You are here
Home > Uncategorized > आयुष्मान फर्जीवाड़े में सपोर्ट स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया, बड़ी मछलियां अभी भी जाल से बाहर

आयुष्मान फर्जीवाड़े में सपोर्ट स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया, बड़ी मछलियां अभी भी जाल से बाहर

फर्जीवाड़े की जांच करने वाली समिति भी संदेह के घेरे में

जबलपुर – आयुष्मान भारत (निरामयम) योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों ने और कितने खातों में प्रोत्साहन राशि भेजी थी, स्वास्थ्य विभाग इसकी भी जांच कराएगा। पांच सदस्यीय जांच समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें फर्जीवाड़े के लिए सिर्फ एक सपोर्ट स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया गया है। परंतु जांच टीम ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सपोर्ट स्टाफ किस अधिकारी के निर्देश पर आयुष्मान योजना के तहत प्रोत्साहन राशि वितरण पोर्टल का उपयोग कर रही थी। लेखापाल सुमन शर्मा की आइडी का उपयोग कर वह किस अधिकारी के निर्देश पर मेकर के रूप में कार्य कर रही थी। बताया जा रहा है कि जांच टीम ने आनन-फानन में रिपोर्ट सौंप दी और उसमें अकेले सपोर्ट स्टाफ रेशमा खान को फर्जीवाड़े के लिए दोषी ठहराया गया। कमेटी ने यह पता लगाने की कोशिश नहीं कि अन्य पात्र लोगों को प्रोत्साहन राशि का वितरण किया गया था अथवा नहीं। इधर, सीएमएचओ डा. संजय मिश्रा ने कहा कि मामले की गहन छानबीन कराई जाएगी। यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि आयुष्मान योजना की प्रोत्साहन राशि नियम विरुद्ध तरीके से और कितने खातों में भेजी गई थी।
जांच कमेटी भी संदेह के दायरे में:
जिसके चलते 15 लाख रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। जबकि जांच टीम सिर्फ दो लाख 94 हजार 24 रुपये का गोलमाल उजागर कर पाई है। इधर, विक्टोरिया अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से सपोर्ट स्टाफ उनके हक की प्रोत्साहन राशि हड़पती रही। प्रोत्साहन राशि वितरण पोर्टल में अन्य स्टाफ के स्थान पर स्वयं को ओटी व इनडोर नर्सिंग आफीसर दर्शाते हुए विभिन्न सर्जिकल एवं मेडिकल पैकेज राशि में से नर्सिंग स्टाफ को दी जाने वाली राशि स्वयं के बैंक खाते में ट्रांसफर कराती रही। यह गोलमाल लंबे समय से किया जा रहा था। जिस लेखापाल की गोपनीय आइडी का उपयोग कर वह फर्जीवाड़ा करती रही उसने भी वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आपत्ति दर्ज नहीं कराई जिसके चलते वह भी संदेह के घेरे में आ गई है। कर्मचारियों का कहना है कि पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने लेखापाल से यह नहीं पूछा कि उसने अपनी गोपनीय आइडी किसके निर्देश पर सपोर्ट स्टाफ को दी थी। जिससे कमेटी भी संदेह के घेरे में आ गई है।
आयुष्मान योजना के सीईओ अदिति गर्ग (आइएएस) तक विगत दिवस विक्टोरिया अस्पताल में आयुष्मान योजना की प्रोत्साहन राशि में हुए फर्जीवाड़े की शिकायत पहुंची थी। उनके निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। सीईओ तक पहुंची शिकायत में सपोर्ट स्टाफ रेशमा खान ने आयुष्मान भारत (निरामयम) योजना की प्रोत्साहन राशि लगभग दो लाख 94 हजार 24 रुपये का नियम विरुद्ध तरीके से आहरण करने के आरोप लगाए गए थे। सीईओ की सख्ती के बाद सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है।

Top