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सही जवाब को गलत करार दिया, क्योंकि कमल नाथ सही और शिवराज साबित होते गलत

एमपीपीएससी ने 2 प्रश्नों को विलोपित किया, इससे सही उत्तर देने वालों को 4 अंकों का नुकसान हुआ

इंदौर – मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार विवाद शुरू हुआ है कि आयोग ने सही जवाबों को गलत करार देकर डिलीट कर दिया। परीक्षा में शामिल उम्मीदवार आरोप लगा रहे हैं कि आयोग ने एक सही जवाब को तो सिर्फ इसलिए डिलीट कर दिया क्योंकि अगर सही जवाब को पीएससी सही मानता तो मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान गलत और कमल नाथ सही साबित हो जाते। पीएससी ने सोमवार रात राज्यसेवा व राज्य वनसेवा-2022 की फाइनल यानी अंतिम उत्तरकुंजी जारी की। इस उत्तरकुंजी में हटाए गए दो प्रश्नों से ही यह विवाद खड़ा हुआ है।
21 मई को राज्यसेवा व वनसेवा प्रारंभिक परीक्षा-2022 आयोजित हुई थी। पीएससी ने इस परीक्षा के सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में दो सवाल पूछे थे। एक सवाल था कि भारत छोड़ो आंदोलन किस तारीख को शुरू हुआ था? जवाब के विकल्प में 7 अगस्त, 9 अगस्त, 10 और 6 अगस्त दिए गए थे। इसी तरह एक अन्य प्रश्न था- मप्र राज्य निर्वाचन आयोग कब अस्तित्व में आया? जवाब के विकल्प थे 15 जनवरी 1994, 1 फरवरी 1994, 15 मार्च 1994 और 15 अप्रैल 1994।

फाइनल आंसरशीट में इन दोनों प्रश्नों को आयोग ने त्रुटिपूर्ण मानकर डिलीट कर दिया। यानी इन्हें मूल्यांकन से हटा दिया गया है। ऐसा उन प्रश्नों के साथ किया जाता है जिनके विकल्प में सही जवाब नहीं होता, तकनीकी त्रुटि होती है या एक से अधिक सही विकल्प होने पर विवाद होता है। दोनों प्रश्नों के मामले में ऐसा नहीं था। उम्मीदवार ठगा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि सही जवाब लिखने वाले अभ्यर्थियों को दो प्रश्नों से चार अंकों का नुकसान हो रहा है।

अभ्यर्थी फाइनल आंसरशीट से हटाए गए प्रश्नों से नाराज हैं। उम्मीदवार आकाश पाठक व अन्य ने आरोप लगाया कि भारत छोड़ो आंदोलन 9 अगस्त 1942 को शुरू हुआ था। इसे अगस्त क्रांति दिवस कहते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से लेकर वर्तमान शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार तक ने इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए ट्वीट भी किया था, जबकि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 8 अगस्त को ही भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मानते हुए ट्वीट कर दिया था। 8 अगस्त का विकल्प जवाब में नहीं था। ऐसे में मुख्यमंत्री गलत और विपक्षी नेता नाथ सही साबित न हो जाए, इसलिए पीएससी ने प्रश्न ही डिलीट कर दिया।

राज्य निर्वाचन आयोग का गठन 1 फरवरी 1994 को हुआ था। इस प्रश्न को राज्यसेवा-2020 में भी पूछा था और यह जवाब सही भी माना था। इस सा

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