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किसी को भी आदिवासियों की जमीनों को ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं, इसके बावजूद उनकी जमीने ट्रांसफर की जा रही – रामनिवास रावत

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी के पैर धोकर नौटंकी कर रहे – रावत

श्योपुर – भू राजस्व संहिता की धारा 165बी में किसी को भी आदिवासियों की जमीनें ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं है लेकिन, श्योपुर में जिम्मेदार अधिकारी लगातार सहरिया आदिवासियों की जमीनों को ट्रांसफर कर रहे हैं, यह नियम विरुद्ध है, इंदौर न्यायालय के निर्देश पर कुछ आईएएस पर कार्रवाई अभी हुई है। श्योपुर में भी जांच होनी चाहिए ताकि आदिवासियों की जमीनों को ट्रांसफर करने वाले अधिकारियों पर यहां भी एक्शन हो सके।
सोमवार की शाम सहरिया आदिवासी समाज के लोगों को साथ लेकर आदिवासी विकास खंड मुख्यालय कराहल की सड़क पर उतरे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रामनिवास रावत ने यह बात कही है। उन्होंने सीधी, इंदौर और ग्वालियर में आदिवासी समाज के लोगों के साथ घटित हुई घटनाओं का विरोध करते हुए, जिले में लगातार आदिवासियों की बेशकीमती जमीनों को ट्रांसफर करने के गोरखधंधे का विरोध किया।
रामनिवास रावत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, कानून है कि, किसी को भी आदिवासियों की जमीनों को ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद जिले में उनकी जमीने ट्रांसफर की जा रही हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी के पैर धोकर जो नौटंकी कर रहे हैं, उसकी जगह अगर वह आदिवासियों के हित में कड़ा कानून लागू करके, आदिवासियों के साथ घटना करने वाले और उनके अधिकारों का हनन करके उनकी जमीनों को ट्रांसफर करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें ताकि, कोई फिर इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करें।
मध्यप्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी पर पेशाब करने की घटना के बाद कांग्रेस ने आदिवासी समाज की सिंपैथी हासिल करने के लिए सोमवार को आदिवासी समाज के लोगों को साथ लेकर कराहल कस्बे में पहले विरोध रैली निकाली। इसके बाद सीएम के नाम तहसीलदार वीर सिंह आवासीय को ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान कराहल के आदिवासी समाज के नेता मुकेश मल्होत्रा से लेकर आदिवासी समाज के अन्य लोग और कांग्रेसी भी मौजूद रहे।

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