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जुमलेबाज भाजपा सरकार ने किया मां नर्मदा से धोखा – भूपेंद्र गुप्ता

नर्मदा को लेकर किया गया शिवराज का एक-एक वादा झूठ निकला

भोपाल – प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं नर्मदा सेवा सेना के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मां नर्मदा के साथ शिवराज सरकार के धोखे को सिलसिलेवार बेनकाब किया…

भूपेन गुप्ता ने कहा –

शिवराज ने कहा एक बूंद भी मल जल नर्मदा में नहीं जा पाएगा-झूठ निकला
कहा था नर्मदा अपनी सम्‍पत्ति की स्‍वयं स्‍वामिनी होगी – झूठ निकला
कहा था कि नर्मदा की रक्षा के लिए एक अधिकारी नियुक्‍त किया जाएगा एवं
संस्‍था बनाई जाएगी – झूठ निकला
कहा था अवैध उत्‍खनन करने वाले जेल जाएंगे – झूठ निकला
नर्मदा मॉ को जीवन्‍त अधिकार प्राप्‍त होंगे – झूठ निकला

एक पत्रकार वार्ता में भूकंप गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार ने सबसे ज्यादा झूठ और मिथ्या प्रचार प्रदेश की जनता से तो किया ही लेकिन प्रदेश की जीवन रेखा मांं नर्मदा से भी जुमलेबाजी की।मां नर्मदा को धोखा दिया गया । मध्य प्रदेश की आत्मा और प्राण मां नर्मदा में बसते हैं। नर्मदा जी के कारण जीवन है,लहराते हुए खेत है भरपूर अन्न है ,भरपूर बिजली है ।इसीलिये भाजपा ने विधान सभा में  नर्मदा जी को  जीवंत अधिकार देने का बिल प्रस्तुत किया था जिसे सर्वसम्मति से 3मई 2017को पास किया गया।
श्री गुप्ता ने कहा कि नर्मदा जी को जो वादे इस बिल के माध्यम से किये । प्रदेश की जनता की नजर में जुमलावीर सिंह बन चुके मुख्यमंत्री और भाजपा ने मां  नर्मदा को भी नहीं बख्शा उन्हें भी झूठी घोषणाओं के हार पहना दिए । नर्मदा सेवा सेना  इस प्रेस कांन्फ्रेंस के माध्यम से आपके संज्ञान में यह लाना चाहती है कि  वे नर्मदा में भी झूठी.कसम उठा चुके हैं । नर्मदा जी के अंदर खड़े होकर पानी में कसमें खाने वालों के चेहरे पूरा प्रदेश जानता है।  
आपको याद दिलाना चाहता हूं कि 3 मई 2017 को विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने बिल के माध्यम से विधानसभा में नर्मदा जी को एक वैधानिक जीवंत नदी का दर्जा दिया था। नर्मदा जी के इस वैधानिक अधिकारों के संरक्षण विषय संकल्प पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि नर्मदा जी सतपुड़ा और विंध्याचल के घने जंगलों से निकलती हैं। साल के वृक्ष बरसात का पानी अवशोषित करके रखते हैं एक बड़ा वृक्ष 50000 लीटर पानी को अवशेषित करके रखता है और बाद में आसपास की जमीन को गीला करने के लिए बूंद-बूंद करके छोड़ता है उसी से नर्मदा जी की धार बनती है। उसी से नर्मदा जी व्यापक हुई और इसीलिए नर्मदा जी के दोनों तटों पर व्यापक वृक्षारोपण होगा और वृक्षारोपण ही नदी संरक्षण का काम है यह वादा नर्मदा जी से किया गया था ।
भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि नर्मदा सेवा सेना आज मुख्यमंत्री जी से सवाल करना चाहती है कि 6 वर्षों में मां नर्मदा के तट पर साल के कितने वृक्ष लगाए गए हैं।इनमें से कितने जीवित हैं इन वृक्षों को किन-किन नर्सरिंयों से खरीदा गया और किस-किस खसरा नंबर पर इन वृक्षों के वृक्षारोपण की कार्रवाई की गई।
गुप्ता ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा को संबोधित करते हुए यह स्वीकार किया था कि 18 शहरों के सीवेज का पानी नर्मदा जी में जा रहा है उनमें से 11 शहरों के ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए टेंडर हो चुके हैं ।घोषणा की थी कि यह ट्रीटमेंट प्लांट नालों पर नहीं लगाएंगे हम सीवेज की नई लाइन डालकर नर्मदा जी की विपरीत दिशा में से ले जाएंगे वहां पानी को ट्रीट करेंगे शुद्ध करेंगे और शुद्ध किया हुआ जल किसानों के खेतों में दे देंगे, बाग बगीचों में दे देंगे ।
