You are here
Home > Uncategorized > शिवराज न सिर्फ खुद झूठ बोल रहे हैं, अपितु अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं – कमलनाथ

शिवराज न सिर्फ खुद झूठ बोल रहे हैं, अपितु अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं – कमलनाथ

भोपाल – मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संवैधानिक पद पर रहकर न सिर्फ खुद झूठ बोल रहे हैं, अपितु अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी झूठी जानकारियां उपलब्ध कराकर उन्हें भी झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
ग्वालियर-चंबल संभाग में 21 जुलाई 2023 को कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी की जन आक्रोश रैली में जिस प्रकार लाखों लोगों ने मुखरता से मप्र की भाजपा सरकार को उखाड़ फैकने का संकल्प लिया, उसे देखकर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेहद व्यथित हैं और वे अपनी इस निराशा को एक और झूठ बोलकर व्यक्त कर रहे हैं।
कल प्रियंका गांधी जी ने मप्र के कुछ गंभीर मुद्दों को रेखांकित किया था, जिसमें किसानों की घटती आमदनी, पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला, महाकाल लोक में हुये भीषणतम भ्रष्टाचार और महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उन्होंने मुखरता से उठाये। मुख्यमंत्री जी को पीड़ा इस बात की है कि प्रियंका गांधी जी किसानों की घटती आमदनी और बेरोजगारी का सच प्रदेश की जनता के सामने क्यों रखा? आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी मप्र के मुख्यमंत्री जी का झूठ और मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जी को दी गई गलत जानकारी का सच प्रदेश के सामने उजागर कर रही है।

किसानों की आमदनी न हुई दोगुना-दर्द दिया सौ गुना

मप्र के किसानों की आमदनी कम होने का सच खुद मोदी सरकार की संसदीय समिति ने देश के सामने रखा है। मोदी सरकार की संसदीय समिति ने दिसम्बर, 2022 में यह बताया है कि मप्र देश के उन चार राज्यों में शामिल है, जिसके किसानों की आमदनी बहुत अधिक घट गई है। वर्ष 2015-16 में जो आमदनी 9740 रू. प्रतिमाह थी वह घटकर 8339 रू. प्रतिमाह रह गई है।
मोदी सरकार के एनएसएसओ ने सितम्बर 2021 की अपनी 77 वीं रिपोर्ट में यह भी बताया था कि फसल उत्पादन में सलग्न प्रति कृषि परिवार की मासिक फसल से प्राप्ति 26.59 रू. प्रतिदिन है। जहां तक किसान सम्मान निधि का प्रश्न है तो भाजपा सरकारों ने 25 हजार रू. हेक्टेयर खेती की लागत बढ़ाकर न सिर्फ किसान सम्माननिधि को नगण्य साबित किया है, अपितु किसानों को कर्ज के बोझ में भी दबा दिया है। वर्तमान में मप्र में 3.5 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के दायरे से बाहर कर दिया है।
केंद्र प्रायोजित योजना में 2022-23 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग का 61 प्रतिशत पैसा कृषि कल्याण के लिए खर्च ही नहीं किया गया। मप्र में भाजपा राज में 20489 किसान आत्महत्या के लिए विवश हुये।

मुख्यमंत्री ने नड्डा जी से सच छुपाया और झूठ बुलवाया

जून 2023 में मप्र के निमाड़ क्षेत्र के दौरे पर आये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जी से यह झूठ कहलवाया गया कि मप्र में शिवराज सरकार किसानों की भावांतर योजना चला रही है और कमलनाथ सरकार ने इसे बंद कर दिया था। जबकि सच यह है कि 2019-20 में भावांतर भुगतान योजना/ फ्लेट भावांतर योजना में 2019-20 मंे कमलनाथ सरकार के दौरान 422 करोड़ 84 लाख रूपये की राशि खर्च की गई। भाजपा सरकार में 2021-22 में एक भी पैसा इस योजना पर खर्च नहीं किया गया, वहीं 2022-23 में इस योजना में मात्र एक हजार रूपये का प्रावधान किया गया मगर पैसा खर्च नहीं किया गया। वर्ष 2023-24 के बजट में भी मात्र एक हजार रूपये का प्रावधान इस योजना में रखा गया है।

रीवा में प्रधानमंत्री के सम्मुख मुख्यमंत्री ने परोसा झूठ

प्रधानमंत्री जी की मौजूदगी में अप्रैल 2023 में मुख्यमंत्री जी ने तीन बड़े झूठ बोले। एक कहा कि किसानों की आमदनी दोगुना हो गई, दूसरा कहा कि कमलनाथ सरकार ने जल-जीवन मिशन योजना का पैसा उपयोग नहीं किया और राशि केंद्र को वापिस कर दी और तीसरा झूठ कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की राशि भी कमलनाथ सरकार ने उपयोग नहीं की और केंद्र को वापिस कर दी।

पीएम आवास का सच

जबकि सच्चाई यह है कि कमलनाथ सरकार ने पीएम आवास योजना ग्रामीण में जनवरी 2018 से मार्च 2019 तक कुल 75145 घरों का निर्माण किया गया तथा अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 271273 घरों का निर्माण किया गया। अर्थात कुल 346418 घरों का निर्माण किया गया, जिसमें कमलनाथ सरकार ने 1662.8 करोड़ रूपये खर्च किये और केंद्र सरकार ने 2494.2 करोड़ रू. खर्च किये। क्योंकि इस योजना में 60 प्रतिशत केंद्र की और 40 प्रतिशत राज्य की हिस्सेदारी है।

जल-जीवन मिशन का सच

यह योजना केंद्र सरकार द्वारा 2019 मंे ही प्रारंभ की गई थी, जिसमें इस योजना पर 2019-20 मंे कुल 615.65 करोड़ रूपये खर्च किये गये थे। इस योजना में केंद्र सरकार ने 326.65 करोड़ रू. केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराये थे तथा राज्य सरकार ने अपने हिस्से के 288.75 करोड़ रूपये खर्च किये थे।
उपरोक्त दोनों योजनाओं में कमलनाथ सरकार ने एक भी पैसा केंद्र को वापिस नहीं किया और दोनों योजनाओं को पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया।

प्रधानमंत्री को भी रखा अंधेरे में

जून 2023 में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भोपाल आये थे, उन्होंने कहा था कि भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रू. से कम है। जबकि प्रधानमंत्री जी जहां भोपाल में भाषण दे रहे थे, वहां पेट्रोल 108 रूपये से अधिक प्रतिलीटर मिल रहा था। प्रदेश की भाजपा सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्टस पर कर लगाकर कमलनाथ सरकार की तुलना में लगभग 4000 करोड़ रू. प्रतिवर्ष अधिक वसूलना प्रारंभ कर दिया है। 20

Top