी से चिंता में आरएसएस

170 सीटों पर किसान बिगाड़ेंगे भाजपा का खेल

भोपाल – चुनावी साल में भाजपा सरकार कर्मचारियों, अधिकारियों, हर जाति, वर्ग को साधने का जतन कर रही है। लेकिन प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में इंटेलिजेंस की रिपोर्ट ने सबको चौका दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार सरकार के खिलाफ प्रदेश का सबसे बड़ा वोट बैंक यानी किसान नाराज चल रहे हैं। गौरतलब है कि किसानों की नाराजगी से संघ पहले से ही चिंता में है। इंटेलिजेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर समय रहते किसानों को नहीं साधा गया तो वे प्रदेश की 170 सीटों पर भाजपा का काम बिगाड़ सकते हैं।
मप्र में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अन्नदाता के मन की बात को परखने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने प्लान तैयार कर लिया है। कांग्रेस ने बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के बहाने किसानों में पैठ बनाने की तैयारी कर ली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी जिला अध्यक्ष जिला प्रभारियों को इस बात के निर्देश दिए हैं कि वह बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का आंकलन करने के लिए किसानों के बीच जाएं। खेतों में जाकर फसलों के नुकसान का आंकलन कर अपनी रिपोर्ट पीसीसी को दें। वहीं भाजपा के नेता भी किसानों को साधने में लगे हुए हैं। लेकिन वास्तविक किसानों को सरकारी योजनाओं का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसलिए किसान सरकार से नाराज हैं। मप्र में 230 विधानसभा सीटों में से 170 सीटें ऐसी हैं जहां किसान वोट निर्णायक भूमिका में हैं। प्रदेश की 80 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों से आती है।
आगर मालवा में बुधवार को भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं और किसानों ने प्रदर्शन किया। सभी पुरानी कृषि उपज मंडी से एक रैली के रूप में बड़ोद रोड चौराहा से होते हुए छावनी नाका चौराहे पर पहुंचे। यहां किसानों ने करीब आधा घंटा धरना दिया। इसके बाद किसान कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ गए, यहां मुख्य द्वार के बाहर भी किसानों द्वारा करीब आधा घंटे तक धरना दिया। किसानों की बात सुनने आए डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव और नायब तहसीलदार कपिल शर्मा को किसान नेताओं ने बिना कोई बात किए वापस भेज दिया। उन्होंने कलेक्टर को बुलाने की मांग की। इसके बाद कलेक्टर कैलाश वानखेड़े किसानों के पास पहुंचे और किसानों के साथ जमीन पर बैठकर उनकी समस्या सुनी। किसानों ने जिले के किसानों को कम बीमा राशि दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
किसानों ने पूर्व में दिए गए ज्ञापनों पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि किसानों की हर समस्या परेशानी और दिक्कतों के लिए वह तत्पर हैं। उनकी समस्त मांगों के पत्रों को प्रशासनिक स्तर पर आगे भेजा जा रहा है। , किसानों ने ज्ञापन में बताया कि 13 जून को राजगढ़ जिले में किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों को खरीफ 2021 एवं रबी वर्ष 2021-22 की फसल बीमा दावा राशि का सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरण किया गया था।

नुकसान होने के बाद भी अपात्र घोषित

किसानों ने बताया कि आगर जिले को दोनों वर्षों की फसल बीमा दावा राशि केवल 35 करोड़ रुपए मिली है। इसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियमों का ध्यान नहीं दिया गया है। जिले के किसानों को फसलों में नुकसान होने के बावजूद भी अपात्र घोषित कर दिया गया है, जिससे जिले के किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से विश्वास उठ रहा है। सरकार एवं कम्पनी के उक्त रवैये को लेकर जिले के किसानों में भारी आक्रोश है। आगर जिले की शॉर्ट फाल रिपोर्ट एवं जिले के लाभाविंत कृषकों की हल्केवार सूची (भुगतान की गई राशि ) सहित प्रदान करें, जिससे कि भुगतान की गई दावा राशि की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

सुनवाई नहीं होने पर करेंगे प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि बीमा दावा राशि एवं सूचियां उपलब्ध ना होने की स्थिति में भारतीय किसान संघ जिला इकाई जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन का अपने रीति नीति से विरोध करेगी। इसकी समस्त जवाबदारी संबंधित विभाग एवं राज्य शासन की रहेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय किसान संघ के नेता और सदस्य मौजूद रहे।

कांग्रेस और आप के संपर्क में हैं कई नेता

सूत्रों की माने तो मप्र भाजपा के कई पूर्व मंत्री, विधायक और सीनियर नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संपर्क में बताए जा रहे हैं। इसके चलते आने वाले समय में भाजपा के अंदर फूट की स्थिति पैदा हो सकती है। संघ और सर्वे की रिपोर्टों ने संगठन को चेतावनी दे दी है कि यदि समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया गया तो पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
कर सकते हैं बगावत का रूख
सूत्र बताते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के भाजपा में आ जाने से ग्वालियर ओर चंबल सहित मालवा क्षेत्र में पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को अविश्वास हो रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के भाजपा में आने के बाद चुनाव जीतने से कई बड़े नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है। इसके चलते कई पूर्व विधायक और नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संपर्क में बताए जा रहे हैं। यदि मन मुताबिक सम्मान पार्टी अपने वरिष्ठ जनों को नहीं दे पाई तो वे फिर बगावत का रुख अपना सकते हैं।

पार्टी से नाराज चल रहे हैं कई नेता

भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा संगठन और सत्ता के चेहरे रहे कई नेता जैसे जयंत मलैया, डॉ गौरीशंकर शेजवार, रामकृष्ण कुसमरिया,दीपक जोशी, गौरीशंकर बिसेन आदि पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। कई नेता अपनी उपेक्षा से नाराज हैं, तो कई पार्टी द्वारा उचित सम्मान न दिए जाने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं। इन सभी नेताओं का अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ जनता में अच्छा खासा वर्चस्व है। यदि इन्हे समय पर साधा नहीं गया तो यह भाजपा के लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं।


उठाना पड़ सकता है खामियाजा

इनके अलावा कई ऐसे नेता भी हैं, जिनकी अगली पीढ़ी राजनीति की दिशा में उतरने को तैयार है। लेकिन, पार्टी द्वारा दिखाए जा रहे नए नए नियमों के चलते वह सभी कुछ भी कदम उठा सकते हैं। इस कारण खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। क्योंकि भाजपा काडर बेस पार्टी है। इसके चलते कार्यकर्ताओं और नेताओं का सामंजस्य चुनाव में महत्वपूर्ण हो जाता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा का केंद्रीय और राज्य संगठन किस प्रकार से इंटेलिजेंस की इस रिपोर्ट को फॉलो करता है। इस संबंध में जब मीडिया ने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की, तो उन्होंने कहा कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। नाराजगी का कोई विषय नहीं है। भाजपा एक परिवार है, जिसके सभी सदस्य मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम सब मिलकर भाजपा की सरकार बनाने जा रहे हैं।

Top