हम मां नर्मदा जी में मल जल की एक बूंद ना जाए इसका पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ प्रयास करेंगे।
गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि  हम नर्मदा सेवा सेना के सदस्यों ने यह पता लगाया है कि सीवेज अभी भी जारी है।अब सरकार बताएं इन 6 सालों में उन 18 शहरों के सीवेज का पानी किन-किन शहरों में बंद किया जा चुका है। 11 शहरों के ट्रीटमेंट प्लांट जिसके वह टेंडर भी कर चुके थे ।वे ट्रीटमेंट प्लांट कहां लगे हैं ?उनका पानी विपरीत दिशा में ले जाकर  किन किसानों के खेतों में पानी दिया जा रहा है इसकी जानकारी सार्वजनिक करें।
गुप्ता ने एक बार फिर याद दिलाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि जीवित इकाई का तात्पर्य है कि हम वैधानिक रूप से ऐसे प्रबंध करेंगे कि जैसे जब किसी जीवित व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो नुकसान पहुंचाने वाले को दंड दिया जाता है ।इस प्रकार से नर्मदा जी  को जीवित इकाई मानने का अर्थ है कि अगर मां नर्मदा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो जैसे किसी जीवित व्यक्ति के अधिकार होते हैं वैसे ही नर्मदा मैया के भी अधिकार होंगे नर्मदा मैया को नुकसान पहुंचाने वाले को दंडित किया जाएगा।
गुप्ता ने आगे कहा कि इन अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक प्राधिकृत अधिकारी या संस्था को सशक्त किया जाएगा जो स्वयं पहल करके नदी के हितों का संरक्षण करेगी जब जरूरत पड़े तो मां नर्मदा की तरफ से एफआईआर भी दर्ज करवा दे अगर यह हो रहा है उत्खनन के कारण हो रहा है अगर यह हो रहा है तो वृक्ष काटने के कारण हो रहा है नर्मदा जी में नल मल जल भेजने के कारण हो रहा है ऐसे लोग जो इस तरह के कृत्य करते हैं उनके खिलाफ प्रभावी वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ।इसलिए नर्मदा मैया को जीवित इकाई घोषित करने की बात की जा रही है।
गुप्ता ने बताया कि  मुख्यमंत्री ने मां नर्मदा को वैधानिक जीवंत नदी का दर्जा  विधानसभा के माध्यम से मां नर्मदा से 11 वादे किये थे।संकल्प उठाये थे। उसकी पड़ताल जरुरी है.क्या  मां नर्मदा को यह जुमले परोसे गए थे ? क्या मां नर्मदा से धोखा किया गया ?
गुप्ता ने सवाल पूछते हुए कहा कि मां नर्मदा की ओर से नर्मदा सेवा सेना पूछती है कि मां नर्मदा के नाम से आज तक भाजपा की  जुमलेबाज सरकार ने कितनी एफआईआर दर्ज कराई हैं ?मां नर्मदा को नुकसान पहुंचाने वाले किन-किन लोगों को दंडित किया गया है? कौन सी आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं? और क्या-क्या सजा दी गई है?
उन्होंने आगे जानना चाहा है कि जिन-जिन लोगों के डंपर मशीन इत्यादि जप्त किए गए हैं क्या उन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं?
मुख्यमंत्री जी यह भी बताइए कि आपकी सरकार ने किस प्राधिकृत अधिकारी या संस्था को मां नर्मदा के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए। नियुक्त किया है और उसे अधिकारी या संस्था द्वारा इस दिशा में क्या-क्या कार्य किए गए हैं ?
गुप्ता ने सवाल पूछा है कि किन-किन व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई है क्या बीते 6 सालों में जुमला परोसने के बाद मां नर्मदा को उसे उनकी संपदा का पूर्ण अधिकार दे दिया गया है ? क्या आपने इस बात का परीक्षण किया है क्या बीते 6 वर्षों में मां नर्मदा की ओर से आयकर रिटर्न भर गया है? क्या मां नर्मदा की संपदा को उपभोग  करने वालों द्वारा मां नर्मदा को इस हेतु कोई भुगतान किया गया है? विगत 6 सालों में इस संकल्प के अंतर्गत विधायी प्रावधान करने हेतु कौन से कानून विधानसभा में लाये गए हैं ?
गुप्ता ने आगे पूछा है कि मुख्यमंत्री जी ने 3 मई 2017 को यह भी कहा था  कि नर्मदा सेवा यात्रा एक जन जागरण का आंदोलन है हम इसमें तय कर रहे हैं कि माता बहनों के कपड़े बदलने के स्थान बनाए   जाएंगे । अगर श्रद्धा से भरी हुई हमारी माताएं बहने लाखों की तादाद में अनेक पर्वों पर स्नान करने जाती हैं यह मर्यादा की रक्षा के लिए जरूरी है कि उनके कपड़े बदलने के स्थाई स्थान बनाए जाएंगे।
