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“विंध्य की बेटी: मुहावरों से झलकती ममता” किताब का विमोचन करेंगे कमलनाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री अर्जुन सिंह जी की धर्मपत्नी स्वर्गीय सरोज कुमारी ने लिखी पुस्तक

भोपाल – मध्यप्रदेश और खासकर विंध्य क्षेत्र के मुहावरों और कहावतों को समेट कर स्वर्गीय श्रीमती सरोज कुमारी ने एक अनूठा और अनोखा मुहावरा और कहावत संग्रह तैयार किया। इसे तैयार करने में उन्होंने अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण वर्ष खर्च किए और इस तरह से बघेलखंड की संस्कृति और परंपरा का एक रुचिकर और लोक स्वीकृत दस्तावेज तैयार किया। इस दस्तावेज को अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन ने एक पुस्तक के स्वरूप में समाज के सामने प्रस्तुत किया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 12 अगस्त को रविंद्र भवन में इस पुस्तक का विमोचन करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जी की सुपुत्री वीणा सिंह ने बताया कि उनकी माताजी सरोज कुमारी ने लंबे परिश्रम के बाद यह पुस्तक तैयार की। पत्रकार वार्ता में विधानसभा के पूर्व उपसभापति श्री राजेंद्र सिंह, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजीव सिंह और सैम वर्मा उपस्थित थे।
वीणा सिंह ने कहा कि सबकी इच्छा थी कि माता जी के जीवन में ही यह पुस्तक प्रकाशित हो जाए लेकिन कुछ कारण बस इसके प्रकाशन में समय लगा।
इस पुस्तक का विमोचन 12 अगस्त को भोपाल के रविंद्र भवन के अंजनी हाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ करेंगे।
पुस्तक के लिए कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी, कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, साहित्यकार अशोक बाजपेई, श्री विवेक तंखा सहित प्रतिष्ठित और प्रबुद्ध लोगों ने अपने संस्मरण और शुभकामना संदेश भेजें हैं, जो पुस्तक में शामिल किए गए हैं।
पुस्तक में बघेली भाषा की 151 कहावतों को शामिल किया गया है। इन मुहावरों और कहावतों का स्वरूप इस प्रकार का है कि इन्हें हिंदी साहित्य में उचित स्थान दिया जा सकता है। यह किताब हिंदी भाषा को समृद्ध करने और बघेली भाषा के सौंदर्य को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
अपनी मां की स्मृति को प्रणाम करते हुए वीणा सिंह ने कहा कि वह पुस्तक के लिए संदेश भेजने और संस्मरण लिखने वाले सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों का आभार व्यक्त करती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी माताजी सरोज कुमारी का विवाह 13 वर्ष की अल्पायु में अर्जुन सिंह जी से हुआ था। मेरी माता जी स्वाभिमानी महिला थी जिन्होंने कभी भी सम्मान से समझौता नहीं किया। इस किताब में एक प्रसंग का जिक्र है, जिसमें जनता पार्टी के नेता ने सरोज कुमारी से कहा कि वह अर्जुन सिंह के समक्ष कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव रखें। इस पर सरोज सिंह ने कहा था कि अर्जुन सिंह जी के कांग्रेस छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता यदि कभी अर्जुन सिंह जी कांग्रेस छोड़ेंगे तो उससे पहले मैं उन्हें छोड़ दूंगी। तब उस व्यक्ति ने कहा कि मैं तो मजाक कर रहा था।
वीणा सिंह ने बताया कि मेरी मां मुहावरे के माध्यम से हमेशा बात करती थी तो एक दिन मैंने उन्हें सुझाव दिया कि आप रोज लिखा कीजिए। मेरी बात को सहज रूप से उन्होंने स्वीकार किया। उन्होंने डायरी के साथ-साथ रोज कई मुहावरों को लिखने का अभ्यास शुरू किया। मैंने उनसे वादा किया था कि मैं उनके मुहावरे प्रकाशित करूंगी। उनके जीवन काल में उसको प्रकाशित नहीं कर सकी। इसका मुझे आज तक दुख है। मुहावरों को एकत्रित करने का मैंने प्रयास किया है। आशा है उनके द्वारा लिखित इन संगठनों से आने वाली पीढ़ी काफी लाभान्वित होगी। अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी मोहसिना किदवई, दिग्विजय सिंह l कमलनाथ, विवेक तंखा,

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