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नर्मदा डूब क्षेत्रों में पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

बोले-142 मीटर बेकवाटर की डूब के आधार पर हो सर्वे, प्रभावितों को मिले उचित राहत

बड़वानी – बुधवार रात को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पूर्व गृहमंत्री व विधायक बाला बच्चन सचिन यादव व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजन मंडलोई ने बड़वानी जिले में डूब प्रभावित गांवों का जायजा लिया। इस दौरान लोगों में शासन-प्रशासन के विरुद्ध खासा रोश नजर आया। लोगों ने तत्काल उचित सर्वे और राहत की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व गृहमंत्री व विधायक सहित कांग्रेसियों ने डूब गांवों का निरीक्षण किया। जिले में कई गांव बेकवाटर की चपेट में आए हैं। इस दौरान सेगांवा गांव में नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव, कमला यादव आदि ने भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह से चर्चा कर डूब को लेकर विस्तार से जानकारी दी।
बता दें कि 15-16 सितंबर को पिछले सप्ताह इंदिरा सागर बांध के गेट खोलने से जिले के नर्मदा किनारे बेकवाटर से आई बाढ़ ने कई आबाद गांवों को तबाह कर दिया। ऐसे में रात के अंधेरे में लोगों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। अब बेकवाटर 137 मीटर तक आने के बाद गांवों में डूब की त्रासदी साफ देखी जा सकती हैं। बेकवाटर की डूब से आबाद गांव अब वीरानी में तब्दील हो गए हैं। लोगों के मकान टूट गए हैं और खेत बर्बाद हो गए हैं। इसमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो 138 की डूब में शामिल होकर प्लाट मुआवजा नहीं मिला, बल्कि डूब से बाहर के लोगों के मकान भी बाढ़ ने धराशायी कर दिए हैं।

घर-घर पहुंचे दिग्विजय सिंह, दिया आश्वासन

गांवों में पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री सहित नेताओं ने घर-घर पहुंचकर बाढ़ की ताबाही का मंजर देखा। लोगों ने कहा कि प्रशासन ने बांध का पानी छोड़ने की कोई सूचना नहीं दी और अब सरकार के जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी भी सुध तक नहीं लेने आ रहे हैं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये जो डूब आई थी ये प्राकृतिक आपदा नही थी ये प्रशासनिक आपदा थी उन्होंने कहा की 17 तारीख का इवेन्ट सरदार सरोवर में मनाया जा रहा था वंही 18 तारीख को ओंकारेशकर में एक इवेंट प्रधानमंत्री का जन्मदिन और दूसरा शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण उसी कारण से गुजरात और मप्र का प्रशासन जल को रोके हुए था और अचानक हुई बारिश से जलस्तर बड़ा और आनन फानन में पानी छोड़ना पड़ा अगर नियमित रूप से पानी छोड़ा जाता तो आपदा नही होती उन्होंने कहा 32 हजार क्युशेक पानी छोड़ने का नियम है लेकिन 53 हजार क्यूसेक छोड़ा गया दिग्विजयसिंह ने कहा ये प्राकृतिक नही प्रशासनिक आपदा थी क्यों की ये सब इवेंट के लिए हुआ डूब का लेवल 139 मीटर था लेकिन अभी 142,43 आ गया इस पर पुनर्विचार करना पड़ेगा उन्होंने कहा की प्रशासन की निष्क्रियता चौकाती है डूब के बाद सर्वे हुआ नही पंचनामा बनाया नही प्रभावितों को 50 किलो अनाज दिया वो भी सभी को नही कुछ को दिया बाकी ऐसे ही है उन्होंने कहा की पीडीएस से प्लास्टिक के चावल मिल रहे है प्रशासन क्या कर रहा है हम जांच करवाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के बावजूद सरकार अब भी सरकार होश में नहीं है। डूब प्रभावितों की कोई सुध नहीं ली जा रही है। हमारी मांग हैं कि जल्द उचित सर्वे करवाकर लोगों को राहत दी जानी चहिए। मुआवजा, प्लाट देना चाहिए। अभी जो 142 मीटर तक बाढ़ आई हैं, उस लेवल को आधार बनाकर डूब का सर्वे कर लोगों को मुआवजा, प्लाट देना चाहिए। वहीं बच्चन ने कहा कि प्रभावित यह भी कह रहे हैं जब भी 17 सितंबर आती हैं, उसमें भय रहता हैं। पता नहीं नर्मदा में कितने मीटर की बाढ़ आ जाए। कांग्रेस भी प्रभावितों के साथ मांग करती हैं कि नुकसानी की पूरी भरपाई की जाए। प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर मकान बनाने के लिए रुपए व भूखंड दिए जाए।

निरीक्षण के दौरान कांग्रेस नेता राजन मंडलोई,कांग्रेस जि

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