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डेपुटेशन पर मंत्रालय:2539 में 1175 पद खाली

रोज 600 फाइलों का लक्ष्य, लेकिन 300 भी नहीं निपट पा रहीं

भोपाल – वल्लभ भवन में मंत्रालय कैडर के महत्वपूर्ण अफसरों का टोटा हो गया है। इसका असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं से जुड़े काम भी प्रभावित हो रहे हैं। रोजाना 50-60% काम पेंडिंग रह जाता है। इसकी वजह यह है कि मंत्रालय कैडर के एडिशनल सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी, सेक्शन ऑफिसर्स जैसे महत्वपूर्ण पद औसत तौर पर 50% खाली हैं।
अरसे से खाली इन पदों पर भर्ती के बारे में सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। नतीजे में रिटायरमेंट के चलते पद निरंतर खाली हो रहे हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में डिप्टी सेक्रेटरी पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य वन सेवा के अफसरों की सेवाएं ली गई हैं। इसके अलावा डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी के खाली पदों के लिए कई विभागों से संयुक्त संचालक या अपर संचालक स्तर के अफसरों की सेवाएं भी अस्थायी रूप से ली हैं। इनके मंत्रालय में जाने का असर संचालनालय की प्रशासकीय व्यवस्था पर पड़ा है।
जानिए कितने पद खाली : मंत्रालय कैडर में एडिशनल सेक्रेटरी के 3 पद मंजूर हैं। तीनों खाली हैं। डिप्टी सेक्रेटरी के सभी 14 पद और सेक्शन ऑफिसर्स के 143 में से 109 पद खाली हैं। सहायक ग्रेड-2 के 335 में से 108 ग्रेड-3 के 602 में से 139 पद खाली हैं। कैडर की 14 श्रेणी के स्वीकृत कुल 2539 में से 1175 पद खाली हैं।

50% काम रोज रह जाता है पेंडिंग
लंबे समय से नहीं हुईं भर्तियां

खाली पदों के कारण काम पर ये हो रहा असर

अधिकारियों और कर्मचारियों के तय कामकाज के हिसाब से रोजाना औसतन 600 फाइलों का काम निपटाना होता है।
पद खाली होने से रोजाना करीब 300 फाइलें भी नहीं निपट पातीं। इस तरह पेंडेंसी 50% हो जाती है।
मंत्रालय में… कामकाज के तय नियम ये

  1. सहायक ग्रेड 2 के एक कर्मचारी को रोजाना दो फाइल निपटाना है। 2. एक एएसओ को रोजाना 4 फाइल का काम पूरा करना पड़ता है। 3. एक सेक्शन में 2 सहायक अनुभाग और 2 सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी हैं। 4. सहायक ग्रेड 3 के कर्मचारियों का काम डाक रजिस्टर्ड करना है।

प्रावधान के मुताबिक कैडर का तय कोटा और बाकी पदस्थापना की स्थिति… मंत्रालय के तय प्रावधान के लिहाज से कैडर के 60% पद रखे जाते हैं। बाकी प्रशासनिक यानी डिप्टी कलेक्टर वगैरह और गैर प्रशासनिक यानी विभागीय कर्मचारियों की पदस्थापना की जाती है।

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