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नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच के लिए सीबीआई ने मांगा तीन माह का समय, नए प्रवेश के लिए करना होगा इंतजार

नर्सिंग घोटाले से करीब एक लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लगा

भोपाल- मध्यप्रदेश नर्सिंग घोटाले से करीब एक लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है। कोरोना काल में अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश में नियमों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को भी मान्यता दे दी गई थी। इन कॉलेजों के पास न तो पर्याप्त जमीन थी और न ही अस्पताल। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियां मिली थीं। अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है। हाल ही में सीबीआई ने कोर्ट से कॉलेजों की जांच के लिए तीन माह का समय मांगा है। ऐसे में जांच पूरी होने तक ना तो बच्चों की परीक्षाएं आयोजित होंगी ना ही परीक्षाओं के रिजल्ट जारी किए जा सकेंगे। वहीं, नए सत्र के लिए प्रवेश भी नहीं हो सकेंगे। प्रवेश के लिए नए साल का इंतजार करना होगा।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की मांग खारिज

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की परीक्षा परिणाम जारी करने और नए एडमिशन के लिए पोर्टल खोलने की मांग खारिज कर दी। सभी कॉलेजों की सीबीआई जांच के बाद ही कोर्ट की तरफ से राहत दी जा सकती है। अभी तक इस मामले में सीबीआई की रिपोर्ट में 90 से ज्यादा कॉलेजों में गड़बड़ी मिली है।

25 हजार छात्र परेशान

नर्सिंग घोटाले के चलते प्रदेश के करीब 25 हजार छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम अटका हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ 2023-24 सत्र में एडमिशन प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई है। ऐसे में नए प्रवेश के लिए अभी छात्रों को नए साल का इंतजार करना होगा। वहीं, यदि सरकार नर्सिंग कॉलेजों के सत्र को शून्य करती है तो इसका असर सरकारी नर्सिंग कॉलेजों पर भी होगा। वहीं, जांच में कुछ सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में भी पर्याप्त फैकल्टी और अन्य गड़बड़ियां मिली हैं।

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