बेटियों को सम्मान देने में असफल साबित हुई मध्यप्रदेश सरकार: कमलनाथ Politics by mpeditor - August 30, 20220 भोपाल। मध्यप्रदेश मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में देश में अव्वल है। प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार के मामले में भी बढ़े है। यह खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में हुआ है। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर शिवराज सरकार के तमाम दावों व सुशासन की पोल खोल कर रख दी है। मध्य प्रदेश जो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म में वर्षों से देश में अव्वल है, उस पर लगा यह दाग अभी भी बरकरार है। बेटियों को सम्मान देने में प्रदेश सरकार फिर असफल साबित हुई है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश में वर्ष 2021 में 33 हजार 36 नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें मध्य प्रदेश 3515 बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है। वहीं, प्रदेश में 2020 मे नाबालिक बच्चियों से दुष्कर्म के मामले की संख्या 3259 थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में नाबालिग, बालिग और बुजुर्ग सभी को मिलाकर प्रदेश में दुष्कर्म के 6462 केस दर्ज हुए है। यह संख्या पिछले साल 5598 थी। बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में पिछले साल भी मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ आदिवासी वर्ग और दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी मध्यप्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष पर आया है। वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ मामलों में 9.38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आत्महत्या के मामले में भी मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार के पिछले 16 वर्षों के विकास और सुशासन के दावों की हकीकत है। आज मध्यप्रदेश में कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियों को सबसे ज्यादा सुरक्षा व सम्मान की आवश्यकता है। भाजपा सरकार जनता को गुमराह करने के लिए इनका मंचों पर पूजन करती है, लेकिन इन्हें सुरक्षा देने में असफल है। सरकार को इस रिपोर्ट के बाद अपनी नाकामी स्वीकारते हुए प्रदेश की जनता और महिलाओं से माफी मांगना चाहिए। जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई कर प्रदेश के माथे पर वर्षों से लगे इस दाग को धोने के लिये कड़े कदम उठाना चाहिये।