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मध्यप्रदेश में कर्मचारी सड़क पर उतरे करीब साढ़े 3 लाख कर्मचारी एक दिन की हड़ताल के लिए अवकाश पर रहे

पुरानी पेंशन समेत कुल 39 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं

भोपाल – विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कर्मचारी सड़क पर उतर गए हैं। 60 हजार बाबू (वर्ग-3) समेत करीब साढ़े 3 लाख कर्मचारी शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल के लिए अवकाश पर हैं। इससे तहसीलों से लेकर निकायों तक जनता से जुड़े काम अटक रहे हैं।
पटवारियों के हड़ताल पर रहने से नामांकन, सीमांकन, बंटान जैसे काम नहीं हो रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कराने में भी दिक्कतें आ रही है। भोपाल में रजिस्ट्री और तहसील ऑफिस सूने पड़े हैं। अफसर ही बैठकर पेंडिंग काम निपटा रहे हैं। स्लॉट बुक नहीं होने से आज जमीन की एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।
पुरानी पेंशन समेत कुल 39 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के पटवारी पहले से 3 दिन के अवकाश पर हैं। शुक्रवार को तृतीय वर्ग और चतुर्थ वर्ग के साथ जनपद सीईओ, राजपत्रित अधिकारी भी अवकाश पर चले गए। इस कारण काम प्रभावित हो रहे हैं। शनिवार और रविवार को सरकारी छुट्‌टी होने से भी काम नहीं हो सकेंगे। यानी, लगातार 3 दिन तक जनता से जुड़े काम नहीं हो सकेंगे।
प्रदेश के साढ़े 3 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे। तहसीलों से लेकर निकायों तक कामकाज प्रभावित हुआ। दफ्तरों में तालाबंदी जैसे हालात रहे। मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा समेत 6 संगठनों के आह्वान पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। चुनाव से पहले यह प्रदेशभर के कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन है। संगठन के पदाधिकारी पिछले कई दिन से सरकारी ऑफिसों में गेट मीटिंग कर रहे थे। शुक्रवार सुबह 11 बजे से सतपुड़ा और कलेक्ट्रेट के बाहर कर्मचारी धरने पर बैठ गए।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी, जिलाध्यक्ष मोहन अय्यर, लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एमपी द्विवेदी, लघु वेतन कर्मचारी संघ के महेंद्र शर्मा, वाहन चालक कर्मचारी संघ के साबिर खान, जिला न्यायालय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव, निगम मंडल के अध्यक्ष अनिल वाजपेयी, लोक निर्माण विभाग लिपिक संघ के अध्यक्ष रत्नेश सौंधिया, अशोक पांडे ने धरने पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित किया।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 5 लाख 75 हजार कर्मचारी हैं। शुक्रवार को वर्ग-3 और 4 समेत राजपत्रित अधिकारी संवर्ग भी हड़ताल में शामिल हैं। सोमवार को कर्मचारी काम पर लौटेंगे।

पुरानी पेंशन समेत इन मांगों को लेकर प्रदर्शन

प्रदेश के लिपिक कर्मचारियों को 2400-2800-3200 के स्थान पर मंत्रालय के समान 2800-3600-4200 ग्रेड पे का लाभ दिया जाए। पुरानी पेंशन बहाल हो। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धारा 49 से छूट दी जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि से ही महंगाई राहत दी जाए। पूर्व का बकाया भी प्रदान किया जाए। पिछले 11 साल से वाहन एवं मकान किराए भत्ते में वृद्धि नहीं हुई है। इसलिए इसमें वृद्धि किए जाने की मांग भी है। इनके समेत कुल 39 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें

  • प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ते का बकाया एरियर मिले।
  • सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 4% महंगाई राहत दी जाए।
  • पुरानी पेंशन बहाल हो।
  • लिपिकों के ग्रेड पे में विसंगति को दूर करें।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदनाम दें।
  • वाहन चालकों की भर्ती एवं टैक्सी प्रथा खत्म की जाए।
  • सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन भत्ता एवं मकान किराया भत्ता दिया जाए।
  • सीपीसीटी खत्म कर आउट सोर्सेस प्रथा बंद करें।
  • शिक्षकों एवं सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान एवं नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दें।
  • कर्मचारियों की पदोन्नति करने धारा 49 समाप्त की जाए।
  • पेंशन हेतु अंशदाई पेंशन की गणना 25 वर्ष करें।
  • आंगनवाड़ी अंशकालीन, स्टेनोग्राफर, जिला न्यायालय, राजस्व कर्मचारियों की लंबित मांगें पूरी हो।


मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतव्यापी आह्वान पर इंदौर के कर्मचारी भी अवकाश पर हैं। मोर्चा के जिला संरक्षक हरीश बोयत और जिला अध्यक्ष रमेश यादव ने बताया कि प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।
मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतव्यापी आह्वान पर इंदौर के कर्मचारी भी अवकाश पर हैं। मोर्चा के जिला संरक्षक हरीश बोयत और जिला अध्यक्ष रमेश यादव ने बताया कि प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।
सेवाएं प्रभावित

आयुक्त कोष एवं लेखा- विभागों के किसी प्रकार के बिल न लगेंगे, न पास होंगे।
मकान, प्लॉट, दुकान की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।
कलेक्टर, तहसील, एसडीएम कार्यालय में नक्शा, खसरा, नामांतरण, बंटवारा सहित अन्य काम।
राजस्व वसूली प्रभावित होगी।
पीडब्ल्यूडी, पीएचई, आरईएस, जल संसाधन में ठेकेदारों के बिलों के भुगतान नहीं होंगे।
अवकाश निरस्त करने का विरोध

कर्मचारी संगठनों ने भोपाल के वरिष्ठ जिला पंजीयक आरके गुप्ता के उस आदेश का विरोध किया, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश के आवेदनों को निरस्त कर आज ऑफिस आने के लिए कहा था। विरोध के बाद फैसला बदला गया और पंजीयन विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए। इससे भोपाल के आईएसबीटी और परी बाजार स्थित दफ्तरों में तालाबंदी जैसी नौबत बन गई।

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