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लपटों से घिरे इंदौर के इंडस्ट्री हाउस की आंखों देखी

मां बोली- बेटी को बचा लो; ट्रैफिक में फंसी फाइटर सायरन बजाती रही, तत्काल नहीं मिला रास्ता

इंदौर – इंदौर की इंडस्ट्री हाउस की 9 मंजिला बिल्डिंग में बुधवार शाम आग लग गई। चौथी मंजिल पर एक डिटेक्टिव एजेंसी के ऑफिस से आग भभकी और देखते ही देखते पांचवीं, छठी और सातवीं मंजिल को चपेट में ले लिया। 60 से ज्यादा लोग एक घंटे तक फंसे रहे। सात मंजिला बिल्डिंग में भगदड़ मच गई। धुआं फैलने से लोगों का दम घुटने लगा। बचने और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। जान बचाने के लिए कुछ लोग छत पर पहुंच गए। कई लोगों ने खिड़की के कांच फोड़े तो कई जान बचाने के लिए छत पर भागे। धुएं के कारण कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई।
कई उल्टियां कर बदहवास होकर लेट गए। यहां पर 17 से अधिक लोग फंसे थे। यहीं पर सभी का चेकअप किया गया। इसके बाद जिनकी हालत गंभीर थी उन्हें अस्पताल भेजा गया। जो सवस्थ थे उन्हें परिजनों के साथ घर भेज दिया।

जोन 2 के डीसीपी अभिषेक आनंद ने बताया कि फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ ने आग को नियंत्रित कर सभी को सुरक्षित उतारा। कोई जनहानि नहीं हुई है। यहां बैंक और फाइनेंस सहित कई कंपनियों के 80 से ज्यादा ऑफिस हैं।

हाई राइज बिल्डिंग होने से अधिकारियों ने एयरपोर्ट के रोजर फायर पेंथर की गाड़ी व टीम को भी मौके पर बुला लिया था। आग बुझाने में 95 हजार लीटर से अधिक पानी लग गया।

मां बोली- अंदर मेरी बेटी पूजा है, उसे बचा लो, एक युवती आग की खबर से बेहोश

बिल्डिंग में फंसे लोग जब बाहर निकले तो दैनिक भास्कर से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि आग का धुआं भराने से दम घुट रहा था। किधर से भागें कुछ समझ नहीं आ रहा था। कुछ लोग पीछे के रास्ते से भाग रहे थे। सभी ने गीला कपड़ा और मास्क लगाकर जान बचाने का प्रयास किया।
एक महिला टकटकी लगाए भगवान से बेटी के सुरक्षित आने की प्रार्थना करती रही। अधिकारियों से बोलीं- अंदर मेरी बेटी पूजा है, उसे बचा लो… एक प्राइवेट कंपनी में इंटर्नशिप कर रही पूजा जब सुरक्षित बाहर आई तब मां ने राहत की सांस ली। आग की सूचना मिलते ही एक युवती सदमे में चली गई। इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस नगर निगम और एसडीआरफ की टीम ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
यहां काम करने वालों ने बताया कि बिल्डिंग से धुंआ दिखाई देने लगा। हमें पता चला कि आग हमारी ही बिल्डिंग में लगी है। बिजली बंद होने से कॉरिडोर में अंधेरा हो गया। चौथी मंजिल का काला धुंआ पूरे फ्लोर पर भर गया। सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जान बचाने के लिए हम छत पर चढ़ गए। डेढ़ घंटे से अधिक समय तक छत पर फंसे रहे। बाद में फायर ब्रिगेड कर्मियों ने निकाला।

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