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दिग्विजय बोले- मौजूदा सरकार की मानसिकता जर्मनी के लीडर जैसी

कहा- हमारे संविधान में भारत-इंडिया एक ; आडवाणी के हवाले से मोदी को बताया इवेंट मैनेजर

भोपाल – मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार की जो आज मानसिकता है, वही मानसिकता जर्मनी के लीडर की रही है। हमारे संविधान में भारत और इंडिया एक ही है। आडवाणी जी ने कहा था कि मोदी सबसे अच्छा इवेंट करते हैं। कोई भी कार्यक्रम को बहुत अच्छा इवेंट बना लेते हैं।

पूर्व सीएम ने कहा कि महात्मा गांधी का रास्ता धार्मिकता का रास्ता है। प्रेम सद्भाव सत्य अहिंसा का रास्ता है। नाथूराम गोडसे, मोहम्मद अली जिन्ना और आज के ओवैसी ये लोग धर्मान्धता का रास्ता अपनाते हैं। आज महंगाई बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। कुछ सालों में हमने सरकार के रवैया को देखा है। जो कि चिंताजनक है। मैं चाहता हूं आप लोग हर समूह में जाकर चर्चा करें।

दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को भोपाल में आयोजित ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अभी तक राजनीतिक दलों में विशेष कर कांग्रेस पार्टी में जो मिडिल क्लास प्रोफेशनल्स है। उनके लिए कोई स्थान नहीं था। इसलिए राहुल गांधी ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस का गठन किया। और शशि थरूर को उसका अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने इसका स्वरूप इतना आसान कर दिया है कि उसके गठन और नामांकन के लिए इलेक्शन के लिए किसी का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।

G20 को इवेंट बना दिया…

दिग्विजय सिंह ने कहा कि G-20 मनमोहन सिंह जी के समय में भी हुआ था। उन्होंने इवेंट पर ध्यान न देकर बिंदुओं पर ध्यान दिया। पीएम मोदी G-20 की बात करते हैं, वन नेशन वन इलेक्शन की बात करते हैं। लेकिन महंगाई की बात नहीं करते हैं। इन सभी बातों को हमें समझने की जरूरत है। RSS के लोग आपके घर पर चाय पीने आते हैं। और आपके दिमाग में जहर डाल कर चले जाते हैं। अलग-अलग तरीके से अलग-अलग लोगों को भड़काया जाता है। हम लोग गांधी की सोच पर चलने वाले लोग हैं।

चुनी हुई सरकार गिराई जा रही है…

दिग्विजय सिंह ने कहा, चुनाव के माध्यम से हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है। लेकिन खरीदी प्रारूप और चुनी हुई सरकारों को गिराने की प्रक्रिया बीजेपी ने शुरू कर दी है। चुनी हुई सरकार यहां पर आई तो बोली लग गई और सरकार गिर गई। ये कोई अकेले मध्य प्रदेश में नहीं हुआ। कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, सभी जगह हुआ। लोकतंत्र जो कि जनता के हाथ में सरकार चुनने का अधिकार था। वह छीनकर उनके पास जा रहा है जिनके पास पैसा है।
ये जो ट्रोल कि आप बात कर रहे हैं। व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी जिसे कहते हैं। ये सब कुछ फेक न्यूज के माध्यम से किया जा रहा है। यह एक रणनीति के तहत होता है। फेक अकाउंट के माध्यम से हमारे लीडर को टारगेट करते हैं। बुरी-बुरी गालियां देते हैं। इन मामलों में जब कोई व्यक्ति सेंसिटिव होता है। तो घर वाले कहते हैं आपको क्या लगता है आप छोड़ो यह एक रणनीति है।

धर्म का उपयोग राजनीति में न हो..

दिग्विजय ने कहा कि सनातन धर्म या हिंदू धर्म यह सबसे पुराना धर्म है। आज हमें यह बात समझना चाहिए कि धर्म को अपना कर हमें क्या सीख मिलती है। हर धर्म इंसानियत का संदेश देता है। जहां तक धर्म का उपयोग राजनीति में है तो मैं उसके पक्ष में नहीं हूं। न ही हमारी पार्टी उसके पक्ष में है। क्योंकि भारतीय संविधान ने हमको अधिकार दिया है कि हम हमारे आस्था के धर्म का पालन करें। और उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
अभी के हालात आप भी देख रहे हैं। हमारे नव युवकों को बेरोजगारों को इसी काम में लगाया गया है। आज कावड़ यात्रा होती है। धार्मिक यात्रा होती है। चुनरी यात्रा होती है। लेकिन इन यात्राओं में भारतीय जनता पार्टी के जो बड़े नेता हैं उनके बच्चे नहीं जाते हैं। न ही इनके बच्चे सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने जाते हैं। इनके बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल में या फिर विदेश में पढ़ने जाते हैं।

करप्शन पर उठाया सवाल

दिग्विजय सिंह ने कहा, करप्शन ऊपर से नीचे की तरफ होता है। नरेंद्र मोदी ने कहा था- न खाऊंगा न खाने दूंगा। अन्ना हजारे के नेतृत्व में लोकपाल के लिए कितना आंदोलन चला। मैं कह सकता हूं कि लोकायुक्त कितना भी ईमानदार हो जाए। लेकिन नीचे का अमला यदि ईमानदार नहीं है। तो लोकायुक्त सही ढंग से काम नहीं कर सकते हैं। क्योंकि वह हर जगह जांच करने नहीं जा सकते हैं।
अमेरिका के जो राजनेता हैं वह नेशन नियम बनाने में पैसा इकट्ठा करते हैं। और भारत के जो नेता हैं वह नियम तोड़कर पैसा कमाते हैं। इसलिए नियम और नीति बनाने का अ

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