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कांग्रेस बोली- इलेक्टोरल बॉन्ड PM की हफ्ता वसूली योजना

21 फर्मों ने ED-CBI की रेड पड़ने के बाद BJP को करोड़ों का चंदा दिया

नई दिल्ली – कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हफ्ता वसूली का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड को पीएम हफ्ता वसूली योजना नाम दिया है। कांग्रेस ने दावा किया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दान देने वालों में 21 फर्म ऐसी हैं, जिन्होंने CBI, ED या इंकम टैक्स की जांच का सामना किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हर दिन चुनावी बॉन्ड घोटाले का सच सामने आ रहा है।
जयराम रमेश X पर एक लंबी पोस्ट की सीरीज लिख रहे हैं। इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले में भ्रष्टाचार के तरीकों के बारे में लिखा जा रहा है। रमेश 4 तरीकों में चंदा दो धंधा लो, हफ्ता वसूली, ठेका लो रिश्वत दो और फर्जी कंपनी का जिक्र कर रहे हैं।

पीएम हफ्ता वसूली को लेकर जयराम ने लिखा…

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कैम कितना बड़ा है यह लगातार स्पष्ट होता जा रहा है। हर गुजरते दिन के साथ इससे जुड़े चौंकाने वाले उदाहरण सामने आ रहे हैं। आज, हम इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले में भ्रष्टाचार के चार तरीकों में से दूसरे, प्रधानमंत्री हफ्ता वसूली योजना पर फोकस कर रहे हैं-

10 नवंबर 2022 को ED ने दिल्ली सरकार की शराब नीति में गड़बड़ियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया। पांच दिन बाद 15 नवंबर को अरबिंदो फार्मा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में 5 करोड़ रुपए दान किए।
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने अक्टूबर 2018 में इनकम टैक्स के छापे के 6 महीने बाद अप्रैल 2019 में 30 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे।
7 दिसंबर 2023 के रामगढ़ में रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड की 3 यूनिट पर आयकर विभाग ने छापा मारा। 11 जनवरी 2024 को कंपनी ने 1 करोड़ रुपए के 50 इलेक्टोरल बांड खरीदे। इससे पहले फर्म ने केवल अप्रैल 2021 में दान दिया था।
हैदराबाद की शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड पर 20 दिसंबर 2023 को इनकम टैक्स का छापा पड़ा। 11 जनवरी 2024 को कंपनी ने 40 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड खरीदे।
नवंबर 2023 में आयकर अधिकारियों ने कथित नकद लेनदेन के लिए रेड्डीज लैब्स के एक कर्मचारी के यहां छापा मारा। छापे के ठीक बाद कंपनी ने 31 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। इसके बाद इस कंपनी ने नवंबर 2023 में 21 करोड़ रुपए के और जनवरी 2024 में 10 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, जो कुल मिलाकर 84 करोड़ रुपए होते हैं।
आखिर में जयराम ने लिखा कि ये केवल कुछ उदाहरण हैं। लेकिन 21 ऐसी फर्म्स हैं, जिन्होंने CBI, ED या इनकम टैक्स की जांच के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में दान किए है।

जयराम बोले- घोटाले के लिए मोदी-शाह जिम्मेदार

जयराम रमेश ने अपनी पोस्ट में कहा कि चुनावी बॉन्ड घोटाले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं। उनसे ही पूछा जाना चाहिए कि सरकार ने चुनावी चंदा हासिल करने के लिए बदले की भावना से काम क्यों किया। इन दोनों ने ही इस योजना के जरिए भाजपा के खातों में काला धन भेजने की साजिश रची थी।

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