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पूरे मप्र के सरकारी कार्यालयों में लगे प्राइवेट वाहनों की जांच की जाए तो 100-200 करोड़ रुपये से ऊपर का घोटाल उजागर होगा – कांग्रेस

कांग्रेस का आरोप- हेल्थ विभाग में 200 करोड़ का घोटाला, बाइक और आटो के नंबरों पर लाखों का भुगतान

भोपाल – कांग्रेस ने आज पीसीसी में प्रेसवार्ता कर हेल्थ विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कांग्रेस की ओर से केके मिश्रा, पुनीत टंडन और जेपी धनोपिया ने कहा कि सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी में दस्तावेज निकलकर आए हैं, वह अपने आप में चौकाने वाले हैं। विभाग द्वारा मोटर साइकिल, आटो रिक्शा एवं दूसरे प्रदेशों के वाहनों एवं वित्त विभाग के नियम विरूद्ध प्राइवेट नाम से दर्ज वाहनों पर लाखों रुपये का भुगतान सिर्फ भोपाल मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से होना पाया गया है।
उनहोंने कहा, यदि इसी प्रकार पूरे मप्र के सरकारी कार्यालयों में लगे प्राइवेट वाहनों की जांच की जाए तो कहीं न कहीं यह 100-200 करोड़ रुपये से ऊपर का घोटाल उजागर होगा। सरकार कहीं न कहीं अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए नियम विरूद्ध गाड़िया लगाकर जनता के पैसों का खुलेआम दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार कर रही है। मप्र के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की नाक के नीचे जब राजधानी जैसी जगह में फर्जी भुगतान से लाखों रुपयों का भ्रष्टाचार हो रहा है तो प्रदेश के अन्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में की क्या स्थिति होगी।

नियमों की खुलकर अवहेलना

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल के कार्यालय से प्राइवेट वाहनों के नाम लाखों रुपयों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है एवं वित्त विभाग के नियमों की खुलकर अवहेलना की जा रही है। वित्त विभाग के नियमानुसार शासकीय कार्यालयों में मासिक आधार पर वाहन किराए पर लिए जाने के लिए जो नियमावली निर्धारित की गई है, उसमें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में टैक्सी कोटे में रजिस्टर्ड वाहन ही किराए पर लिए जाए एवं जिन अधिकारियों हेतु वाहन किराए पर लिए जा रहे हैं, उन अधिकारियों के मूल पद के ग्रेड-पे के आधार पर वाहन किराए पर लिए जाने हेतु मापदंड निर्धारित है। परंतु मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कार्यालय में जो वाहन किराए पर लगाए गए, उसमें 75 वाहनों की सूची प्राप्त हुई, जिसमें आधे से ज्यादा वाहन प्राइवेट कोटे के हैं, जो कि परिवहन कार्यालय की साइट पर टैक्सी कोटे में न होकर प्राइवेट नामों से दर्ज हैं, जो कि अपने आप में जांच का एक बड़ा विषय है।

ऐसे हुआ भुगतान

सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी में मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा रेवांचल टूर एंड ट्रैवेल्स ने बिल सात दिसंबर 2021 को भुगतान हेतु 29,793 रुपये का बिल मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को दिया, उसमें जो वाहन नंबर एमपी 19 बीए 0310 बुलेरो गाड़ी का बिल दिया गया, जो कि मप्र ट्रांसपोर्ट विभाग की सेवा में दर्ज गाड़ी नंबर कंधीलाल सेन सतना के नाम पर दो पहिया वाहन बजाज सीटी 100 दर्ज होना पाया गया है। इसी तरह 10 जनवरी 2022 को भी 29,793 रुपये का बिल पुनः इसी नंबर एमपी 19 बीए 0310 बुलेरो गाड़ी के नाम पर कुल 56,804 रुपये का भुगतान किया गया। जो वाहन आज अस्तित्व में ही नहीं है, उनके नंबरों पर हजारों रुपयों का भुगतान होना पाया गया है।

उजागर हुई बड़ी लापरवाही

इसी कड़ी में एमपी 04 टी 4533 सिप्ट डिजायर का भुगतान बिल 27,011 रुपये का किया गया। बिल में जो गाड़ी का नंबर दर्शाया गया है, वह आरटीओ विभाग में अब्दुल रशीद भोपाल के आटो रिक्शा के नाम पर दर्ज होकर भुगतान किया गया, जो कि अपने आप में एक बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। इसी प्रकार एक अन्य वाहन एमपी 04 टीबी 1981 का जो बिल 19 मई 2020 को भुगतान हेतु दिया गया, उसमें गाड़ी का नाम बुलेरो गाड़ी बताया गया है, जबकि आरटीओ विभाग की साइट में यह गाड़ी इनोवा किस्टा उमेश त्रिपाठी, रेवांचल टूर एंड ट्रैवेल्स के नाम पर दर्ज है। बोलेरो गाड़ी बताकर 90,584 रुपये का भुगतान एक अप्रैल 2020 से 30 अप्रैल 2020 तक एक माह का भुगतान लिया गया, जो कि अपने आप में एक जांच का विषय है कि गाड़ी नाम कुछ और बिल किसी और गाड़ी के नाम से उक्त गाड़िया दर्ज होकर हजारों रुपये महीने का भुगतान लिया जा रहा है।

आरटीओ की साइट पर दर्ज नहीं

इसी प्रकार यूपी 79 टी-7595 डिजायर गाड़ी के नाम पर 52,907 रुपये का भुगतान 18 अगस्त 2020 को किया गया, यह वाहन परिवहन विभाग की साइट के नाम पर कहीं भी दर्ज नहीं होना पाया गया, जो कि अपने आप में जांच का विषय है। इसी प्रकार एमएच 01 सीजे 5289 महाराष्ट्र प्रदेश का वाहन मप्र में रेवांचल टूर एंड ट्रैवेल्स को 11 अगस्त 2020 को 71,571 का भुगतान किया गया, जबकि वाहन मप्र का न होकर महाराष्ट्र का है।

एक केस ये भी

इसी प्रकार एमपी 04 सीआर 5599 स्कारपियों वाहन शुभम मिश्रा के नाम पर परिवहन विभाग की साइट पर दर्ज होना पाया गया है, जो कि टैक्सी कोटे की न होकर प्राइवेट नाम से दर्ज है, जिसका भुगतान 14 जनवरी 2022 को एक माह का भुगतान 56305 रुपये किया गया। इसी प्रकार एमपी 04 एचबी 2098 स्कॉपियों वाहन रमावती सिंह भोपाल के नाम पर परिवहन विभाग की साइट पर प्राइवेट क्लास में दर्ज है, जिसका भुगतान 29,792 रुपये किया गया। इसी प्रकार एक अन्य वाहन एमपी 04 बीए 1988 ऋषभ कुमार जैन के नाम से आरटीओ की साइट में प्राइवेट क्लास में दर्ज है, जिसका भुगतान 10 जनवरी 2022 को 29,793 रुपये किया गया।

ऐसे मिली जानकारी

मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी भोपाल से सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी चाही गई थी। मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 5,574 रुपये शुल्क जमा होने के आठ माह के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश के उपरांत आवेदक को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई और स्वास्थ्य अधिकारी पर जानकारी न देने के अभाव में 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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