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दिग्विजय का राज्यपाल को पत्र – लिखा- सीएम की गृह विधानसभा में 100 करोड़ का गेंहू भंडारण घोटला हुआ

दिग्विजय ने EOW से जांच की मांग की

भोपाल – पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को शुक्रवार को पत्र लिखा। पत्र के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में हुए 100 करोड़ के गेहूं भंडारण घोटाले की लोकायुक्त व राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (EOW) से जांच कराए जाने को लेकर पत्र लिखा है।
पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में हुए 100 करोड़ रूपए से अधिक के गेहूं भंडारण घोटाले की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करा रहा हूं। इस घोटाले में दिलचस्प यह है कि सत्ताधारी दल के करीबी वेयर हाउस मालिकों को लाखों रूपए का फायदा पहुंचाने की गरज में करोड़ों रूपए के गेहूँ को घुन जाने तक गोदामों में रखा रहने दिया गया। फिर वहं से हटवाकर शासकीय गोदामों में पटक दिया गया।

सीएम ने करीबी लोगों को पहुंचाया फायदा

दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा कि मेरी मांग है कि लोकायुक्त या EOW से इस करोड़ों रूपए के गेहूं घोटाले की जांच कराई जाए। बुधनी क्षेत्र के दौरे के दौरान मुझे स्थानीय किसानों ने बताया कि वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 के बीच चार वर्षो में स्थानीय सहकारी समितियों द्वारा बकतरा, आमोन, जहानपुर क्षेत्र के 8 गोदामों में करीब 66 हजार टन गेहूं समितियों के माध्यम से खरीदकर जमा कराया था। ये सभी गोडाउन मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के बताए गए हैं। उनका गृह गांव जैत भी इन गांवों के बीच स्थित है।

देखरेख के अभाव में गेहूं में घुन लगा

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि विगत वर्षो में 26 हजार टन गेहूं तो पी.डी.एस. के माध्यम से बांटे जाने के लिए वितरित कर दिया गया लेकिन 40 हजार टन गेहूं गोडाउन में ही रखा रहने दिया गया। जिसमें देखरेख के अभाव में घुन लग गई। बुधनी क्षेत्र के किसान बताते हैं कि गोडाउन मालिकों को सतत किराया मिलता रहे इसलिए नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम के आला अधिकारियों ने उच्च स्तर से दबाव के चलते 100 करोड़ रूपए से अधिक कीमत का गेहूं निजी गोडाउन से उठाया ही नहीं।
किराया घोटाला करने के चक्कर में गेहूं को घुन लग

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