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शाजापुर जिला अस्पताल में एक महिला शिक्षा मंत्री इंदर सिंर परमार के सामने डॉक्टरों पर भड़की

हादसे के बाद घायलों को अस्पताल लाया गया था, लेकिन अस्पताल में दर्द निवारक गोलियां तक नहीं मिली

शाजापुर – शाजापुर जिला अस्पताल में एक महिला शिक्षा मंत्री इंदर सिंर परमार के सामने डॉक्टरों पर भड़क गई। महिला ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘इन्होंने मरीजों को टच करके भी नहीं देखा। वे दर्द से कराह रहे हैं, उसके बाद भी नहीं देख रहे। दर्द की गोलियां भी मैंने बाहर से मंगवाकर सभी को दी। मेरे चिल्लाने पर टिटनेस के इंजेक्शन लगाए गए। महिला ने कहा कि, अगर यह स्टाफ है तो हमें घर पर ही मरना है। घर से इतनी दूर आकर हमारा राम-नाम सत्य हो, इससे अच्छा है घर वालों के सामने ही दम तोड़ देते।

हादसे के बाद घायलों को अस्पताल लाया गया था

शनिवार दोपहर में बोलाई गांव के हनुमान मंदिर में भंडारा था। ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर श्रद्धालु घर लौट रहे थे। रास्ते में ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर खंती में जा गिरी। हादसे में हर्षिता नाम की बच्ची की मौत हो गई। 6 श्रद्धालु घायल हो गए। घायल अलम, देवकलम, राजकुमारी, जमनाबाई, सपना और पूजा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

रात में मंत्री परमार घायलों का हाल जानने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। घायलों को इलाज नहीं मिलने पर महिला ने मंत्री से डॉक्टरों की शिकायत कर दी। मरीजों की बात सुनकर मंत्री भी अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाराज हुए। उन्होंने मौके पर मौजूद सिविल सर्जन और डॉक्टरों को व्यवस्था सुधारने और तुरंत इलाज करने के निर्देश दिए।

मंत्री ने अस्पताल व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हादसा वाकई दुखदायी है। हमारे विधानसभा क्षेत्र की एक बालिका असमय मौत के मुंह में समा गई। वह दुख भी ग्रामीणों को था। अचानक हुए इस हादसे से व्यवस्थाओं को लेकर महिला ने नाराजगी जताई है। मेरे द्वारा व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए गए

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