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मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल की पत्रकार वार्ता

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भोपाल – मध्यप्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है। मप्र देश का इकलौता राज्य है, जहां बहन-बेटियों को सबसे ज्यादा खतरा सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और उनके चमचों से है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 में मप्र में हर रोज 8 बच्चियों सहित 17 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं घटित हुई है। चाइल्ड क्राइम में भी एमपी टॉप पर है। हर तीन घंटे में एक मासूम के साथ रेप हो रहा है। हाल ही में मां शारदा की पवित्र नगरी मैहर में 13 साल की बच्ची के साथ निर्भया कांड की तरह बर्बरता की गई। इससे पहले नेमावर में भाजपा नेता द्वारा आदिवासी बच्ची के साथ बलात्कार और परिवार के पांच लोगों को जिंदा जमीन में गाड़ देने की घटना कोई नहीं भूला है। हाल ही में जबलपुर में भाजपा नेता ने वेदिका ठाकुर की हत्या कर दी। इसी तरह पिछले दिनों दतिया में दो सगी बहनों में से एक के साथ दुष्कर्म और दूसरी बहन के साथ छेड़छाड़ में भाजपा नेता का नाम सामने आया है। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये यह बातें कहीं।
श्रीमती पटेल ने कहा कि इस तरह की महिला विरोधी हरकतों के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था। लेकिन मुख्यमंत्री ने एक कदम आगे बढ़कर हरदा जिले में एक ऐसे नेता को स्वयं भाजपा की सदस्यता दिलायी, जिसे अदालत ने सेक्स रेकेट चलाने के आरोप में तीन साल की सजा सुनायी थी। इससे स्पष्ट होता है कि शिवराज सरकार शीर्ष स्तर से ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है, जो बहन-बेटियों के खिलाफ अत्याचार करते हैं। इसलिए मप्र की जनता ने बीजेपी का अर्थ बेटियों के लिए जानलेवा पार्टी रख लिया हैै।
श्रीमती पटेल ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाएं निरंतर बढ़ने के बाद भी शिवराज सरकार को शर्म नहीं आ रही। रोजाना किसी न किसी जिले से ऐसी घटनाएं सुनने को मिलने से इंसानियत शर्मसार हो रही है। श्रीमती पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार के राज में मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। मासूम बच्चियां और लाड़ली बहनें खुद को असुरक्षित समझ रही है। अपराधियों के हौंसले बुलंद है। ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधिक सोच के व्यक्तियों को सत्ता पक्ष का संरक्षण है। अन्यथा क्या कारण है कि अपराधों पर नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा है।
विभा पटेल ने कहा कि स्थिति ये है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों के साथ उत्पीड़न की घटनाएं नहीं थम रही हैं। इंदौर जिले में एक आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपियों ने महिला के पति और बच्चे को जान से मारने की धमकी देकर उसे अगवा कर लिया, आरोपियों ने महिला को कई दिनों तक जंगलों में बंधक बना रखा था और दुष्कर्म करते रहे। मौका पाकर महिला जंगल से भागी और पुलिस के पास पहुंची। वहीं, आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के घोड़ाडोगरी ब्लॉक के सरकारी स्कूल में रेप होने की खबर झकझोर देने वाली है। आरोपी कोई और नहीं खुद स्कूल के शिक्षक नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार कर रहे हैं।
श्रीमती पटेल ने कहां की कुछ माह पहले मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के बुधनी में एक महिला से गैंगरेप का मामला सामने आया है। आरोपियों ने महिला को उसके पति की जमानत का झांसा देकर बुलाया और फिर उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। वहीं. संस्कारधानी जबलपुर स्थित नटवारा शहपुरा में 3 वर्षीय मासूम का अपहरण कर बलात्कार करने की घटना सामने आई है। इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली 15 वर्षीय नाबालिग को उसी के पड़ोस में रहने वाले एक आरोपी ने पहले अपहरण किया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। दतिया में 2 सगी बहनों के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटना घटित हुई, एक पीड़िता ने आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसका गंभीर हालत में इलाज जारी है। दुष्कर्म करने वाले आरोपियों में एक भाजपा नेता के बेटे का भी नाम सामने आया है। सागर जिले के देवरी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया गया। बैरसिया में 12 साल की बच्ची का अमानवीय तरीके से अपहरण किया जाता है और बेरहमी से यातनाएं दी जाती हैं।
श्रीमती पटेल ने कहा कि ये घटनाएं पिछले सात-आठ माह में प्रमुख रूप से घटी है। समाचार पत्रों में छपी हैं। ये महज इक्का-दुक्का नहीं हैं, ऐसी घटनाएं प्रदेश में रोजाना किसी न किसी जिले में घट रही हैं। ये घटनाएं शिवराज सिंह चौहान सरकार के राज में कानून व्यवस्था के दावे पर तमाचा है। सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार के मामलों में प्रदेश की स्थिति देश में वर्षों से सबसे खराब बनी हुई है। प्रदेश सरकार का ध्यान अपराधों के नियंत्रण पर ना हो और अपराधियों को समय-समय पर सत्ताधारी दल का समर्थन मिलता रहे तो अपराधियों के भीतर से शासन तंत्र का भय खत्म हो जाता है। अपराध व्यापक तौर पर बढ़ते जाते हैं। इसके उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं। एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में मध्यप्रदेश में ज्यादती के कुल मामले 6462, वर्ष 2021 में मध्य प्रदेश में बाल यौन शोषण के कुल मामले 3515, एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में बाल यौन शोषण के कुल 33 हजार 36 मामले सामने आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में मध्यप्रदेश में 17,008 बच्चे क्राइम के शिकार हुए थे। मध्यप्रदेश में 2021 में औसतन हर 17 मिनट में महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक केस दर्ज हुआ। राज्य में 2021 में देश में बलात्कार की वारदात 6,462 दर्ज की गई हैं. इन 6,462 मामलों में 50 प्रतिषत से ज्यादा मामले यानी कि 3515 मामलों में पीड़ित नाबालिग हैं। वहीं वर्ष 2022 में प्रदेश में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों से रेप की घटनाएं 5598 हुई हैं। देश में दर्ज हुए रेप के मामलों में हर दसवां मामला मध्यप्रदेश में दर्ज हुआ है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूरा ध्यान प्रदेश की जनता को भ्रमित करना, रोज नए इवेंट और उसका झूठा प्रचार-प्रसार करने में ही रहता है। प्रदेश के आम आदमी, माताओं-बहनों और लाड़लियों पर क्या गुजर रही है, इस पर उनका ध्यान वर्षों से नहीं है? मध्यप्रदेश की जनता को आज सुरक्षा चाहिए ताकि सार्वजनिक स्थानों पर स्वतंत्र रूप से आ-जा सके। उसे ऐसी व्यवस्था चाहिए लेकिन मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार लाड़ली बहनों और भांजियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम है। इस कारण मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस सरकार को चेतावनी देती है कि मासूम बच्चियों एवं लाड़ली बहनों समेत तमाम महिलाओं की सुरक्षा करें। अन्यथा मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस बड़ा जन आंदोलन करने को बाध्य होगी। वैसे भी लाड़ली बहनों समेत प्रदेश की तमाम जागरूक महिलाएं शिवराज सिंह चौहान से उब चुकी हैं, वह अब बदलाव चाहती है। माननीय कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने पर महिला सुरक्षा पर खास फोकस किया जाएगा।

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