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कॉन्स्टेबल परीक्षा में पटवारी-शिक्षक भर्ती जैसी सेंधमारी

एग्जाम एजेंसी का कर्मचारी ‘नकल’ कराने वाला सॉफ्टवेयर इंस्टाल करते पकड़ा गया

भोपाल – मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में पटवारी और शिक्षक भर्ती-3 की तरह गड़बड़ी की बात सामने आई है। बालाघाट जिले के एक एग्जाम सेंटर से परीक्षा कराने वाली एजेंसी एडुक्यूटी का आउटसोर्स कर्मचारी नकल कराने वाला सॉफ्टवेयर इंस्टाल करते पकड़ा गया है। जिस कम्प्यूटर लैब में उसे प्रवेश की इजाजत भी नहीं थी, वो वहां ये काम कर रहा था।
संभवत: यह वही सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से किसी सिस्टम को रिमोट पर लेकर बाहर से पेपर सॉल्व किया जाता है। इस बात का खुलासा कॉलेज प्रबंधन ने किया है। कॉलेज बालाघाट की सरदार पटेल यूनिवर्सिटी से संबद्ध है।
यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार (एग्जाम) सूर्यप्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें कॉलेज के स्टाफ ने सूचना दी कि एक व्यक्ति कम्प्यूटर लैब में सिस्टम से छेड़छाड़ कर रहा है। वे तुरंत पहुंचे और उसे सिस्टम में छेड़छाड़ करते हुए पकड़ लिया। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। आरोपी का नाम अंकित पिछोड़े है। वह परीक्षा कराने वाली कंपनी के लिए काम करता है।
पुलिस ने 17 अगस्त को FIR दर्ज कर ली थी। अब तक इस मामले को छिपाकर रखा गया है। पुलिस इस मामले की जांच को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से होता है कि FIR के 7 दिन बाद भी पुलिस ने एग्जाम सेंटर के सीसीटीवी फुटेज तक नहीं जांचे हैं। पूरे कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

पुलिस के गोलमोल जवाब

दैनिक भास्कर ने इस मामले पर वारासिवनी टीआई शंकर सिंह चौहान से बात की। चौहान ने सिर्फ इतना कहा कि 17 अगस्त को कॉलेज प्रबंधन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एसपी के निर्देशन में जांच चल रही है, इसलिए इसमें ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता।
जब हमने उनसे सवाल किया कि आरोपी से पूछताछ में क्या जानकारी हासिल हुई? तो जवाब मिला कि ये इन्वेस्टिगेशन का सब्जेक्ट है। अलग-अलग लोग जांच कर रहे हैं।
हमने अगला सवाल किया कि कितने सिस्टम में आरोपी सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर चुका था? चौहान ने बताया कि अब तक सिर्फ एक सिस्टम की जानकारी मिली है। आगे सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल में पता चलेगा कि आरोपी ने कितने सिस्टम में छेड़खानी की है।

एसपी ने कहा- सिस्टम से छेड़छाड़ हमारी जांच का एंगल ही नहीं

एसपी समीर सौरभ कहते हैं कि कॉलेज प्रबंधन की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। अभी ये बताना मुश्किल है कि उस कर्मचारी का क्या रोल है? एसपी से जब हमने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि घटना 17 तारीख की है। जिस व्यक्ति को लैब में प्रवेश की अथॉरिटी तक नहीं थी, वह लैब में ही पकड़ा गया था। वहां के लोकल सुपरवाइजर ने एफआईआर कराई थी। बस यही मैटर है।
उसमें कोई छेड़छाड़ की जानकारी अब तक नहीं मिली है। उसके फोन से मिली डिटेल्स के आधार पर हमने टीम लगाई थी, उसमें भी कोई सुराग नहीं मिले हैं। हमारी जांच का एंगल सिर्फ ये है कि वो वहां क्यों गया था? उसके फोन में ग्वालियर के कुछ लोगों के नंबर थे, बस उसी की जांच कर रहे हैं। अब तक उसमें भी कुछ खास हाथ नहीं लगा है।

कॉलेज प्रबंधन का जवाब- आरोपी सिस्टम से छेड़छाड़ कर रहा था

सरदार पटेल यूनिवर्सिटी प्रबंधन से जुड़े मनमीत सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड की तरफ से एग्जाम कराने आई कंपनी के ही 4-5 लोग परीक्षार्थियों को नकल करा रहे थे। हमारे एग्जाम सेंटर के सुप्रीटेंडेंट ने उनको पकड़ लिया। इसके बाद हमने एफआईआर कराई। एग्जाम कराने वाली कंपनी का नाम एडुक्यूटी है। ये लोग टेक्निकल सपोर्ट के लिए यहां आते रहते हैं। ये ही लोग नकल करा रहे थे।
जब हमने मनमीत से सवाल किया कि आप कैसे कह सकते हैं कि वो लोग नकल करा रहे थे? तब मनमीत ने बताया कि वो कम्यूटर लैब में थे, जहां बिना परमिशन किसी का भी जाना प्रतिबंधित है। इनमें से एक उस लैब में बैठा था और कम्प्यूटर की सेटिंग में छेड़छाड़ करके कुछ सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर रहा था। ऐसा सॉफ्टवेयर जिससे सिस्टम का क्लोन बन जाता है और बाहर से परीक्षा का पर्चा दिया जा सकता है।
इसके बाद हमने 17 अगस्त को एग्जाम के दौरान ही पुलिस को जानकारी दी और FIR कराई। इस सूचना के बाद थोड़ी ही देर में आला अफसर वहां पहुंच गए थे। मनमीत ने कम्प्यूटर क्लोन बनाने की जो बात कही, उसका आशय सिस्टम को रिमोट पर लेने से है।

