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कांग्रेस में मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार तय करने को लेकर मंथन शुरू

स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष बोलीं- बड़े लीडर लोकसभा में दिखेंगे तो अच्छा होगा

भोपाल – कांग्रेस में मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार तय करने को लेकर मंथन शुरू हो गया है। भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में पार्टी स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने शनिवार को दिन-भर बैठकें कीं। स्थानीय नेताओं से रायशुमारी के बाद दैनिक भास्कर से चर्चा की। कहा, ‘लोगों ने सुझाव दिया है कि बड़े नेता चुनाव लड़ें।’ उन्होंने यह भी कहा कि कैंडिडेट्स की लिस्ट फरवरी में ही आ जाएगी।

इस सवाल पर कि विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आपकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं था। लोकसभा की 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी काबिज है तो अब आपकी क्या रणनीति होगी…पाटिल ने कहा- पॉलिटिक्स अनप्रिडिक्टेबल होती है। इससे पहले भी ऐसा हुआ है, उसके बाद भी हम सत्ता में आए हैं। उसके आगे भी हम सत्ता में आएंगे। उन्होंने कहा कि यह अच्छे लोगों को आगे आने का मौका है। कांग्रेस की जो विचारधारा है, इसको लेकर चलने वाले लोगों को हम आगे लेना चाहते हैं। हम बीजेपी के नेरेटिव पर नहीं चलेंगे।

सवाल : क्या स्क्रीनिंग कमेटी ने क्राइटेरिया सेट किया है? टिकट बंटवारे में किस तरह का फॉर्मूला होगा?
पाटिल : ऐसा कोई क्राइटेरिया नहीं होता है। चुनाव जीतना ही महत्वपूर्ण है, उसी तरह से हम टिकट बंटवारा करने की कोशिश करेंगे।

सवाल : आपको हिंदी पट्टी के राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। बीजेपी का इन राज्यों में अच्छा होल्ड हो गया है तो यहां कांग्रेस की क्या रणनीति होगी?
पाटिल : प्रभाव है, यह तो मानना पड़ेगा लेकिन मुझे आश्चर्य भी है। मैंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में देखा कि कार्यकर्ताओं में लड़ने का बहुत उत्साह है। बहुत सारे लोग, जिनमें बीजेपी के सांसद भी शामिल हैं…हमसे पूछ रहे थे कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में ऐसा रिजल्ट कैसे आ गया? उन लोगों को भी इससे धक्का लगा है। हम कोशिश करेंगे तो बिल्कुल जीत हासिल करेंगे।

सवाल : हर सीट पर कितने लोग ऐसे हैं, जो चुनाव लड़ने के लिए इंटरेस्टेड हैं?
पाटिल : बहुत से लोग। मेरी पूरी डायरी भर गई है और लोग अभी भी बाहर खड़े हैं। हमारे पास लोगों की कोई कमी नहीं है। लोग पहले भी पार्टी के लिए शिद्दत से लड़ते आए हैं। हमारे बहुत पुराने साथी भी यहां मिल गए हैं, जो 82-85 से काम कर रहे हैं।

सवाल : I.N.D.I.A अलायंस को लेकर मध्यप्रदेश में किसी तरह की सीट शेयरिंग पर बात होनी है क्या?
पाटिल : अभी तक तो सीट शेयरिंग का कुछ हुआ नहीं है। यहां पर हमारी डायरेक्ट फाइट बीजेपी के साथ है। सीट शेयरिंग की बात तब आती है, जब कोई और पार्टी भी राज्य में होती है।

सवाल : आपने दिनभर बैठक की, इसमें क्या कुछ निकल कर आया?
पाटिल : हम प्रांत के सभी लोगों से मिले। लोकसभा को-ऑर्डिनेटर्स से भी बात की। अब दिल्ली में 8-9 तारीख को मीटिंग होगी। जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

