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आलोट में सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और नागदा की बजाय आलोट को जिला बनाने की मांग की

जनप्रतिनिधियों के साथ ही व्यापारी संगठनों व आमजन ने भी आलोट को जिला बनाने की मांग मजबूती से रखी

आलोट – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नागदा को जिला बनाने की घोषणा की गई थी, जिसको लेकर अब लगातार विरोध के स्वर बढ़ते जा रहे है। कल जहां एक ओर जावरा शहर वासियों ने नगर व स्कूल कॉलेज बंद रख जावरा को जिला बनाने की मांग की। वहीं आज आलोट में सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और नागदा की बजाय आलोट को जिला बनाने की मांग की। रैली निकालकर नारेबाजी कर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
आलोट जिला बनाओ समिति के नेतृत्व में क्षेत्रवासी व ग्रामीण व्यापारी और जनप्रतिनिधि विट्ठल मंदिर चौराहे पर एकत्रित हुए। यहां से पैदल मार्च करते नगर परिषद कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर आलोट को जिला बनाने की मांग की। जनप्रतिनिधियों के साथ ही व्यापारी संगठनो व आमजन ने भी आलोट को जिला बनाने की मांग मजबूती से रखी।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष कालू सिंह परिहार ने कहा कि हमें उस नागदा में शामिल किया जा रहा है, जो पांच वर्ष पहले तहसील बना। नागदा को अचानक से जिला बनाने की घोषणा, जिसमें आलोट जैसी तहसील को शामिल किया जा रहा है, जबकि आलोट खुद रियासत काल से तहसील मुख्यालय रहा है। इसका इतिहास 100 वर्ष से भी पुराना है। 8 लेन, 4 लेन, नवोदय, CM राइस स्कूल जैसी सुविधा आलोट नगर में हैं। आगामी समय में आधुनिक रेलवे स्टेशन, 35 करोड़ की लागत से नवीन कॉलेज भवन भी प्रस्तावित है, ऐसे में आलोट को जिला बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।

ताल और खाचरोद के व्यापारी संगठन ने भी आलोट आकर नागदा में शामिल नहीं होने के लिए अपना समर्थन दिया। ताल नगर के व्यापारी संगठनों ने तो आलोट को जिला बनाने में भी अपनी सहमति दी। नागदा को जिला बनाने का गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ, इसमें नागदा, खाचरोद, ताल और आलोट को मिलाकर नागदा को जिला बनाना है, लेकिन पहले खुद नागदा की विधानसभा खाचरोद शहर बंद कर विरोध किया। ताल नगर को व्यापारियों ने एक दिन बंद कर अपना विरोध दर्ज करवाया। वहीं, अब लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। अब व्यापारी संगठन चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं। आज आलोट नगर भी मुखर हुआ और हजारों की संख्या में सड़कों पर लोगों ने उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया, इससे नागदा जिला बनने की राह अब आसान नहीं है।

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