आपसे सवाल है कि बहनों की सुविधा हेतु मां नर्मदा के किन-किन घाटों पर कितने स्थाई कमरे वस्त्र बदलने के लिए बनवाये हैं,जैसा आपने घोषित किया था।
आपने साल के बृक्षारोपण का वादा किया और लाड़कुई के जंगल साफ कर दिये गये।
साल बृक्षों के नाम पर बृक्षारोपण भी घोटाला बन गया। अवैध उत्खनन करने वालों को जेल भेजने की कसम तो  खाई मगर उनसे वैधानिक दंड की राशि भी नहीं बसूली गई।भंडारण स्टाक के नाम पर अवैध उत्खनन को प्रश्रय दिया गया।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि शिवराज की सरकार ने कटी नाक जोड़ने के लिये 122 डंपर जप्त कर लाल परेड ग्राऊंड पर उनकी प्रदर्शिनी लगाने का नाटक किया था।उन ड़ंपरों का क्या हुआ?,क्या अपनी संपदा की स्वामिनी मां नर्मदा को उसका भुगतान किया गया? क्या वे लोग जेल गये ।वहां से  आधे डंपर रात को कथित रूप से गायब हो गये थे ,वे किसके थे?
अलग अलग वैज्ञानिक शोधों और जांचों में नर्मदा का जल बहुत जगहों पर पीने योग्य नही पाया गया उसमें क्षारीयता का स्तर,मानव स्वास्थ्य के लिये खतरनाक बैक्टीरिया,नाईट्रिक अशद्धियो के लिये सरकार को चेताया गया है?सरकार का प्रदूषण मंडल भी जांच करता है किंतु अलग अलग रिपोर्टों.में असमानता क्यों है ?इस पर नर्मदा पुत्र होने का दावा करने वालों ने न तो ध्यान दिया न प्राथमिकता तय की?
गुप्ता ने कहा कि जब आदरणीय कमलनाथ जी की सरकार बनी नर्मदा पुरम के तीन घाटों पर सफाई और गंदगी रोकने 1 करोड़ रुपया नगरपालिका को मिला ।कोरी घाट नाले का प्रदूषण रोकने 8 नवंबर 2019 को तत्कालीन मंत्री पीसी शर्मा ने भूमिपूजन भी किया टेंडर हडर हुए मार्च में कमलनाथ जी की सरकार अनैतिक यरीकों से गिरा दी गई त़ यह काम भी भ्रष्टाचार की भेंट चड़ गया।एक हरी नेट लगाकर कमलनाथ सरकार में मिले पैसे को खुर्दबुर्द कर दिया।नाला यथावत बह रहा है।
2018 तक के बजट में निरंतर 102 करोड़ इस काम के लिये रखे गये,सरकार बयाये तो कि इस पैसे का क्या उपयोग हुआ कहां खर्च हुए और मां नर्मदाकी सेवा क्यों नहीं हुई?
गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि झूठ और जुमलों के प्रदेश के रूप में इस प्रदेश को विश्वख्यात बनाने के अभियान  में इन्होंने मां नर्मदा की योजनाओं को  भी नहीं छोड़ा,उन्हें भी लूट लिया ।
इसलिये.नर्मदा की चर्चा करने के अधिकारी अब केवल वे लोग हैं जिन्होंने इसे मल-जल,औद्योगिक अपशिष्ट,गंदे नालों,अवैध उत्खनन,बृक्षों की कटाई,बायो डायवर्सिटी की क्षति, झूठ और भ्रष्टाचार से मैला न किया हो।
नर्मदा सेवा सेना नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर और बुधनी के आंवली घाट पर दो बड़े कार्यक्रम कर चुकी है हमने गंदगी और सरकारी लापरवाही को रिकॉर्ड किया है अब यह कार्यक्रम हम पिपरिया सिवनी मालवा बड़वानी आदि क्षेत्रों में करने जा रहे हैं इस दौरान नर्मदा जी के प्रति आस्था वान लाखों लोगों को हम नर्मदा जल की पूजा में रखने योग्य जल बोतल में प्रदाय करेंगे।
  कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि नर्मदा जी के नाम पर संकल्प लेंगे कि जो काम यह झूठी सरकार नहीं कर सकी जिसने नर्मदा जी के साथ धोखा किया उन संकल्पों की  पूर्ति अगली कांग्रेस सरकार से करवाएंगे। कमलनाथ जी आएंगे तो वह सारे काम प्राथमिकता के आधार पर शुरू होंगे जो मां नर्मदा के महात्म को बचाये रखने और सिद्ध करने के लिए आवश्यक होंगे ।
बुधनी के सभी घाटों पर किन भार्गव जी का  कथित कब्जा है,उनका नाम सरकार क्यों नहीं बताती ?क्या मालकियत नर्मदा जी की बताकर आपके नेता उनकी संपदा को लूटते रहेंगे।जब मां नर्मदा स्वामिनी हैं तो ये लुटेरे कौन है?क्या ये किरायेदार है?

