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भाजपा और शिवराजसिंह चौहान ने मप्र को भ्रष्टाचार और घोटालों का प्रदेश बना दिया – सुरेन्द्र राजपूत

शिवराज सरकार ने भ्रष्टाचार को संस्थागत व्यवस्था कर दिया है – सुरेन्द्र राजपूत

भोपाल – अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सुरेन्द्र राजपूत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने प्रदेश को लूट-फूट और टूट का प्रदेश बना दिया है। इस सरकार में अगर घूस न दी जाये तो शिवराज सरकार किसी भी काम को अटकाने, भटकाने और लटकाने में कोई कोताही नहीं बरतती है। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री सरताज सिंह जी का लंबी बीमारी के चलते दुखद निधन हुआ, उन्होंने ही आरोप लगाया था कि भाजपा की सरकार ने अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उनके इलाज का बिल पास कराने के लिए घूस की मांग की! जब भाजपा की सरकार भाजपा के ही वरिष्ठ नेता से घूस की मांग कर सकती है तो आम जनता तो भाजपा के भ्रष्टाचार से त्राहिमाम कर रही होगी।
मप्र की शिवराज सरकार तो 50 हजार से अधिक बेटियों की फर्जी शादी दिखाकर उनके हक की राशि भी खा गई! और इस पाप पर पर्दा डालने के लिए सतपुड़ा भवन की रहस्यमयी आग में हजारों फाइलें जला दी गईं! ?
भाजपा सरकार ने आयुष्मान योजना के नाम पर मुर्दाें तक का इलाज कर दिया डाला! पाप के आकंठ में डूबी इस अधर्मी भाजपा सरकार ने भगवान महाकाल को भी नहीं छोड़ा और वहां भी भ्रष्टाचार कर डाला।
पोषण आहार घोटाला करके कुपोषित बच्चों के निवाले पर भी डांका डाला गया, 45 लाख बच्चों की यूनिफार्म में भी घोटाला किया गया!
श्योपुर में लोन मंजूर कराने के नाम पर भी घोटाला किया गया! अपात्रों को लोन के माध्यम से सब्सिडी दी गई! अखबार लिखता है कि एक ही प्रोजेक्ट पर छह-छह लाख रूपये भाई-बहन को अलग-अलग लोन दिया गया, जिसमें ढाई-ढाई लाख रूपये की सब्सिडी दी गई! वीरपुर में इलेक्ट्रिक सामान की सर्विस के नाम पर 15 लाख रूपये का लोन दिया गया, जिसमें पांच लाख रूपये से ज्यादा का अनुदान था! जांच करने पर पता चला कि ऐसी कोई कंपनी काम नहीं कर रही, यह भी अखबार लिखता है!
गुना में स्वास्थ्य केंद्र में नार्मल डिलेवरी के नाम पर शिवराज सरकार पांच-पांच हजार रूपये की घूस ले रही है। विदिशा के गंजबासौदा तहसील में माफिया 4 लाख रूपये में खदान दे रहे हैं और इस पैकेज में पुलिस सुरक्षा की गारंटी भी दे रहे हैं, जिससे ऐतिहासिक नीलकंठेश्वर मंदिर और अन्य धरोहरों को भी खतरा पैदा हो गया है। क्या भाजपा सरकार में मंदिर भी भ्रष्टाचार के कारण खतरे में आ जायेंगे।
आरटीओ भोपाल में तो अजब-गजब का खेल चल रहा है, लायसेंस से लेकर नवीनीकरण और परमिट तक बिना घूस दिये कोई काम नहीं होता। यह घूस की राशि भाजपा सरकार के किस खातें में जाती है? इसी भाजपा सरकार में ब्लेक लिस्टेड कंपनी को ही टूटे हुये कारम डेम का काम दे दिया जाता है, यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या हैं?
भाजपा सरकार में मिड-डे मिल की भी चोरी हो जाती है, पटवारी की नौकरी से लेकर एमबीबीएस की सीट तक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती है। कांग्रेस सरकार आदिवासियों को 3.5 लाख पट्टे देती है और भाजपा उन पट्टों को छीनकर क्या किसी अड़ानी को देना चाहती हैं? भाजपा सरकार की पहचान 50 प्रतिशत कमीशन की बन चुकी है। कमीशन दे दो और अपना काम करा लो। अगर आपके पास 50 एकड़ जमीन है तो कमीशन देकर अपना नाम गरीबी रेखा के नीचे लिखवा सकते हैं। भ्रष्टाचार और माफियाराज के लिए शिवराजसिंह चौहान की सरकार घर-घर में शराब पहुंचा रही है।
पिछले 18 सालों से सत्ता में बनी भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के कारण मप्र के शिक्षा और कौशल के स्तर को बहुत नीचे गिरा दिया दिया है। इसी कारण प्रदेश का युवा अराजकता की हद तक बेरोजगार हो गया है। भ्रष्टाचार के कारण लगातार भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश को व्यापमं घोटाले के नाम से जाना जाता है, पटवारी और पेसा भर्ती घोटाला भी इसके उदाहरण हैं। आज प्रदेश की यह स्थिति हैं या तो भर्ती निकलती नहीं और यदि निकलती है तो परीक्षा नहीं होती और अगर कभी परीक्षा हो भी गई तो भ्रष्टाचार के कारण पेपर लीक हो जाता है, कभी परीक्षा का परिणाम नहीं आता, परिणाम आता है तो उसमें भ्रष्टाचार हो जाता है और वह नियुक्ति कोर्ट में फंस जाती है।
ऐसा कोई विभाग या ऐसी कोई संस्था नहीं बची जहां भ्रष्टाचार न हो रहा हो, घोटाला न हो रहा हो। क्या शिवराज सरकार ने भ्रष्टाचार को संस्थागत व्यवस्था कर दिया है? इन सब सवालों के जबाव भाजपा और शिवराज सरकार को न देना पड़े इसलिए वो फिजूल के मुद्दों पर प्रदेश की जनता को भटका रही है।

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