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महाकौशल मे कांग्रेस की तिजोरी में और सीटें डालेंगी प्रियंका गांधी? पिछली बार यहां भाजपा रही ‘फ्लाप’

चुनाव प्रचार के अभियान की शुरुआत पीसीसी चीफ कमलनाथ के गढ़ से करने जा रही हैं प्रियंका

जबलपुर – मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में है। प्रदेश में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार के अभियान की शुरुआत महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीसीसी चीफ कमलनाथ के गढ़ से करने जा रही हैं। प्रियंका 12 जून को जबलपुर में मां नर्मदा की पूजा कर बहुसंख्य वोटरों को धार्मिक संदेश देंगी। इसके बाद बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगी। इसकी तैयारी कांग्रेस जोर-शोर से कर रही है। इस रैली में एक लाख लोगों को जुटाने की तैयारी है।
प्रियंका गांधी 12 जून को दोपहर 11.25 बजे शहीद स्मारक पहुंचकर वहां विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से विंध्य, मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में संभाएं होंगी। इसमें पार्टी के बड़े नेता हिस्सा लेंगे। पार्टी ने बड़ी जनसभाएं करने की योजना बनाई है। शुरुआत महाकौशल से प्रियंका गांधी की रैली से हो रही है। प्रियंका गांधी के महाकौशल चुनने के पीछे की वजह मालवा-निमाड़ में राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर चुके हैं। महाकौशल में आदिवासी वोटरों की अधिक संख्या है, यह कांग्रेस का वोटर है। जिनके कारण ही कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में वापसी की थी।

प्रदर्शन दोहराना चाहती है कांग्रेस

महाकौशल में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को निराशा मिली थी। यहां की 38 सीटों में से भाजपा के पास सिर्फ 11 सीटें है, जबकि कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। वहीं, 2013 में भाजपा ने महाकौशल में 13 सीटें जीती थी। कांग्रेस 2018 की जीत को दोहराना चाहती है। यहां 13 सीटें आदिवासियों और 3 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। महाकौशल की सीटें सत्ता पर पहुंचने का रास्ता तय करती हैं।

निकाय चुनाव में भाजपा को मिली हार

महाकौशल में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा का परिणाम उत्साह जनक नहीं रहा। यहां जबलपुर और छिंदवाड़ा महापौर का चुनाव भाजपा हार गई। कमलनाथ के गढ़ में 18 साल बाद महापौर का चुनाव हार गई। वहीं, जबलपुर में 22 साल बाद भाजपा हारी। वहीं, कटनी में भी निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति सूरी चुनाव जीती थी। हालांकि बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई।

महाकौशल से कांग्रेस ने दो को मंत्री बनाया

कांग्रेस ने 2018 में चुनाव जीतने के बाद महाकौशल से दो विधायकों को मंत्री बनाया था। इसमें तरुण भनौत और लखन घनघोरिया को मंत्री बनाया था। वहीं, भाजपा ने अपने मंत्री परिषद में महाकौशल से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया है।

विंध्य क्षेत्र कार्यकर्ताओं में भरेगा जोश

महाकौशल से सटा हुआ विंध्य क्षेत्र है। यहां के 7 जिलों में से भाजपा ने 30 में से 24 सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां पर भाजपा लगातार फोकस कर रही है। अब कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि महाकौशल में प्रियंका की रैली से विंध्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरेगा।

यह है सीटों की स्थिति

  • जबलपुर (8 सीट): पाटन, बरगी, जबलपुर पूर्व, जबलपुर उत्तर, जबलपुर कैंट, जबलपुर पश्चिम, पनागर, सीहोरा है। यहां चार सीट कांग्रेस और चार भाजपा के पास है।
  • छिंदवाड़ा (7 सीट): जुनारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, सौंसर, छिंदवाड़ा, परासिया, पांढुर्णा है। यह सभी कांग्रेस ने जीती।
  • डिंडौरी (2 सीट) डिंडौरी, शाहपुरा है। इन दोनों पर ही कांग्रेस का कब्जा है।
  • बालाघाट (6 सीट): छह सीट बैहर, बालाघाट, परसवाड़ा, लांजी, बारासिवनी, कटंगी है। इनमें से पांच सीटें कांग्रेस और बारासिवनी निर्दलयी प्रदीप जायसवाल ने जीती।
  • कटनी (4 सीट): बड़वारा, विजयराघवगढ़, मुड़वारा, बहोरीबंद है। यहां पर तीन सीटें भाजपा और एक कांग्रेस के पास है।
  • नरसिंहपुर (4 सीट): गोटेगांव, नरसिंहपुर, तेंदूखेड़ा, गाडरवाड़ा है। तीन कांग्रेस और एक भाजपा के पास है।
  • सिवनी (4 सीट): बरघाट, सिवनी, केवलारी, लखनादौन है। दो कांग्रेस और दो भाजपा के पास है।
  • मंडला (3 सीट): बिछिया, निवास, मंडला है। यहां दो सीट कांग्रेस और एक भाजपा के पास है।
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