Do Vibhago ke beech ulajha fayar safety act Politics by mpeditor - February 10, 2024February 10, 20240 दो विभागों के बीच उलझा फायर सेफ्टी एक्ट 5 साल से कागजों में बंद, लागू होता तो नहीं होता हरदा जैसा हादसा भोपाल – हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 13 लोगों की जान चली गई। 200 से ज्यादा घायल हो गए। मध्यप्रदेश में पटाखा फैक्ट्रियों में हादसे का ये कोई पहला मामला नहीं है। पिछले 10 साल में पटाखा फैक्ट्रियों में 14 धमाके हो चुके हैं। इनमें 180 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि मप्र में फायर सेफ्टी एक्ट लागू होता तो शायद ये हादसा नहीं होता। खास बात ये है कि हरदा हादसे के एक हफ्ते पहले 23 जनवरी को डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को एक नोटशीट भेजी थी, जिसमें लिखा था कि मप्र में फायर सेफ्टी एक्ट लागू किया जाए।दरअसल, मप्र में दो विभागों के झगड़े के बीच फायर सेफ्टी एक्ट लागू ही नहीं हो सका है। झगड़ा इस बात को लेकर है कि फायर सर्विसेज का संचालन कौन करेगा जबकि केंद्र ने साल 2019 में ही राज्य सरकार को मॉडल विधेयक भेज दिया था। इसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है।2017 में बालाघाट की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद सरकार ने विस्फोटक स्टॉक की मॉनिटरिंग के लिए एक स्टेट लेवल सेल के गठन का भी ऐलान किया था। 7 साल बाद भी ये सेल एक्टिव नहीं हो सका है।