सवाल : ऐसी बातें हो रही हैं कि मध्यप्रदेश में बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। बैठक में इस पर क्या बात हुई?
पाटिल : कई लोगों ने यह सजेशन दिया कि बड़े लीडर्स को चुनाव में उतरना चाहिए। हम इससे लीडरशिप को अवगत करवाएंगे।

सवाल : कमलनाथ-दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के नाम दावेदारों की लिस्ट में हैं क्या?
पाटिल : नहीं। उनके नाम नहीं हैं। वे तो हमारे बड़े नेता हैं, उनसे तो हम आग्रह करेंगे। जो भी लोगों ने कहा है, वो उन्हें बताएंगे। 8-9 तारीख को जो मीटिंग होने वाली है, उसमें हम उनसे बात करेंगे।

सवाल : क्या सज्जन वर्मा, जीतू पटवारी लोकसभा में दिखेंगे?
पाटिल : अगर वे दिखेंगे तो यह हमारे लिए अच्छा होगा। हमारी इच्छा है कि ऐसे लोग लोकसभा में आएं।

सवाल : कैंडिडेट्स की लिस्ट कब तक अनाउंस करने का प्लान है?
पाटिल : हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द लिस्ट डिक्लेयर हो जाए क्योंकि लोकसभा क्षेत्र बहुत बड़ा होता है। इससे उम्मीदवारों को आसानी होगी और हमारा काम जल्द पूरा होगा। फरवरी के अंत तक लिस्ट जारी की जा सकती है।

सवाल : टिकट बंटवारे के लिए ऐज क्राइटेरिया या यूथ-महिला जैसा कोई फॉर्मूला बना रहे हैं?
पाटिल : जब भी मीटिंग होगी, इस पर विचार कर आलाकमान को भेज देंगे। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि ऐज का फैक्टर तो होना चाहिए।

दावेदारों के पैनल में दिग्विजय- कमलनाथ का नाम नहीं:स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष बोलीं- बड़े लीडर लोकसभा में दिखेंगे तो अच्छा होगा

भोपाल8 घंटे पहलेलेखक: विजय सिंह बघेल

कांग्रेस में मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार तय करने को लेकर मंथन शुरू हो गया है। भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में पार्टी स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने शनिवार को दिन-भर बैठकें कीं। स्थानीय नेताओं से रायशुमारी के बाद दैनिक भास्कर से चर्चा की। कहा, ‘लोगों ने सुझाव दिया है कि बड़े नेता चुनाव लड़ें।’ उन्होंने यह भी कहा कि कैंडिडेट्स की लिस्ट फरवरी में ही आ जाएगी।

इस सवाल पर कि विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आपकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं था। लोकसभा की 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी काबिज है तो अब आपकी क्या रणनीति होगी…पाटिल ने कहा- पॉलिटिक्स अनप्रिडिक्टेबल होती है। इससे पहले भी ऐसा हुआ है, उसके बाद भी हम सत्ता में आए हैं। उसके आगे भी हम सत्ता में आएंगे।

उन्होंने कहा कि यह अच्छे लोगों को आगे आने का मौका है। कांग्रेस की जो विचारधारा है, इसको लेकर चलने वाले लोगों को हम आगे लेना चाहते हैं। हम बीजेपी के नेरेटिव पर नहीं चलेंगे। पढ़िए, भास्कर के सवालों पर पाटिल के जवाब..

सवाल : आपने दिनभर बैठक की, इसमें क्या कुछ निकल कर आया?
पाटिल : हम प्रांत के सभी लोगों से मिले। लोकसभा को-ऑर्डिनेटर्स से भी बात की। अब दिल्ली में 8-9 तारीख को मीटिंग होगी। जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

सवाल : ऐसी बातें हो रही हैं कि मध्यप्रदेश में बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। बैठक में इस पर क्या बात हुई?
पाटिल : कई लोगों ने यह सजेशन दिया कि बड़े लीडर्स को चुनाव में उतरना चाहिए। हम इससे लीडरशिप को अवगत करवाएंगे।

कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने दो सदस्यों परगट सिंह, कृष्णा अल्लावेरु के साथ लोकसभा समन्वयकों से चर्चा की।
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने दो सदस्यों परगट सिंह, कृष्णा अल्लावेरु के साथ लोकसभा समन्वयकों से चर्चा की।
सवाल : क्या स्क्रीनिंग कमेटी ने क्राइटेरिया सेट किया है? टिकट बंटवारे में किस तरह का फॉर्मूला होगा?
पाटिल : ऐसा कोई क्राइटेरिया नहीं होता है। चुनाव जीतना ही महत्वपूर्ण है, उसी तरह से हम टिकट बंटवारा करने की कोशिश करेंगे।

सवाल : आपको हिंदी पट्टी के राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। बीजेपी का इन राज्यों में अच्छा होल्ड हो गया है तो यहां कांग्रेस की क्या रणनीति होगी?
पाटिल : प्रभाव है, यह तो मानना पड़ेगा लेकिन मुझे आश्चर्य भी है। मैंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में देखा कि कार्यकर्ताओं में लड़ने का बहुत उत्साह है। बहुत सारे लोग, जिनमें बीजेपी के सांसद भी शामिल हैं…हमसे पूछ रहे थे कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में ऐसा रिजल्ट कैसे आ गया? उन लोगों को भी इससे धक्का लगा है। हम कोशिश करेंगे तो बिल्कुल जीत हासिल करेंगे।

सवाल : हर सीट पर कितने लोग ऐसे हैं, जो चुनाव लड़ने के लिए इंटरेस्टेड हैं?
पाटिल : बहुत से लोग। मेरी पूरी डायरी भर गई है और लोग अभी भी बाहर खड़े हैं। हमारे पास लोगों की कोई कमी नहीं है। लोग पहले भी पार्टी के लिए शिद्दत से लड़ते आए हैं। हमारे बहुत पुराने साथी भी यहां मिल गए हैं, जो 82-85 से काम कर रहे हैं।

सवाल : I.N.D.I.A अलायंस को लेकर मध्यप्रदेश में किसी तरह की सीट शेयरिंग पर बात होनी है क्या?
पाटिल : अभी तक तो सीट शेयरिंग का कुछ हुआ नहीं है। यहां पर हमारी डायरेक्ट फाइट बीजेपी के साथ है। सीट शेयरिंग की बात तब आती है, जब कोई और पार्टी भी राज्य में होती है।

सवाल : ममता बनर्जी कह रही हैं कि कांग्रेस पहले बनारस जीतकर दिखाए, इस पर आप क्या कहेंगी?
पाटिल : यह ममता जी का अपना खुद का मानना होगा, उस पर हम क्या कहेंगे? हमारे नेता चर्चा कर रहे हैं। मुकुल जी कोऑर्डिनेट कर रहे हैं कि किस तरह से कितनी सीट छोड़ी जाएंगी। मुझे लगता है कि कुछ न कुछ हल निकलेगा। शुरुआत में कैसे कह दें कि हम इतना देने के लिए तैयार हैं।

सवाल : मप्र में लगातार लोग कांग्रेस छोड़ रहे हैं। अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ीं एकता ठाकुर ने बीजेपी जॉइन की है। इसे कैसे रोकेंगी?
पाटिल : जिन लोगों को इनसिक्योरिटी है, जिनका अपनी विचारधारा पर विश्वास नहीं है और जिनको लगता नहीं है कि वे अपने बलबूते चुनकर आएंगे, छोड़कर जाएंगे ही। हमने-आपने देखा है कि राजनीति में ऐसे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।

सवाल : कमलनाथ-दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के नाम दावेदारों की लिस्ट में हैं क्या?
पाटिल : नहीं। उनके नाम नहीं हैं। वे तो हमारे बड़े नेता हैं, उनसे तो हम आग्रह करेंगे। जो भी लोगों ने कहा है, वो उन्हें बताएंगे। 8-9 तारीख को जो मीटिंग होने वाली है, उसमें हम उनसे बात करेंगे।

