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विकास कार्यों में 50% कमीशन खाने वालों को धर्म, हिन्दुत्व, संतों, महापुरूषों के नाम पर यात्रा निकालने का नैतिक अधिकार नहीं – मिश्रा

मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा की पत्रकार वार्ता

सागर – प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने सागर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी और मध्य प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के उस मुखिया को नैतिकता के आधार पर धर्म, हिंदुत्व, संतों और महापुरूषांे के नाम पर यात्रा निकालने का अधिकार नहीं है जिस सरकार पर विकास कार्यों और सामाजिक समरसता को ध्वस्त करने और ‘50 प्रतिशत कमीशन’ के आरोप साबित हो चुके हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री के के मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सागर दौरे के ठीक पहले यहां पहुंचकर पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। पत्रकार वार्ता का आयोजन जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार पचौरी तथा ग्रामीण अध्यक्ष डॉ आनंद अहिरवार ने संयुक्त रूप से किया। पत्रकार वार्ता में प्रदेश मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अवनीश बुंदेला मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक संभागीय प्रवक्ता अभिषेक गौर शहर कांग्रेस प्रवक्ता आशीष ज्योतिषी, व अवधेश तोमर के अलावा पूर्व विधायक व जबलपुर प्रभारी सुनील जैन, पीसीसी सागर शहर प्रभारी अंजू बघेल, जिला संगठन मंत्री चक्रेश सिंघई भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। प्रदेश मीडिया विभाग अध्यक्ष केके मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में प्रधानमंत्री के मध्यप्रदेश दौरे को लेकर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत स्थानीय मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मामले में भी जमकर हमला बोला।
के के मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कानून-व्यवस्था की दृष्टि से बद से बदतर राज्य के रूप में अपनी सहभागिता दर्ज करा चुका है। एनसीआरबी के तमाम आंकड़े कांग्रेस के इस आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। चाहे महिलाओं, अजा और अजजा के प्रति अत्याचार हो, बलात्कार, गैंगरेप, गैंगरेप के बाद बहनों की हत्या, राशन माफियाओं का जोर, शराब, लकड़ी, रेत यह सभी माफिया एक समानांतर सरकार के रूप में चुनौती दे रहे हैं और सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पूरे प्रदेश में हर आरोपी को सरकार का ही संरक्षण प्राप्त हो रहा है। सागर में युवक के चेहरे पर मैला लगाया गया, विदिशा में एक बच्ची की आत्महत्या में भाजपा नेताओं के नाम सामने आये, मुख्यमंत्री ने उन्हें बचाया। सीधी में जिस तरह आदिवासी भाई के मुंह पर पेशाब कांड की घटना हुई, आरोपी से पहले भाजपा ने किनारा किया और बाद में चेहरा सामने आने के बाद आदिवासी समाज से डरकर, अपने पापों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री ने पैर पकड़ने का स्वांग रचा। सागर संभाग आज पूरी तरह कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को चुनौती दे रहा है, जिस तरह के अपराध यहां राजनीतिक आधार पर पनप रहे हैं और सरकार से जुड़े मंत्रियों, विधायकों और भाजपा नेताओं का उन्हें संरक्षण प्राप्त हो रहा है। ऐसे आरोपियों को न्यायपालिका द्वारा दंडित करने के पहले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, क्लीन चिट देकर अपराधियों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। सीधी तौर पर उनका यह कृत्य न्यायपालिका को चुनौती देने वाला है क्योंकि जो काम न्यायपालिका को करना है, उसके पूर्व गृह मंत्री समांतर न्यायपालिका संचालित कर रहे हैं।
मिश्रा ने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान जो भी गड़बड़ियां सामने आई हैं, उसमें पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी की राजनीति से जुड़े लोग शामिल हैं। जिस तरह योग्य प्रतिभाओं का उनकी जिंदगी में अंधेरा परोस कर इस व्यापम पार्ट-3 के माध्यम से अपमान किया गया है, उस गठजोड़ में पूरी तरह शिक्षा माफिया, दलाल, राजनेता, नौकरशाह और सरकार में बैठे लोगों का एक गठजोड़ शामिल है। आखिरकार क्या कारण है कि व्यापम पार्ट-1में भी ग्वालियर चंबल संभाग से जुड़े भाजपा नेताओं और नौकरशाहों के चेहरे सामने आए थे और व्यापम पार्ट-2 भी पूरी तरह इसी संभाग के भाजपा से जुड़े नेताओं के माध्यम से साकार हुआ है।
