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राजगढ़ से दिग्विजय सिंह के नाम की चर्चा

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटाखे जलाकर खुशी जाहिर की

राजगढ़ – दिग्विजय का गढ़ कहे जाने वाले राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र मे इस बार 32 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस से दिग्विजय सिंह के मैदान मे उतरने की खबर से पूरे जिले में है। गुरुवार को सूचना मिलने के बाद खिलचीपुर मे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फटाखे चलाकर खुशी जाहिर की।
वर्ष 1984 से राजगढ़ में सक्रिय राघौगढ़ राजघराने के राजा दिग्विजय सिंह का जन्म राघोगढ़ में सामंती परिवार में आजादी मिलने के कुछ दिनों पूर्व ही 28 फरवरी 1947 को हुआ था। इसी कारण उन्हें यहां आज भी राजा माना जाता है।
डेली कॉलेज इंदौर से प्रारंभिक शिक्षा और श्री गोविंद राम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, इंदौर से इंजीनियरिंग कि डिग्री प्राप्त करने के बाद साल 1971 से सक्रिय राजनीति मे आए दिग्विजय पहली बार नगर पालिका अध्यक्ष बने और 1977 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 1980 में दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्हें अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री का पद दिया गया तथा बाद में कृषिविभाग दिया गया। राजगढ़ मे पहली बार 1984 और दूसरी बार 1992 में लोकसभा चुनाव लड़े और भाजपा के प्यारे लाल खंडेलवाल को चुनाव हराया।
साल 1993 मे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली राघौगढ़ से चुनाव लड़कर साल 1998 मे दोबारा मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में वे राज्य सभा सांसद हैं। संगठन मे भी अनेक पदों पर रहे दिग्विजय की अब साल 1992 के बाद दोबारा राजगढ़ से लोकसभा से चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट से जिले के कांग्रेसियों सहित पुराने चिर परिचित चेहरों पर खुशी का माहौल है।

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