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लोकसभा में पेश आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

मरे लोगों के इलाज  पर करोड़ों खर्च मरे हुए व्यक्तियों के इलाज का क्लेम करने के सबसे ज्यादा मामले

नई दिल्ली – देश के जरूरतमंद नागरिकों को इलाज की सहूलियत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग की लोकसभा में पेश की गई हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस योजना के करीब 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड हैं। इस मोबाइल नंबर में सभी 10 नंबर में 9 का अंक (9999999999) है। वहीं इस योजना के तहत ऐसे मरीज भी लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था।  ऑडिट में सबसे बड़ी खामी ये उजागर हुई है कि इस योजना के तहत ऐसे मरीज इलाज करा रहे हैं जिन रोगियों को पहले मर गया दिखाया गया था। लेकिन मरने के बाद भी वे इलाज कराते रहे। टीएमएस में मृत्यु के मामलों के डेटा को एनालाइज करने से पता चला कि आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार के दौरान 88,760 रोगियों की मृत्यु हो गई। इन रोगियों के संबंध में नए इलाज से संबंधित कुल 2,14,923 दावों को सिस्टम में भुगतान के रूप में दिखाया गया है। ऑडिट रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उपरोक्त दावों में शामिल करीब 3,903 मामलों क्लेम की राशि का भुगतान अस्पतालों को किया गया। इनमें 3,446 मरीजों से संबंधित पेमेंट 6.97 करोड़ रुपये का था।  24.22 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए  कैग की इस ऑडिट रिपोर्ट को संसद में तब पेश किया गया, जब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि सरकार प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत संदिग्ध लेनदेन और संभावित धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग  का इस्तेमाल रह रही है। बघेल ने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी की रोकथाम, पता लगाने और निवारण के लिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त, 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 24.33 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं।  इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा धांधली मरे हुए व्यक्तियों के इलाज का क्लेम करने के सबसे ज्यादा मामले देश के पांच राज्यों में देखने को मिले हैं। जिनमें मध्य प्रदेश भी शामिल हैं। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के दावों का सफल भुगतान राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों की ओर से अपेक्षित जांचों को सत्यापित किए बिना किया जाना बड़ी चूक की तरफ इशारा करता है। ऑडिट में डेटा एनालाइज करते हुए ये भी पता चला कि इस योजना के एक ही लाभार्थी को एक ही समय में कई अस्पतालों में भर्ती किया गया। जुलाई 2020 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी इस मुद्दे को उजागर किया था। एनएचए ने कहा था कि ये मामले उन परिदृश्यों में सामने आते हैं जहां एक बच्चे का जन्म एक अस्पताल में होता है और मां की पीएमजेएवाई आईडी का उपयोग करके दूसरे अस्पताल में नवजात देखभाल के लिए ट्रांसफर कर दिया जाता है।  एक नंबर पर कई लाभार्थी रजिस्टर्ड आयुष्मान भारत योजना को लेकर कैग की ऑडिट रिपोर्ट में जो दूसरा बड़ा खुलासा किया गया है, वो हैरान कर देने वाला है। महालेखा परीक्षक ने बताया है कि इस योजना के तहत लाभ लेने वाले लाखों लाभार्थी ऐसे हैं, जो एक मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड हैं। गौरतलब है कि इस सरकारी स्कीम के तहत लाभ पाने के लिए मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन सबसे जरूरी होता है। लाभार्थी द्वारा रजिस्टर कराए गए मोबाइल नंबर के जरिए ही उसका रिकॉर्ड तलाशा जाता है। आमतौर पर किसी लाभार्थी का मोबाइल नंबर गलत निकलता है या फिर ई-कार्ड खो जाता है, तो लाभार्थी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है और फिर योजना के दायरे में आने वाले अस्पताल इलाज देने से इनकार कर देते हैं। लेकिन यहीं बड़ी धांधली की गई है। दरअसल, इस स्कीम में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन डेस्क से कॉन्टैक्ट किया जा सकता है और ऐसा करने के लिए ई-कार्ड की जरूरत भी नहीं होती।  कैग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटाबेस के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला एक ही मोबाइल नंबर पर कई लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। तीन नंबर पर लगभग 9.85 लाख लोग रजिस्टर्ड हैं। मोबाइल नंबर 9999999999 पर 7.49 लाख लोग योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में रजिस्टर्ड हैं। कैग की ओर से जांच में ये भी सामने आया है कि इस धांधली के लिए सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले अन्य नंबरों में 8888888888, 9000000000, 20, 1435 और 185397 शामिल हैं।  

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