सरकार की नियत पर एक सवालिया निशान यह भी लग रहा है कि सरकार एक लाख नौजवानों को रोजगार देने की बात कर रही है और नौकरियों में 15-15 लाख रुपयों के भ्रष्टाचार के बाद ऐसी परीक्षायें जो भ्रष्टाचार को समर्पित है, उक्त गठजोड़ के माध्यम से हो रही हैं। अभ्यर्थियों का चयन पहले ही हो रहा है और होनहार बालक-बालिका अपने अधिकार से वंचित होकर घोटाले और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं।
मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में चार माह बाद होने जा रहे विधानसभा के चुनाव मध्य प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने वाले साबित होंगे, क्योंकि यहां जनता को फैसला एक विजन वाले नेता और टेलीविजन वाले नेता के बीच करना है। जहां तक टेलीविजन वाले नेता का प्रश्न है उनके चेहरे को भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी अस्वीकार कर चुका है। मध्य प्रदेश की जनता उन्हें क्यों? कैसे? और किसलिए स्वीकार करेगी? जिस तरह भारतीय जनता पार्टी, नाराज, महाराज और शिवराज के गुटों में बंटी हुई है, उसे देखते हुए तो लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में 50 सीटों पर ही सिमट रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘हमारा गर्व विकास पर्व’ यात्रा करते घूम रहे हैं वहां की जनता उनसे पूछे कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान उन्होंने जो घोषणाएं की थी, आज तक पूरी क्यों नहीं हुई? मुख्यमंत्री जी के विकास कार्यों पर तो उन्हीं की पार्टी के केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने प्रश्नचिन्ह लगा दिया है कि उनके ही संसदीय क्षेत्र में वर्ष 2013 और 2018 में जो मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी आज तक पूरी नहीं हुई है। जब उन्हीं के सांसद जो मध्य प्रदेश से निर्वाचित हैं केंद्रीय मंत्री के रूप में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वही मुख्यमंत्री जी की झूठी घोषणाओं से आहत हैं तो मध्य प्रदेश की जनता उन पर विश्वास क्यों और किसलिए करें? उन्होंने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि मप्र में दलित, आदिवासी वर्ग पर अत्याचार, बलात्कार, हत्या के मामले में मप्र देश में नंबर एक पर है। वहीं भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग का 27 प्रशिक्षण समाप्त कर इस वर्ग के घोर अन्याय किया है।
मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश 4 लाख 30 हजार करोड़ के कर्जबोझ के तले दबा हुआ है। माननीय मुख्यमंत्री जी खाली खजाने के बावजूद भी निरंतर झूठी घोषणाओं का कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्हें मालूम है कि चार माह बाद उनकी सम्मानजनक ढंग से विदाई होगी। लिहाजा, इस दौर में जितना झूठ बोलना है बोल लीजिए। हमारी मुख्यमंत्री जी से मांग है कि विकास यात्रा के दौरान एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करें और बताएं कि इतना भारी भरकम कर्ज लेने के बावजूद भी किस-किस विकास कार्य पर कितना खर्च हुआ? और उस करोड़ो रुपयों के कर्ज में 50 प्रतिशत कमीशन खाने वाले कौन-कौन शामिल है?
मिश्रा ने कहा कि जहां-जहां भी मुख्यमंत्री इस यात्रा को लेकर निकल रहे हैं, वहां के नागरिकों को विकास कार्यों में हुए भारी भरकम भ्रष्टाचार को लेकर उनसे सवाल करना चाहिए। कांग्रेस की मांग है की पटवारी भर्ती परीक्षा के भी वास्तविक अभ्यर्थियों के साथ न्याय करने के लिए पूरी परीक्षा स्थगित हो और उसकी जांच सीबीआई से कराई जाए क्योंकि व्यापम पार्ट-1 में दोषी अपराधी आज तक कानून के शिकंजे से बाहर है। व्यापम पार्ट-2 कृषि विस्तार अधिकारियों के चयन को लेकर था, उसमें भी माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है, फिर भी दोषी चेहरा सामने नहीं आ सका है। जबकि वह मुख्यमंत्री के बगल में बैठ सकता है, उसका नाम सार्वजनिक करने में मुख्यमंत्री को क्या आपत्ति है?
