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कर्ज का ब्याज चुकने के बाद भी 11 लाख 18 हजार 916 डिफॉल्टर किसानों पर 3356 करोड़ रुपए मूल ऋण के बकाया

100 करोड़ रुपये कर्ज से ज्यादा वाले 12 जिले

भोपाल- 20 साल तक के पुराने कर्ज का ब्याज चुकने के बाद भी 11 लाख 18 हजार 916 डिफॉल्टर किसानों पर 3356 करोड़ रुपए मूल ऋण के बकाया हैं। पांच सबसे ज्यादा कर्जदार जिलों में सीहोर, विदिशा के साथ छिंदवाड़ा भी शामिल हैं। सबसे कम कर्ज 6.80 करोड़ रुपए अनूपपुर जिले के किसानों पर है। ब्याज चुकने के बाद अब जिन किसानों की केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) की जितनी लिमिट बढ़ेगी, उन्हें उतना नया कर्ज मिल मिलेगा। जिनकी नहीं बढ़ेगी, वे नया कर्ज नहीं ले पाएंगे।
हाल ही में राज्य सरकार ने इन डिफॉल्टर किसानों के कर्ज का 2122.71 करोड़ रुपए ब्याज भरा है। यह पैसा पैक्स सोसायटी के पास राज्य सरकार की अंशपूंजी के तौर पर गया, जो फिलहाल 1419.04 करोड़ रुपए है। सहकारिता विभाग के सूत्रों का कहना है कि ब्याज भरने की स्कीम आने के बाद 7 लाख 90 हजार डिफॉल्टर किसानों ने फॉर्म भरा था, जिनका ब्याज माफ हो गया। चूंकि यह स्कीम नवंबर 2023 तक है, इसलिए अभी भी आवेदन पैक्स सोसायटी को मिल रहे हैं।
बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, खरगोन, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, भोपाल, बैतूल, विदिशा, सीहोर, शहडोल, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, उज्जैन, देवास, रतलाम, मंदसौर और शाजापुर जिला बैंक को कहा गया कि मार्कफेड का 282.67 करोड़, ज्यादा ब्याज पर ली गई राशि का 610.64 करोड़ और 161.44 करोड़ उच्च ब्याज दरों में निवेश किया जाए, जिसका बाद में फसल ऋण वितरण में उपयोग हो। गुना और शिवपुरी जिला बैंक को कहा गया है कि वह ब्याज मा

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