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बीजेपी के हाथ से फिसलता लोकसभा चुनाव, गौतम गंभीर जयंत सिन्हा, पवन सिंह ने मैदान छोड़ा

नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के कुछ दिग्गज नेता मायूस और हताश दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि गौतम गंभीर और हर्षवर्धन जैसे दिग्गज नेताओं ने राजनीति छोड़ने की घोषणा कर दी है तो भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने में असमर्थता जता दी है।
एक तरफ लोकसभा चुनाव सर पर हैं, दूसरी तरफ बीजेपी को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। गुजरात के पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने भी मेहसाणा सीट से अपनी दावेदारी ही वापस ले ली है। असम में परिसीमन हो जाने के बाद भी पहले वाली सीटों पर ही भाजपा की लिस्ट जारी होने को भी भाजपा की हताशा से जोड़कर देखा जा रहा है। यहां बहुत किरकिरी होने के बाद भी नई लिस्ट लानी पड़ी।
घोषित लोकसभा टिकट को लेकर जहाँ राजनीतिक पंडितों ने आश्चर्य जताया है वहीं कुछ लोगों ने इसे मोदी और शाह की बीजेपी पर कमजोर होती पकड़ का प्रमाण भी माना है। मीडिया और सोशल मीडिया पर भी बीजेपी के चेहरों के चयन पर खासी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि जनवरी में जो लोकसभा चुनाव भाजपा नेता अपनी झोली में होने का दावा कर रहे थे, मार्च आते-आते वो कई सीटों पर हाथ से फिसलता और अधिकांश सीटों पर कांटे की टक्कर वाला हो चुका है। इसकी कैफियत देते हुए चुनावी विश्लेषकों ने बताया है कि एक तरफ तो बीजेपी ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की एक साल से चल रही तैयारियों को कमतर आँका और दूसरी तरफ बीजेपी हक़ीक़त में लोकसभा चुनाव के लिए तैयार ही नहीं हो सकी। चुनावी तैयारी न होने की बानगी कई नेताओं के टिकट ठुकराने और कई के टिकट वापस करने के रूप में देखी जा रही है।
 
मीडिया की हवा मीडिया तक ही सीमित

स्थिति यह है कि मीडिया ने बीजेपी के पक्ष में जो हवा बनाने के कोशिश की थी वो चुनाव की घोषणा के पहले ही केवल मीडिया कक्ष तक सिमट चुकी है। जनता के बीच ऐसी कोई हवा नहीं है बल्कि जनता बेरोजगारी, महंगाई जैसे अनेक बुनियादी मुद्दों को लेकर अब ज्यादा जागरूक और चौकन्ना नजर आ रही है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि जिस तरह का माहौल जनता के बीच है उसमें अप्रत्याशित परिणाम भी आ सकते हैं और भाजपा के बड़े-बड़े दावों की पोल खुल सकती है।

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