मिश्रा ने 12 अगस्त को सागर पधार रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से कहा था कि ‘न खाउंगा न खाने दूंगा, भ्रष्टाचार को लेकर वे दो दिन पर्वू भी बोले हैं, किंतु मप्र को विश्व में कलंकित करने वाले 90 अरब रू. के भ्रष्टाचार से संबंधित व्यापमं, सिंहस्थ, डम्पर, 18 सालों में हुये अरबोंरू. के भ्रष्टाचार, ध्वस्त बांध, तालाबों, सड़कों के निर्माणों, पटवारी भर्ती घोटाले, भ्रष्टाचार के प्रमाणों को नष्ट करने के लिए सतपुड़ा भवन में लगी प्रायोजित आग, महाकाल लोक में उन्हीं के हाथों हुए लोकापर्ण के दौरान हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार पर अब तक खामोश क्यों हैं। सागर की सभी में उस पर स्पष्ट रूप से कुछ कहें, ताकि उनकी कथनी और करनी का अंतर स्पष्ट हो सके।
श्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी माननीय कमलनाथ जी के नेतृत्व में यह चुनाव जनता के मुद्दों पर लड़ेगी। कांग्रेस पार्टी नारी सम्मान योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रतिमाह ₹1500 और ₹500 में गैस सिलेंडर प्रदान करेगी। कांग्रेस सरकार बनने पर मध्य प्रदेश वासियों को 100 यूनिट बिजली माफ और 200 यूनिट बिजली हाफ दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। कांग्रेस की सरकार किसानों की कर्ज माफी करेगी और पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करेगी।
श्री मिश्रा ने कहा कि बीते दिनों मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जबलपुर गए थे और वहां पर उन्होंने लाडली बहना योजना का आरंभ किया। मुझे यह देखकर तसल्ली हुई कि जबलपुर की माताएं बहने शिवराज जी के स्वभाव को भलीभांति जान गई हैं इसलिए उनके कार्यक्रम में कुर्सियां खाली रही और जो बहनें आई हुई थी वह शिवराज जी की झूठी घोषणा सुनकर उनके भाषण के दौरान ही सभा स्थल से चली गई।
श्री मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह अपने भाषण में महिलाओं के सम्मान के नाम पर बोली लगाना शुरू की वह अत्यंत निंदनीय है। हजार दूंगा 12000 दूंगा डेढ़ हजार दूंगा 2,000 दूंगा! क्या यह भाषा मुख्यमंत्री को शोभा देती है। खरीद-फरोख्त से बनी सरकार के मुखिया अब वोट खरीदने के लिए मंडी में बोले जाने वाली खरीद-फरोख्त की भाषा बोलने लगे हैं।
श्री मिश्रा ने कहा कि लाडली बहना योजना की पोल तो तभी खुल गई थी जब योजना लांच होने से पहले ही सरकार ने करीब 26000 महिलाओं को अपात्र घोषित कर दिया। यह योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 18 साल की 22000 झूठी घोषणाओं की तरह ही, एक झूठा जुमला है।
श्री मिश्रा ने कहा की 18 साल की सरकार में शिवराज सिंह चौहान जी ने मध्यप्रदेश की पहचान बेरोजगारी, गरीबी, घोटालों, महिलाओं पर अत्याचार और किसानों की बदहाली से बना दी है। शिवराज सरकार में भ्रष्टाचार की सारी हदें पार हो चुकी है।
श्री मिश्रा ने कहा कि माननीय कमलनाथ जी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि शिवराज सरकार के पाप का घड़ा भर गया है। अपना पाप धोने के लिए ही इन्हें आज बहने और मध्य प्रदेश की जनता याद आ रही है। मध्य प्रदेश की जनता इस विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के 18 साल के पाप का दंड उन्हें देगी और माननीय कमलनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनना तय है।

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