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मध्यप्रदेश के 70 हजार बिजलीकर्मी हड़ताल पर, भोपाल सर्कल में 720 शिकायतें पेंडिंग, राजधानी में 554 शिकायतों की सुनवाई नहीं

बिजलीकर्मियाें के साथ प्रदेश के 52 हजार पेंशनर्स भी हड़ताल के दौरान प्रदर्शन कर रहे

भोपाल – विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के 70 हजार बिजलीकर्मी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वे पेंशन, ट्रांसफर, इंश्योरेंस समेत 8 मांगों को लेकर ड्यूटी पर नहीं गए हैं। इससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में लोगों समस्या बढ़ गई हैं। भोपाल सर्कल में सुबह से शाम 3:30 बजे तक 720 शिकायतें पेंडिंग हैं, जबकि ये शिकायतें करीब आधे घंटे के अंदर दूर हो जानी चाहिए। अकेले राजधानी में ही करीब 554 शिकायतें लंबित हैं। इनमें लाइन फॉल्ट, बिजली नहीं आने समेत अन्य शिकायतें शामिल हैं।
बिजलीकर्मियाें के साथ प्रदेश के 52 हजार पेंशनर्स भी हड़ताल के दौरान प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, हड़ताल रोकने के लिए 3 महीने तक एस्मा लागू कर दिया गया है। ऐसे में भोपाल सर्कल में भोपाल, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, रायसेन, हरदा, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, गुना, श्योपुरकलां, शिवपुरी, दतिया और अशोकनगर में कुल 720 शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ है। कई बिजली ऑफिस में आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। कई लोग ऑनलाइन ही बिल जमा कर रहे हैं। भोपाल के गोविंदपुरा में वे टेंट लगाकर धरने पर बैठे हैं।

बता दें कि 2 अक्टूबर को बिजलीकर्मियों ने गोविंदपुरा में गांधी प्रतिमा के सामने उपवास और भजन-कीर्तन भी किए थे। उन्होंने 6 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने ऐलान किया था। इसके बाद यूनियन पदाधिकारियों की पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक के साथ बैठक भी हुई थी, लेकिन तीन दौर की बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। इसके चलते अब वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। शुक्रवार को बिजली कर्मियों ने गोविंदपुरा में धरना शुरू कर दिया है।

इन संगठनों के आह्वान पर हड़ताल

यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज एवं इंजीनियर्स के अध्यक्ष वीकेएस परिहार ने बताया कि ​​​​बिजली कंपनी के प्रमुख संगठन यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज एवं इंजीनियर्स, मध्यप्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ, पावर इंजीनियर्स एवं एम्प्लाइज एसोसि‍एशन (PEEA) ने विद्युत क्षेत्र को बचाने एवं नियमित, संविदा, आउटसोर्स, पेंशनर्स के हितों की रक्षा के लिए संयुक्त रूप से लड़ने का निर्णय लिया है। इसके चलते हर जिले में जिला प्रभारी भी नियुक्त किए हैं।

कलेक्टरों को दिया हड़ताल का नोटिस

बिजली संयुक्त संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि हड़ताल के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को नोटिस दिए हैं। हड़ताल संगठनों ने एसओपी भी जारी की है। आठ सूत्रीय मांगों को लेकर यह हड़ताल शुरू की जा रही है।

हड़ताल से इन कामों पर असर

  • राजस्व वसूली नहीं होगी।
  • नए मीटर के कनेक्शन नहीं होंगे।
  • बिजली उपभोक्ताओं की कंप्लेंट अटैंड नहीं होगी।
  • बिजली के किसी भी सुधार संबंधित कार्य नहीं होंगे।
  • नए कनेक्शन में सर्वे का काम नहीं होगा।
  • मीटर रीडिंग नहीं हो सकेगी।
  • बिजली के बिल वितरण नहीं होंगे।
  • ऑफिस संबंधित सभी काम प्रभावित होंगे।
  • पावर हाउस ड्यूटी भी नहीं करेंगे

ये हैं मांगें…

  • ज्वॉइंट वेंचर एवं टीबीसीबी वापस लें।
  • पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था, कंपनी नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन, डीआर और चतुर्थ वेतनमान के आदेश जारी किए जाएं।
  • सातवें वेतनमान में 3 स्टार मैट्रिक्स विलोपित किया जाए।
  • संविदा का नियमितिकरण एवं सुधार उपरांत वर्ष 2023 संविदा नीति लागू करें।
  • आउटसोर्स की वेतनवृद्धि के साथ 20 लाख का दुर्घटना बीमा एवं 3 हजार रुपए जोखिम भत्ता दें।
  • कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर मूल वेतन 25300/- से अधिक किया जाए। वर्ष 2018 के बाद के कनिष्ठ अभियंताओं की वेतन विसंगति दूर की जाए।
  • उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता एवं कर्मचारियों को कनिष्ठ अभियंता की नियुक्ति हेतु नीति बनाई जाए। ट्रांसमिशन में आईटीआई कर्मचारियों को क्लास 4 की जगह क्लास 3 में रखा जाए।
  • अन्य मांगें जैसे सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां, अनुकंपा नियुक्ति में मध्यप्रदेश शासन अनुसार नीतियों में सुधार, कैसलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, गृह जिले में स्थानांतरण, संगठनात्मक संरचना का पुनर्निरीक्षण एवं अन्य।
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