कर्मचारी चयन बोर्ड का तर्क- परीक्षा पारदर्शी तरीके से कराई

कर्मचारी चयन बोर्ड की डायरेक्टर षणमुखप्रिया मिश्रा से हमने पूछा कि बालाघाट जिले में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में एक गिरफ्तारी हुई है, इस पर आपका क्या कहना है? तो उन्होंने हमें चयन बोर्ड की ओर से जारी एक लेटर भेज दिया। इसमें कहा गया है कि चयन बोर्ड की ओर से पूरी परीक्षा पारदर्शी तरीके से कराई जा रही है। उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि आखिर एडुक्यूटी कंपनी का कोई कर्मचारी एग्जाम के दौरान किसी सिस्टम से छेड़खानी क्यों कर रहा था?
डायरेक्टर ने ये भी बताया कि अब तक 2 एफआईआर हो चुकी हैं। बालाघाट से पहले 12 अगस्त को रीवा के रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में अनाधिकृत प्रवेश पत्र लेकर परीक्षा में शामिल होने की कोशिश करने के मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई है।

कई परीक्षाओं में धांधली, आरोपों के घेरे में एक ही कंपनी

एडुक्यूटी ही वो कंपनी है, जो व्यापमं और कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाएं करा रही है। कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग भर्ती परीक्षा, पटवारी भर्ती परीक्षा और शिक्षक भर्ती परीक्षा में जो धांधली की शिकायतें आईं, इन तमाम परीक्षाओं के संचालन का जिम्मा एडुक्यूटी कंपनी के पास ही था। कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारी इस सवाल का जवाब देने से बच रहे हैं कि बार-बार गड़बड़ियों के बावजूद इसी कंपनी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है? हमने एडुक्यूटी कंपनी के भोपाल प्रतिनिधि से भी संपर्क किया था। उनका कहना है कि वे इस सबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर ही इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देंगे।

7400 पदों पर भर्ती के लिए 12 अगस्त से शुरू हुई परीक्षा

मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने मप्र गृह विभाग के लिए 7 हजार 411 पदों पर कॉन्स्टेबल भर्ती करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इनमें से 2646 पद विशेष सशस्त्र बल में केवल पुरुष उम्मीदवारों के लिए हैं जबकि विशेष सशस्त्र बल को छोड़कर 4444 अन्य पद हैं। कॉन्स्टेबल (रेडियो ऑपरेटर) के 371 पद हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया 26 जून से शुरू हुई थी। आवेदन की आखिरी तारीख 10 जुलाई थी। आवेदन में त्रुटि सुधार के लिए 26 जून से 15 जुलाई तक का समय दिया गया था। फर्स्ट फेज की चयन परीक्षा के लिए कम्प्यूटर बेस्ड ऑनलाइन एग्जाम 12 अगस्त से शुरू हो गए हैं।

अब समझिए, शिक्षक भर्ती परीक्षा में कैसे हुई थी सेंधमारी

​​​​​शिक्षक भर्ती परीक्षा-3 के दौरान पर्चे का एक स्क्रीन शॉट वायरल हुआ था। तकनीकी जांच में पता चला कि सागर के परीक्षा सेंटर ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सांइसेज से पर्चा लीक हुआ था। एग्जाम सेंटर के सिस्टम बाहर से ऑपरेट हो रहे थे। इसका मतलब ये है कि परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में बैठा था, लेकिन उसका पर्चा बाहर से कोई व्यक्ति हल कर रहा था। उसके कम्प्यूटर का कंट्रोल किसी और के हाथ में था। इसी आधार पर कर्मचारी चयन बोर्ड ने क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई। अब तक इस मामले में जांच के बाद हुई कार्रवाई का ब्योरा बाहर नहीं आया है।

पटवारी भर्ती परीक्षा में 10 में से 7 टॉपर ग्वालियर के एक ही सेंटर से

पटवारी भर्ती परीक्षा में 12 लाख स्टूडेंट ने आवेदन किया था। सफल 10 टॉपर में 7 ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र से चुने गए थे। इसी आधार पर अभ्यर्थियों ने एग्जाम रद्द करने के लिए विरोध-प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में जस्टिस राजेंद्र वर्मा को जांच की जि

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