अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद में सेबी ने अपनी जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का समय मांगा Uncategorized by mpeditor - May 12, 2023May 12, 20230 चीफ जस्टिस ने कहा कि 6 महीने का समय सही नहीं, 15 मई को इस मामले की अगली सुनवाई नई दिल्ली – अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने अपनी जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का समय मांगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 6 महीने का समय सही नहीं है। 15 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।इस मामले में कोर्ट ने छह सदस्यीय कमेटी भी बनाई थी और दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था। 8 मई को कमेटी ने बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, जस्टिस सप्रे की कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। हम वीकेंड के दौरान ये रिपोर्ट देखेंगे। अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद मामले में 4 जनहित याचिकाएं दायर हुई थीं। एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की थीं। मामले में पहली सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने 10 फरवरी को की थी।चीफ जस्टिस ने कहा कि हम 6 महीने का समय नहीं दे सकते। काम में थोड़ी तेजी लाने की जरूरत है। हम अगस्त के मध्य में मामले को लिस्ट कर सकते हैं। आप तीन महीने में अपनी जांच पूरी करें और हमारे पास वापस आएं। इसके बाद बेंच ने कहा कि वह 15 मई को टाइम एक्सटेंशन के लिए सेबी के आवेदन पर अपना आदेश सुनाएगी।सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, उसके हेड रिटायर्ड जज एएम सप्रे हैं। उनके साथ इस कमेटी में जस्टिस जेपी देवधर, ओपी भट, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने कमेटी बनाने का यह आदेश 2 मार्च को दिया था।अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट पेश की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी विदेश में शेल कंपनियों को मैनेज करते हैं। इनके जरिए भारत में अडाणी ग्रुप की लिस्टेड और प्राइवेट कंपनियों में अरबों डॉलर ट्रांसफर किए गए। इसने अडाणी ग्रुप को कानूनों से बचने में मदद की।