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मुख्यमंत्री जी…आप दो बस स्टैंड का लोकार्पण कर गए थे

हकीकत ये- 52 दिन बाद भी नहीं हुए शुरू

सागर – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को सागर आ रहे हैं। इससे पहले जब 20 जनवरी को वे सागर आए थे तो उन्होंने नए बस स्टैंड सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया था। प्रशासन ने मुख्यमंत्री से न्यू आरटीओ ऑफिस और भोपाल रोड के पास बने जिन दो बस स्टैंड का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों कराया था वे सिर्फ लोकार्पित होकर ही रह गए। उनसे बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है।
वजह यह कि आनन-फानन में लोकार्पण कराया गया। बस स्टैंड तो बन गए लेकिन बस ऑपरेटर्स के लिए जगह आवंटित नहीं की गई। ऑपरेटर्स का कहना है कि 8 दिन पहले ले-आउट डाला गया है। अब उसमें हमें निर्माण करना है, तब वहां हम अपने ऑफिस खोल सकेंगे। अभी जमीन की कीमत, आधिपत्य, किराए आदि को लेकर भी पेंच फंसा है। ऐसे में बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। बिना इसके निराकरण निर्माण होना और नए बस स्टैंड से संचालन शुरू हो पाना संभव नहीं है। कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि बस स्टैंड पूरी तरह से तैयार है। नगर निगम को निर्देश भी दे दिए हैं। जल्दी ही बसों का संचालन नए बस स्टैंड से ही होगा।

सचिव बोले-जगह खरीदें तो किराया क्यों?

सागर जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन के सचिव अतुल दुबे का कहना है कि जगह को लेकर अभी कुछ फाइनल नहीं है। एक दिन ले आउट डाला गया। ऑपरेटर को प्रशासन 280 वर्गफीट जगह दे रहा है। वह भी कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से 3250 रुपए वर्गफीट मंे देने की बात कही जा रही है। इसके बाद हमें ही दुकानें बनाना है। अंत में हमसे किराया भी लिया जाएगा। जब हम जमीन की पूरी कीमत देंगे, बनवाएंगे भी तो किराया क्यों देंगे? या तो हमें जमीन लीज पर दी जाए तो हम बनाएं। या किराया न लगे। यही बात हम सब कलेक्टर को बता चुके हैं। हमने यह बात भी की है कि विस्थापन के तहत दुकानें दे दें। पर अभी हल नहीं निकला है। ऐसे में वहां जा पाना संभव नहीं है। बस ऑपरेटर्स के मुताबिक यह दिक्कतें भी हैं : हर बस ऑपरेटर को एक ऑफिस चाहिए। पंचर, ऑटो पार्ट्स, बेल्डिंग सहित तमाम ऐसी दुकानें भी वहां उपलब्ध चाहिए जो बसों में सुधार कार्य के लिए जरूरी हैं। नहीं तो छोटे-छोट काम के लिए शहर भागना पड़ेगा।

50 ऑपरेटर्स की 250 बसें, शहर में आने से लगता है जगह-जगह जाम

वर्तमान में शहर में जो बस स्टैंड हैं, वहां से 50 ऑपरेटर्स की 250 बसें संचालित होती हैं। फिलहाल यह बसें संजय ड्राइव से धर्मश्री, मोतीनगर चौराहा होते हुए भोपाल तो सिविल लाइन मकरोनिया होते हुए नरसिंहपुर, छतरपुर, जबलपुर आदि क्षेत्रों को जाती हैं। इसके चलते शहर में जगह-जगह जाम के हालात बनते हैं। जब इन बसों का संचालन नए बस स्टैंड से होने से लगेगा तो शहर में जाम के हालात नहीं बनेंगे। परंतु प्रशासन अब तक ऐसा नहीं करा सका है।

छोटे व्यापारी बोले- दूर है इसलिए परेशानी होगी, हमें यहीं मिले जगह

होटल संचालक अमित पाराशर का कहना है कि दुकानें शिफ्ट करने के संबंध में प्रशासन से कोई सूचना नहीं है। नए बस स्टैंड दूर हैं। खाना बनाने वाली महिला कर्मचारी परेशान होंगी। दोनों एरिया में क्राइम रेट भी ज्यादा है। हमें यहीं रहने दिया जाए। उदय कश्यप का कहना है कि नए बस स्टैंड की दूरी बहुत है। दुकानदारों को व्यापार नहीं मिलेगा। भाड़ा बढ़ेगा। हमें यहीं रहने दिया जाए। वहां काम जमाने में 10 साल लग जाएंगे। छोटी-छोटी चीजों के लिए निर्भरता बढ़ेगी।

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