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मांझी समाज का आखेट करने के षड़यंत्र में लगी भाजपा: भंवरिया

भाजपा द्वारा 23 जुलाई को मछुआ समाज की होने वाली बैठक समाज को गुमराह करने की साजिश का हिस्सा: भंवरिया

भोपाल – मप्र फिशरमेन मछुआ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सदाशिव भंवरिया ने षड्यंत्रकारी भाजपा सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा प्रदेश में साढ़े अठ्ठारह वर्षों से लगातार सत्ता पर काबिज है और इस दौरान उसने प्रदेश मे निवास करने वाले माझी मछुआ समाज से उसका पैतृक धंधा मछली पालन सहित आरक्षण के सारे अधिकार एक-एक कर छीन लिए हैं, किन्तु भाजपा में काम करने वाले इस समाज के ठेकेदार और उनके चाटूकार काम और विचारों से अपाहिज नेताओं ने कभी भाजपा सरकारों के सामने समाज की समस्याओं को साहसिक तरीके नहीं उठाया। ऐसा भी नहीं है कि समाज के प्रति घोर लापरवाह इन नेताओं को विपक्ष या समाज के प्रति समर्पित और समाज का हित चाहने वाले लोगों ने समाज के प्रति उनके निकम्मेपन से खबरदार न किया हो, किंतु भाजपा और भाजपा के पक्षधर समाज में बैठे लोंगों को समाज के हितों से कोई सरोकार नहीं है।
श्री भंवरिया ने कहा कि भाजपा द्वारा 23 जुलाई को मछुआ प्रकोष्ठ की बैठक की जा रही है, जिसका उद्देश्य केवल षड्यंत्र कर समाज को गुमराह करना मात्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि 23 जुलाई की इस बैठक के आयोजक भाजपा मछुआ प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष सर्वश्री बाबूलाल चौहान और मछुआ कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कैलाश विनय चार माह पूर्व एमएलए रेस्ट हाउस भोपाल मे समाज के सर्व संगठनो की आयोजित बैठक में सैकड़ों समाजजन उपस्थित थे, जिसमें तय हुआ था कि बाबूलाल चौहान और कैलाश विनय इस बैठक में तयशुदा लोगों के प्रतिनिधि मंडल की पन्द्रह दिन के अंदर मुख्यमंत्री से भेंट कराएंगे और समाज की तमाम समस्याओं पर चर्चा कराएंगे, किन्तु यह दोनों नेता समाज की पंचायत के उस फैसले को अंजाम तक पहुंचाने में पूर्णतः विफल रहे और उसी विफलता से शर्मिंदा ये लोग अब 23 जुलाई की बैठक की आड़ में समाज को भ्रमित कर भाजपा के गुणगान और सरकारी योजनाओं के बखान कर समाज के वोटों के आखेट की जुगत कर पार्टी की नजरों में अपने निकम्मेपन को छुपाने का प्रयास करेंगे जो निंदनीय कृत्य के सिवाय कुछ नहीं है।
श्री भंवरिया ने कहा कि प्रदेश का माझी मछुआ समाज भाजपा और भाजपा सरकार की कथनी और करनी से अच्छी तरह वाकिफ हो चुका है और भाजपा से जुड़े अपने सामाजिक नेताओं कार्यकर्ताओं के निठल्लेपन को भी पहचान गया, इसलिए यह लोग अब कितनी भी बैठकें कर लें समाज इनके बहकावे मे आने वाला नहीं है।

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