सवाल : क्या सज्जन वर्मा, जीतू पटवारी लोकसभा में दिखेंगे?
पाटिल : अगर वे दिखेंगे तो यह हमारे लिए अच्छा होगा। हमारी इच्छा है कि ऐसे लोग लोकसभा में आएं।

कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल।
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल।
सवाल : कैंडिडेट्स की लिस्ट कब तक अनाउंस करने का प्लान है?
पाटिल : हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द लिस्ट डिक्लेयर हो जाए क्योंकि लोकसभा क्षेत्र बहुत बड़ा होता है। इससे उम्मीदवारों को आसानी होगी और हमारा काम जल्द पूरा होगा। फरवरी के अंत तक लिस्ट जारी की जा सकती है।

सवाल : टिकट बंटवारे के लिए ऐज क्राइटेरिया या यूथ-महिला जैसा कोई फॉर्मूला बना रहे हैं?
पाटिल : जब भी मीटिंग होगी, इस पर विचार कर आलाकमान को भेज देंगे। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि ऐज का फैक्टर तो होना चाहिए।

सवाल : राम मंदिर बनने के बाद भाजपा लगातार पूरे देश में इसकी ब्रांडिंग कर रही है। कांग्रेस ने मंदिर जाने का आमंत्रण अस्वीकार कर दिया। इसको लेकर आप क्या कहेंगी?
पाटिल : यह गलत तरीके से प्रोजेक्ट किया जा रहा है। मैं मीडिया के माध्यम से कहना चाहती हूं कि राम मंदिर का ताला पहली बार राजीव गांधी ने खुलवाया था। यह हम कहते नहीं हैं क्योंकि हमने कभी अपनी मार्केटिंग नहीं की। हमारे बहुत सारे भाई हैं, जो हर रोज राम का नाम और राम की कथा सुने बिना घर से निकलते नहीं है। मुझे लगता है कि इस तरह से बातें करना गलत है। जो हमें राम जन्मभूमि के ऊपर ले जाना चाहते, उनका नेरेटिव गलत है। वे अपने नेरेटिव के ऊपर हमें ले जाना चाहते हैं। हम उनके जाल में नहीं फंसने वाले हैं।
जब वे राम की बात करेंगे, हम पूछेंगे कि बेरोजगारी का क्या हुआ? जब वे हमसे बोलेंगे कि मंदिर का आमंत्रण क्यों नहीं स्वीकार किया तो हम कहेंगे कि मणिपुर पर आप जवाब क्यों नहीं देते? बहुत सारे मुद्दे हैं, जो बीजेपी ने डायवर्ट करने के लिए उठाए हैं। हम दूसरे मुद्दे उठाना चाहते हैं जैसे कि आज इतने युवा बेरोजगार है…आप 2 करोड़ नौकरियां देने वाले थे, 15 लाख रुपए हर व्यक्ति के खाते में आने वाले थे.. उसका क्या हुआ?
प्रधानमंत्री सब जगह जाते हैं लेकिन मणिपुर का ‘म’ भी उच्चारित नहीं कर पाते हैं। लड़की को नंगा करके रेप कर दिया गया, उसके लिए आप संवेदना नहीं व्यक्त कर रहे हैं। राम मंदिर को हमने कभी अस्वीकार नहीं किया। हम भी राम को मानने वाले हैं, हम थोड़ी बाहरी देश से आए हैं। लेकिन इस तरह नेरेटिव बना देना, कांग्रेस को स्टाम्पिंग करना… उसका हम विरोध करते हैं। हम उस पर पॉलिटिक्स नहीं करना चाहते हैं। राम को पॉलिटिक्स में नहीं लाना चाहते हैं। राम को लेकर हमारी व्यक्तिगत श्रद्धा है। हमारे लीडर जा रहे हैं। हम भी जाएंगे और वहां रामलला के दर्शन करके आएंगे। आपने शंकराचार्य जी का बयान सुना होगा। उन्होंने क्या बोला था, वही हमारा भी कहना है।

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