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सुप्रिया श्रीनेत बोलीं-शिवराज के कारण एमपी के हर व्यक्ति पर 40 हजार का कर्ज

विकास दर में हुआ ढाई लाख करोड़ का घोटाला

भोपाल- कांग्रेस ने मप्र की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर विकास दर यानि ग्रोथ रेट के आंकड़ों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की हेड और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा।

एमपी में 250 घोटाले हुए

सुप्रिया ने कहा कि शिवराज सरकार ने पिछले 18 सालों में बड़े बड़े घोटाले किए हैं। शिवराज ने करोड़ों बच्चों का भविष्य बर्बाद करने वाला व्यापमं घोटाला, पटवारी घोटाला, 43 लाख बच्चों की स्कूल ड्रेस का घोटाला, 50 हजार फर्जी शादियों का घोटाला, पोषण आहार घोटाला, किसानों के मुआवज़े में घोटाला जैसे लगभग 250 से अधिक घोटाले किए। इतना ही नहीं शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश की ग्रोथ रेट यानि विकास दर के साथ भी घोटाला किया है।

विकास दर में हुआ ढाई लाख करोड़ का घोटाला

सुप्रिया ने कहा कि शिवराज ने विकास दर में लगभग दो-ढ़ाई लाख करोड़ का घोटाला किया है। सरकार ने प्रदेश की विकास दर को ज्यादा दिखाया है जिसकी वजह से सरकार को ज्यादा ऋण मिल सका, सरकार ने फर्जी विकास बताकर विकास को ठेस पहुंचाई है।
शिवराज सरकार यह बताती रही कि उसके कार्यकाल में प्रदेश चारों तरफ प्रगति कर रहा है, और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में अच्छी वृद्धि हो रही है। लेकिन केंद्र सरकार के नीति आयोग कि रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के लगभग 35% लोग अभी भी ग़रीबी रेखा के नीचे आते हैं। एमपी में नेशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। वहीं उज्ज्वला योजना गैस कनेक्शन केवल उन लोगों को दिए गए है, जो ग़रीबी की रेखा के नीचे रहते हैं और ऐसे परिवारों की संख्या 82 लाख है। कृषि मंत्रालय की संसदीय समिति बताती है कि मध्यप्रदेश में किसान 55 रुपया प्रतिदिन कमाता है। जिसका मतलब है कि शिवराज ने प्रदेश को ग़रीबी की गर्त में धकेल दिया गया है, तो फिर आख़िर यह विकास दर किसके लिये और कहाँ बढ़ रही है!

विकास दर में फर्जीवाड़े के चार सबूत बताए

सुप्रिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मप्र सरकार के विकास दर में किए गए फ़र्ज़ीवाड़े के 4 प्रमाण रखते हुए कुछ आंकड़े भी शेयर किए… उनका कहना था कि मध्यप्रदेश में औसत छह वर्षों के बाद राज्य सकल घरेलू उत्पाद दोगुना हो जाता है। जिसके हिसाब से 2017-2018 वित्तीय वर्ष के छह वर्ष बाद प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद मतलब GSDP लगभग 14.52 लाख करोड़ रुपये होना था लेकिन सरकार द्वारा ये 50,000 करोड़ से भी ज़्यादा और लगभग 15 लाख करोड़ के पार बताया जा रहा है।
एमपी की विकास दर के साथ साथ सुप्रिया ने राजस्व ग्रोथ और कर्ज के बारे भी की बात की। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि शिवराज सरकार ने प्रदेश के लिए भारी कर्ज लिया और उसमें भ्रष्टाचार करके सारा पैसा उड़ा दिया। जारी किए आंकड़ों में ये सामने आता है कि मध्यप्रदेश में पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे पर 40,000 रुपये का कर्ज़ थोपा जा रहा है। प्रदेश पर ऋण एवं अन्य दायित्वों 2023-24 के बजट में 422009.37 करोड़ रुपये हो गया है। यानि प्रदेश के प्रति व्यक्ति पर लगभग 40,000

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