भाजपा की इस चौपट सरकार ने करोड़ों रुपया बड़े-बड़े कलाकारों को बड़े-बड़े नाम के वैज्ञानिकों को साधुओं को संतो को बुलाकर नर्मदा यात्रा के नाम पर तो खर्च किया किंतु महापुरुषों के साथ सत्संग करने के बावजूद वे नर्मदा जी के प्रति अपनी नीयत को साफ नहीं कर सके। अब नर्मदा जी केवल वे लोग साफ कर सकते हैं जिनकी नीयत भी साफ हो।

मां नर्मदा से शिवराज के 11 झूठे वादे
 प्रिय पत्रकार साथियों

  1. विंध्याचल के घर घने जंगल में साल के वृक्ष बरसात का पानी अवशोषित करके रखते हैं करके छोड़ा हुआ पानी धीरे-धीरे नर्मदा जी की धार बनती है ।नर्मदा जी के दोनों तटों पर वृक्षारोपण होगा और वृक्षारोपण ही नदी संरक्षण का काम है।
  2. 18 शहरों के सीवेज का पानी नर्मदा जी में जा रहा है इनमें से 11 शहरों के ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए टेंडर हो चुके हैं ।यह ट्रीटमेंट प्लांट कहां लगेंगे हम यह ट्रीटमेंट प्लांट नालों पर नहीं लगाएंगे। हम सीवेज की नई लाइन डालकर नर्मदा जी की विपरीत दिशा में ले जाएंगे जहां पानी को ट्रीट करेंगे, शुद्ध करेंगे एवं शुद्ध किया हुआ पानी किसानों के खेतों में दे देंगे बाग बगीचों में दे देंगे।
  3. हम मां नर्मदा जी में मल जल की एक बूंद भी ना जा पाए इसका पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ प्रयास करेंगे ।

