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अब वापस ले रहे जमीन, 4 साल में 57 विभागों और निजी संस्थाओं को जमीनें दीं

प्रोजेक्ट लगे नहीं, उल्टे कब्जे हो गए

भोपाल – राजधानी में सरकारी विभागों और निजी संस्थाओं ने यूनिवर्सिटी खोलने, मेट्रो लाइन बिछाने, विभागीय दफ्तर खोलने, थाना और पीएम आवास बनाने के नाम पर खूब जमीनें लीं, लेकिन इनका उपयोग नहीं किया। अब जिला प्रशासन खाली जमीनों को वापस लेने की कवायद कर रहा है। गौरतलब है कि नई आवंटन नीति 2020 के बाद से अब तक चार साल में 57 सरकारी जमीनें सरकारी महकमों और प्राइवेट सेक्टर को दी गई हैं।
जिला प्रशासन ने बीते एक साल में 4 से ज्यादा सरकारी विभागों और प्राइवेट संस्थाओं को दी जमीनों से अतिक्रमण भी हटाए हैं। इनमें से दो संस्थाओं से जमीन वापस ले ली, जबकि एक ने जमीन वापसी के लिए आवेदन सौंपा है। आरा मशीनों के विस्थापन के लिए जिला प्रशासन ने सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को अचारपुरा के चांदपुर में 30 एकड़ जमीन दी थी। शिफ्टिंग तो हो नहीं पाई लेकिन जमीन पर अवैध कब्जे हो गए। जिला प्रशासन ने ये जमीन वापस मांगी है। आरा मशीनों के लिए चौथी बार नई जमीन एयरपोर्ट रोड पर दी गई है। मालूम हो कि 6 मार्च को महिला एवं बाल विकास विभाग की ग्राम खजूरी कला में 25 करोड़ रुपए कीमती 5 एकड़ जमीन को जिला प्रशासन ने मुक्त कराई है।

इन मामलों से समझिए… प्रशासन को अब कब्जे भी हटाने पड़ रहे

आदमपुर छावनी में…

राजीव गांधी ग्रामोद्योग मिशन लेदर कॉम्पलेक्स के नाम पर 200 एकड़ जमीन दी गई थी। करीब 11 करोड़ रुपए की 30 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे हो गए। दो महीने पहले यहां 40 से ज्यादा पक्के निर्माण तोड़े गए।
ग्राम सेवनिया गोंड मे… 20 एकड़ भूमि बंबई के गोकुलदास को 1963 में लीज पर दी गई थी। लीज शर्तों का उल्लंघन होने पर प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाकर उसे वापस ले लिया। जमीन की कीमत करीब 350 करोड़ रुपए है।

चांदबड़ में… 1937 में शुरू हुई न्यू भोपाल टेक्सटाइल मिल की जमीन 2023 में शासन ने वापस ले ली। इसमें गया गया कि मिल को मिली 84.10 एकड़ जमीन में से 62.16 एकड़ जमीन पर कुछ हुआ नहीं। 2018 से मिल बंद है। मामला कोर्ट में है।
2017 में… नगर निगम को डेयरी विस्थापन के लिए तूमड़ा, परवलिया, अरवलिया, मुगालिया कोर्ट, कालापानी और दीपड़ी में जमीन दी गई। डेयरियां तो विस्थापित नहीं हुईं, जमीन पर कब्जे जरूर हो गए।

100 हेक्टेयर भूमि उद्योग विभाग ने ली, अचारपुरा, करारिया, पातालपुर में
30 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन नगर निगम ने ली, 12 लोकेशन पर

इन संस्थानों ने भी ली है जमीन…
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, मध्य प्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल, विद्युत विनियामक आयोग, संस्कृति विभाग, गांधी चिकित्सालय, स्वास्थ्य विभाग, जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, अनुसूचित जाति विभाग, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल, खेल एवं युवा कल्याण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण, राजस्व, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, जिला व्यापार उद्योग केंद्र, स्कूल शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास निगम और लावण्य गुरुकुल संस्था आदि।

जिन संस्थानों को सरकारी जमीन दी गई है, उसकी जानकारी ले रहे हैं। ऐसी जमीनों को चिह्लित किया जाएगा, जिनका अब तक आवंटन प्रयोजन अनुसार उपयोग नहीं हुआ है या अतिक्रमण हो गया है। जो जरूरी कदम होंगे, उस पर निर्णय लेंगे। -कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर

2020 से अब तक…
इन विभागों ने सबसे ज्यादा जमीन ली है

नगर निगम ने बागमुगालिया, पलासी, रासलाखेड़ी, करोंद कला, कलखेड़ा, नीलबड़, कानासैया, हिनोतिया आलम, कोटरा सुल्तानाबाद, बेहटा, बावड़ियाकला में स्लम फ्री पीएम आवास और पुलिस आवास आदि के नाम पर 12 जगह करीब 30 हेक्टेयर सरकारी जमीन ली।
उद्योग विभाग ने अचारपुरा, करारिया, पातालपुर वीरान में चार जगह करीब 100 हेक्टेयर जमीन प्रोजेक्ट के लिए ली।
पुलिस ने महाबड़िया, नरेला संकरी, बैरागढ़ व अन्य जगह पुलिस चौकी और थाना बनाने के लिए जमीन ली।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ने हज्जामपुरा में ऑक्सीजन प्लांट के लिए जमीन ले रखी है।
औद्योगिक नीति के तहत कल्याणपुरा, मुगालिया कोट, मुगालिया खुर्द मिलाकर करीब 42 हेक्टेयर जमीन रिजर्व की गई है।

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