You are here
Home > News > शिवराज के राज में आजीविका मिशन से जुड़ी<br>लाड़ली बहनें हुई बेरोजगार : विभा पटेल

शिवराज के राज में आजीविका मिशन से जुड़ी
लाड़ली बहनें हुई बेरोजगार : विभा पटेल

सरकार की योजना के झांसे में आकर कर्जदार हो गईं लाड़ली बहनें

भोपाल – मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार के राज में आजीविका मिशन से जुड़ी लाड़ली बहनें परेशान हैं। ये सरकार की योजना के झांसे में आकर कर्जदार हो गई लेकिन सरकार ने इनकी कोई मदद नहीं की। ये समस्या सिर्फ भोपाल जिले की नहीं हर जिले की लाड़ली बहनों की है।
विभा पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं का सम्मेलन तो बुलाते हैं लेकिन उनकी व्यवहारिक समस्या का समाधान नहीं करते हैं। इन लाड़ली बहनों को सिर्फ बैंकों से न्यूनतम राशि पर कर्ज चाहिए, ताकि वे स्वंय का व्यापार-व्यवसाय करके आत्म निर्भर बन सकें। लेकिन सरकारी दावों के बावजूद हकीकत ये है कि आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए जिला स्तर पर सरकारी सहयोग नहीं मिल रहा है। कुछ समूहों ने शिवराज सिंह चौहान सरकार के भरोसे बाजार से कर्ज लेकर खुद का व्यापार-व्यवसाय शुरू किया, लेकिन जिलों में स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने के लिए बाजार उपलब्ध नहीं कराया गया। सरकारी एजेंसियां भी इनसे खरीदी नहीं करती है। इसके कारण महिलाएं परेशान हैं।
श्रीमती विभा पटेल ने बताया कि महिलाओं ने आजीविका मिशन के तहत दोना, पत्तल बनाने, सिलाई केंद्र खोलने, पुट्‌ठे के डिब्बे बनाने, लिफाफे तैयार करने, सरकारी दफ्तरों के लिए स्टेशनरी में प्रयुक्त होने वाली सामग्री बनाने, जनरल स्टोर चलाने, किराना दुकान, बेसन, मूंगफली का तेल, कच्ची धानी सरसों तेल आदि का काम शुरू किया। लेकिन हालत ये है कि अब इन महिलाओं ने कर्ज और सरकारी सहयोग नहीं मिलने से क्षुब्ध और दु:खी होकर ये कामकाज बंद कर दिया है। इनके उत्पादों की बिक्री के लिए आजीविका मार्केट बनाने की सरकार की घोषणा भी अब तक अमल में नहीं आई है। नतीजा यह है कि अधिकांश लाड़ली बहनें अब रोजगार से वंचित हैं।
श्रीमती पटेल ने कहा कि कांग्रेस इन लाड़ली बहनों की पीड़ा को समझती है। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने पर सबसे पहले इनके हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। साथ ही सामूहिक बीमा कराया जाएगा। इसके साथ ही हर जिले में अजीविका मार्केट खोलकर इनके उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार मुहैया कराया जाएगा।

Top