4.हम तय कर रहे हैं कि माता बहनों के कपड़े बदलने के स्थान बनाए जाएंगे अगर श्रद्धा से भरी हुई हमारी माताएं बहने लाखों की तादाद में अनेक प्रमुख पर स्नान करने जाती हैं तो नर्मदा तटों पर जाती हैं ।मर्यादा की रक्षा के लिए जरूरी है कि उनके कपड़े बदलने के स्थान बनाए जाएं अगर नर्मदा सेवा यात्रा के बाद हम यह व्यवस्था कर रहे हैं तो कौन सा अपराध कर रहे हैं।

5.हमने यह तय किया है कि नर्मदा तट नशा मुक्त होना चाहिए ।नर्मदा के दोनों तटों पर पांच-पांच किलोमीटर तक दारू की कोई दुकान नहीं खुलेगी।

6.जीवित इकाई का तात्पर्य है कि हम वैधानिक रूप से ऐसे प्रबंध करना चाहते हैं कि जब किसी जीवित व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचता है तो उसे नुकसान पहुंचाने वाले को दंड दिया जाता है उसी प्रकार से नर्मदा को जीवित इकाई करने का अर्थ है कि अगर मां नर्मदा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो जैसे किसी जीवित व्यक्ति के अधिकार होते हैं वैसे ही नर्मदा मैया के भी अधिकार होंगे ।नर्मदा मैया को नुकसान पहुंचाने वालों को दंडित किया जाएगा जीवित व्यक्तियों के जो अधिकार होंगे वही नर्मदा मैया के भी अधिकार होंगे ।

7 इन अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक प्राधिकृत अधिकारी या संस्था को सशक्त किया जाएगा जो स्वयं पहल करके नदी के हितों का संरक्षण करें ।जब जरूरत पड़े तो तो मां नर्मदा की तरफ से एफआईआर भी दर्ज करवा दे अगर यह नुकसान उत्खनन के कारण हो रहा है वृक्ष काटने के कारण हो रहा है नर्मदा जी में मलजल भेजने के कारण हो रहा है ऐसे लोग जो इस तरह के कृत्य करते हैं उनके खिलाफ प्रभावी वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इसलिए नर्मदा मैया को जीवित इकाई घोषित किया करने की बात की जा रही है। मां नर्मदा को विधिक हैसियत प्रदान करने के लिए सारी चीज हम करेंगे उनमें सभी तरह के विवाद स्वयं मां नर्मदा की तरफ से संस्थित होंगे।

8.मां नर्मदा के प्रति किसी भी प्रकार के वैधानिक कृत्य के विरोध के लिये किसी तृतीय पक्ष के द्वारा वैधानिक कार्रवाई आरंभ करने की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। स्वयं मां नर्मदा के नाम से वैधानिक कार्रवाई  आरंभ की जा सकेगी अगर कोई सीवेज का पानी नर्मदा जी में छोड़ता है तो उसके विरुद्ध अपराधिक  प्रकरण चलाया जा सकेगा ।

9.ऐसी जितनी भी चीज हैं जो नियम में हम लोग भेद करेंगे उसके अनुसार कार्यवाही कर सकते हैं ।  मां नर्मदा उसमें निहित समस्त संपदा की स्वामिनी होंगी इसके संरक्षण के लिए मां नर्मदा के नाम से बाद भी लाया जा सकेगा ।

10.नर्मदा जी के संरक्षण का  हम एक ऐसा एक प्रयास करेंगे की नदियों के संरक्षण का दुनिया में  एक उदाहरण बनकर खड़ा कर दिया जाए।

  1. मैं अपने आप को इस अभियान के लिए समर्पित करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि आने वाले समय में जो विधिक प्रावधान किए जाएंगे बाकायदा विधेयक के रूप में हम इसी सदन में लेकर    आएंगे ।
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