You are here
Home > Uncategorized > भोपाल के जेपी अस्पताल के बुरे हाल

भोपाल के जेपी अस्पताल के बुरे हाल

भोपाल – मध्यप्रदेश का मॉडल हॉस्पिटल कहे जाने वाले 2.5 करोड़ रुपए सालाना बजट वाले जेपी हॉस्पिटल में डिलीवरी (प्रसव) की सुविधा बंद होने के कगार पर आ खड़ी हुई है। सोमवार को गायनी विभाग खुला, लेकिन जो महिलाएं आई उन्हें काटजू अस्पताल जाकर डिलीवरी कराने की सलाह देकर चलता कर दिया गया। पिछले एक माह में यहां 10 डिलीवरी भी नहीं हो पाई हैं, जबकि यहां करीब 100 महिलाएं रोज आती हैं।
बीते कुछ दिनों में गायनी विभाग से लगभग 30 स्त्री रोग विशेषज्ञ, मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग ऑफिसर, डीजीओ का ट्रांसफर हो चुका है। नतीजतन शुक्रवार को यहां प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ के नाम पर सिर्फ डॉ. आभा जैसानी और पी. कुमार और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पीयूष पंचरत्न ही बचे हैं। फिलहाल पी. कुमार अवकाश पर चल रही हैं। ऐसे में आभा जैसानी शनिवार को अस्पताल आईं।

बंद हो जाएगा डिप्लोमा कोर्स…

जेपी अस्पताल के डॉक्टरों के लगातार हो रहे ट्रांसफर को लेकर शहर के लोगों में नाराजगी है। जेपी के कर्मचारियों और कई संगठनों ने फैसले को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा है। जेपी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स होता है। इस कोर्स की मान्यता प्रदेश के सिर्फ 7 जिला अस्पतालों के पास है। ऐसे में जेपी से डिप्लोमा कोर्स बंद हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के फैसले के बाद जेपी हॉस्पिटल देश में पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां प्रसव की सुविधा न के बराबर होगी। जेपी हॉस्पिटल में रोजाना करीब 20 से 25 डिलीवरी होती थी। यह संख्या घटकर अब 2 या 3 रह गई है।

Top